अमरकंटक में कड़ाके की ठंड ने बढ़ाई ठिठुरन:न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस हुआ दर्ज, अलाव का सहारा ले रहे लोग

अमरकंटक, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, इन दिनों कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है। इस हिल स्टेशन पर सर्द हवाओं और कम तापमान ने ठिठुरन बढ़ा दी है। अमरकंटक का शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड का असर इतना अधिक है कि ओस की बूंदें सफेद चादर में बदल जाती हैं। अमरकंटक की ठंड पर्यटकों को आकर्षित करती है यहां की ठंड सर्दियों में पर्यटकों को आकर्षित करती है, जिससे सर्दियों के मौसम में अमरकंटक में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि, स्थानीय लोगों के लिए यह मौसम चुनौतियां लेकर आता है। दुकानदार और अन्य स्थानीय लोग अपने दैनिक कामकाज में ठंड से बचने के लिए दुकानों के बाहर अलाव जलाकर गर्मी का सहारा लेते हैं। अमरकंटक की ठंड सर्दियों में चरम पर होती है अमरकंटक और इसके आसपास के गांवों में पिछले कुछ दिनों से ठंड तेजी से बढ़ी है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में यहां ठंड अपने चरम पर होती है, और इस बार ठंड समय से पहले शुरू हो गई है। पर्यटकों के लिए यह ठंड रोमांचकारी हो सकती है, लेकिन स्थानीय लोगों को इससे निपटने में काफी कठिनाई होती है।

अमरकंटक में कड़ाके की ठंड ने बढ़ाई ठिठुरन:न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस हुआ दर्ज, अलाव का सहारा ले रहे लोग
अमरकंटक, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, इन दिनों कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है। इस हिल स्टेशन पर सर्द हवाओं और कम तापमान ने ठिठुरन बढ़ा दी है। अमरकंटक का शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड का असर इतना अधिक है कि ओस की बूंदें सफेद चादर में बदल जाती हैं। अमरकंटक की ठंड पर्यटकों को आकर्षित करती है यहां की ठंड सर्दियों में पर्यटकों को आकर्षित करती है, जिससे सर्दियों के मौसम में अमरकंटक में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि, स्थानीय लोगों के लिए यह मौसम चुनौतियां लेकर आता है। दुकानदार और अन्य स्थानीय लोग अपने दैनिक कामकाज में ठंड से बचने के लिए दुकानों के बाहर अलाव जलाकर गर्मी का सहारा लेते हैं। अमरकंटक की ठंड सर्दियों में चरम पर होती है अमरकंटक और इसके आसपास के गांवों में पिछले कुछ दिनों से ठंड तेजी से बढ़ी है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में यहां ठंड अपने चरम पर होती है, और इस बार ठंड समय से पहले शुरू हो गई है। पर्यटकों के लिए यह ठंड रोमांचकारी हो सकती है, लेकिन स्थानीय लोगों को इससे निपटने में काफी कठिनाई होती है।