सीएचसी अधीक्षक ने 10 दिन बाद भी नहीं छोड़ा चार्ज:राजनीतिक रसूख के कारण मनमानी, नए प्रभारी का कार्यभार रुका

हरदोई के पिहानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तबादले के बाद भी पुराने अधीक्षक द्वारा कार्यभार न छोड़ने का मामला सामने आया है। डॉ. जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव का स्थानांतरण 2 अप्रैल को किया गया था। नियमानुसार उन्हें 24 घंटे के भीतर कार्यभार छोड़ना था। डॉ. श्रीवास्तव पिछले 10 वर्षों से पिहानी सीएचसी में तैनात थे। उन्हें उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (भंडार कार्यालय) और प्रभारी जिला कुष्ठ अधिकारी हरदोई का नया प्रभार दिया गया है। उनकी जगह सांडी से डॉ. अखिलेश बाजपेई को नया अधीक्षक नियुक्त किया गया है। डॉ. बाजपेई ने पुष्टि की है कि उन्हें अभी तक पिहानी सीएचसी का कार्यभार नहीं मिला है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, डॉ. श्रीवास्तव आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग की इस मामले में चुप्पी से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही शासन के आदेशों की अवहेलना से प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेशों की खुली अवहेलना से विभागीय अनुशासन भी प्रभावित हो रहा है।

सीएचसी अधीक्षक ने 10 दिन बाद भी नहीं छोड़ा चार्ज:राजनीतिक रसूख के कारण मनमानी, नए प्रभारी का कार्यभार रुका
हरदोई के पिहानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तबादले के बाद भी पुराने अधीक्षक द्वारा कार्यभार न छोड़ने का मामला सामने आया है। डॉ. जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव का स्थानांतरण 2 अप्रैल को किया गया था। नियमानुसार उन्हें 24 घंटे के भीतर कार्यभार छोड़ना था। डॉ. श्रीवास्तव पिछले 10 वर्षों से पिहानी सीएचसी में तैनात थे। उन्हें उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (भंडार कार्यालय) और प्रभारी जिला कुष्ठ अधिकारी हरदोई का नया प्रभार दिया गया है। उनकी जगह सांडी से डॉ. अखिलेश बाजपेई को नया अधीक्षक नियुक्त किया गया है। डॉ. बाजपेई ने पुष्टि की है कि उन्हें अभी तक पिहानी सीएचसी का कार्यभार नहीं मिला है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, डॉ. श्रीवास्तव आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव के कारण पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग की इस मामले में चुप्पी से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही शासन के आदेशों की अवहेलना से प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेशों की खुली अवहेलना से विभागीय अनुशासन भी प्रभावित हो रहा है।