जन्म के कुछ घंटे बाद बाघ शावक की मौत:एसटीआर के चूरना में मृत मिला था; प्रबंधन ने चार दिन बाद दी जानकारी

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के चूरना क्षेत्र में एक मादा बाघ शावक की जन्म के कुछ घंटों बाद ही मौत हो गई। शावक का शव 12 अप्रैल की शाम को टूरिस्ट सफारी रूट पर मिला था। फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि साकोट बीट के कक्ष क्रमांक 202 में मिला शावक जन्म के मात्र 2-5 घंटे बाद ही मृत पाया गया। सफारी के दौरान पर्यटकों ने शावक को रेंगते हुए देखा था, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने बाघिन मां के लौटने की संभावना को देखते हुए कुछ समय के लिए रास्ता बंद कर दिया था। नहीं मिले शिकार के प्रमाण उन्होंने बताया कि शव की जांच में अवैध शिकार के कोई प्रमाण नहीं मिले। पशु चिकित्सक डॉ. गुरुदत्त शर्मा और डॉ. संजय कुमार सिंघई द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम में सामान्य मौत की पुष्टि हुई। शावक के अंग जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। हाथी गश्ती दल कर रहा निगरानी घटना के बाद से एसटीआर का हाथी गश्ती दल और डॉग स्क्वाड क्षेत्र की निगरानी कर रहा है। पैदल गश्ती दल भी चार दिनों से इलाके में नजर बनाए हुए है, ताकि बाघिन द्वारा जन्मे अन्य संभावित शावकों को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल चिकित्सकीय सहायता दी जा सके। चार दिन बाद जारी किया प्रेस नोट एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार शावक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। विभाग ने घटना की जानकारी स्टेट और ऑनलाइन पोर्टल पर तत्काल अपडेट की, हालांकि प्रेस विज्ञप्ति चार दिन बाद जारी की गई।

जन्म के कुछ घंटे बाद बाघ शावक की मौत:एसटीआर के चूरना में मृत मिला था; प्रबंधन ने चार दिन बाद दी जानकारी
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के चूरना क्षेत्र में एक मादा बाघ शावक की जन्म के कुछ घंटों बाद ही मौत हो गई। शावक का शव 12 अप्रैल की शाम को टूरिस्ट सफारी रूट पर मिला था। फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि साकोट बीट के कक्ष क्रमांक 202 में मिला शावक जन्म के मात्र 2-5 घंटे बाद ही मृत पाया गया। सफारी के दौरान पर्यटकों ने शावक को रेंगते हुए देखा था, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने बाघिन मां के लौटने की संभावना को देखते हुए कुछ समय के लिए रास्ता बंद कर दिया था। नहीं मिले शिकार के प्रमाण उन्होंने बताया कि शव की जांच में अवैध शिकार के कोई प्रमाण नहीं मिले। पशु चिकित्सक डॉ. गुरुदत्त शर्मा और डॉ. संजय कुमार सिंघई द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम में सामान्य मौत की पुष्टि हुई। शावक के अंग जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। हाथी गश्ती दल कर रहा निगरानी घटना के बाद से एसटीआर का हाथी गश्ती दल और डॉग स्क्वाड क्षेत्र की निगरानी कर रहा है। पैदल गश्ती दल भी चार दिनों से इलाके में नजर बनाए हुए है, ताकि बाघिन द्वारा जन्मे अन्य संभावित शावकों को आवश्यकता पड़ने पर तत्काल चिकित्सकीय सहायता दी जा सके। चार दिन बाद जारी किया प्रेस नोट एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार शावक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। विभाग ने घटना की जानकारी स्टेट और ऑनलाइन पोर्टल पर तत्काल अपडेट की, हालांकि प्रेस विज्ञप्ति चार दिन बाद जारी की गई।