सीहोर में उप स्वास्थ्य केन्द्र पर लटका ताला:ग्रामीण इलाज के लिए महंगे क्लिनिक या जिला अस्पताल जाने के लिए मजबूर

सीहोर जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्रों के नाम बदलकर "आरोग्य मंदिर" कर दिए गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। इन केन्द्रों पर ताले लगे रहते हैं और मरीज इलाज के लिए भटकते रहते हैं। शासन ने भारी खर्च कर गांवों में उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण किया और स्टाफ की नियुक्ति भी की, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। जानकारी के अनुसार श्यामपुर ब्लाक के ग्राम खण्डवा स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र में स्टाफ अक्सर अनुपस्थित रहता है। ग्रामीणों को महंगे निजी क्लिनिकों या जिला अस्पताल सीहोर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। 'लापरवाही करने वाले पर कार्रवाई की जाएगी' सीबीएमओ डॉ. नवीन मेहर ने कहा कि अगर कोई सीएचओ इस प्रकार की लापरवाही और मनमानी कर रहा है, तो उसकी जानकारी सीएमएचओ को दी जाएगी और उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। पांच जगह का काम है- रुचि वर्मा आयुष्मान बनाने का काम चल रहा है, मेरे पास पांच गांव का काम है। मैं इन गांवों में जाकर ग्रामीणों का उपचार करती हूं। ये कहना था रुचि वर्मा का, जो सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी हैं और उपस्वास्थ्य केन्द्र खण्डवा में कार्यरत हैं। ग्रामीणों की शिकायतें बेअसर खण्डवा गांव के निवासी वृद्ध बाला प्रसाद गौर ने बताया कि उप स्वास्थ्य केन्द्र समय पर नहीं खुलता।यहां के कर्मचारी मनमाने तरीके से आते-जाते हैं। गांव के युवक प्रवीण वर्मा ने कहा कि उन्होंने कई बार लापरवाही की शिकायत सीमए हेल्पलाइन पर की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। शिकायतें दबाने का दबाव भी बनाया जाता है। पांच गांव के मरीज परेशान उप स्वास्थ्य केन्द्र खण्डवा पर पांच गांव के ग्रामीण उपचार के लिए निर्भर हैं। इन गांवों में बड़ी आबादी निवास करती है, जिनमें खण्डवा की आबादी लगभग 5 हजार है। इसके अलावा समीपस्थ ग्राम कचनेरिया, धोबीखेडी, पलासी और सरखेडा के ग्रामीण भी उपचार के लिए आरोग्य मंदिर सरखेडा पहुंचते हैं। हालांकि यहां अक्सर ताला लगा मिलता है, जिससे इन ग्रामीणों को इलाज के लिए बहुत परेशानी होती है।

सीहोर में उप स्वास्थ्य केन्द्र पर लटका ताला:ग्रामीण इलाज के लिए महंगे क्लिनिक या जिला अस्पताल जाने के लिए मजबूर
सीहोर जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्रों के नाम बदलकर "आरोग्य मंदिर" कर दिए गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। इन केन्द्रों पर ताले लगे रहते हैं और मरीज इलाज के लिए भटकते रहते हैं। शासन ने भारी खर्च कर गांवों में उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण किया और स्टाफ की नियुक्ति भी की, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। जानकारी के अनुसार श्यामपुर ब्लाक के ग्राम खण्डवा स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र में स्टाफ अक्सर अनुपस्थित रहता है। ग्रामीणों को महंगे निजी क्लिनिकों या जिला अस्पताल सीहोर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। 'लापरवाही करने वाले पर कार्रवाई की जाएगी' सीबीएमओ डॉ. नवीन मेहर ने कहा कि अगर कोई सीएचओ इस प्रकार की लापरवाही और मनमानी कर रहा है, तो उसकी जानकारी सीएमएचओ को दी जाएगी और उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। पांच जगह का काम है- रुचि वर्मा आयुष्मान बनाने का काम चल रहा है, मेरे पास पांच गांव का काम है। मैं इन गांवों में जाकर ग्रामीणों का उपचार करती हूं। ये कहना था रुचि वर्मा का, जो सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी हैं और उपस्वास्थ्य केन्द्र खण्डवा में कार्यरत हैं। ग्रामीणों की शिकायतें बेअसर खण्डवा गांव के निवासी वृद्ध बाला प्रसाद गौर ने बताया कि उप स्वास्थ्य केन्द्र समय पर नहीं खुलता।यहां के कर्मचारी मनमाने तरीके से आते-जाते हैं। गांव के युवक प्रवीण वर्मा ने कहा कि उन्होंने कई बार लापरवाही की शिकायत सीमए हेल्पलाइन पर की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। शिकायतें दबाने का दबाव भी बनाया जाता है। पांच गांव के मरीज परेशान उप स्वास्थ्य केन्द्र खण्डवा पर पांच गांव के ग्रामीण उपचार के लिए निर्भर हैं। इन गांवों में बड़ी आबादी निवास करती है, जिनमें खण्डवा की आबादी लगभग 5 हजार है। इसके अलावा समीपस्थ ग्राम कचनेरिया, धोबीखेडी, पलासी और सरखेडा के ग्रामीण भी उपचार के लिए आरोग्य मंदिर सरखेडा पहुंचते हैं। हालांकि यहां अक्सर ताला लगा मिलता है, जिससे इन ग्रामीणों को इलाज के लिए बहुत परेशानी होती है।