रातापानी टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत:सड़क हादसे में गई जान; कल CM ने टाइगर रिजर्व का किया था लोकार्पण
रातापानी टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत:सड़क हादसे में गई जान; कल CM ने टाइगर रिजर्व का किया था लोकार्पण
रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण करने के 24 घंटे के अंदर रायसेन जिले के गौहरगंज रेंज में एक साल की बाघिन की मौत हो गई। बाघिन की मौत की वजह सड़क दुर्घटना में अज्ञात वाहन से लगी टक्कर बताई जा रही है। इसे आज सुबह सड़क पर मृत पड़ा पाया गया। इसके बाद वन विभाग के अफसरों को सूचना दी गई। कल ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया था। वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने घटना को लेकर कहा कि, कल ही मुख्यमंत्री ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया है और आज भोपाल-जबलपुर रोड पर गौहरगंज में हादसे में बाघिन की मौत होने की जानकारी सामने आई है। सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा कि टाइगर और अन्य जानवरों की सुरक्षा हो सके। वन अधिकारी बोले- आधी रात के बाद की घटना वन मंडल अधिकारी सामान्य वन मंडल औबेदुल्लागंज कार्यालय के अनुसार, रात 12 से 1 बजे के बीच यह घटना होने का अनुमान है। एनएच-45 गौहरगंज जबलपुर हाईवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से एक साल की बाघिन की मौत होने की सूचना मिली। रात सवा एक बजे वन मंडल औबेदुल्लागंज के रात्रि गश्ती दल ने सूचना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद वन परिक्षेत्र अधिकारी बिनेका और गौहरगंज अधीनस्थ स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। मृत बाघिन के चारों ओर बेरिकेट्स लगाकर उसकी डेडबॉडी को सुरक्षित किया गया। आज सुबह सात बजे वनमंडल औबेदुल्लागंज के पशु चिकित्सक डॉ. अमित ओड और वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन ट्रस्ट के डॉ. प्रशांत, एनटीसीए के प्रतिनिधियों के साथ उप वनमंडलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद एनटीसीए की एसओपी के आधार पर कार्रवाई की गई। टीम ने डॉग स्क्वाड की मदद से आस पास के इलाकों में सर्चिंग की कोशिश की। इसके बाद बाघिन का पोस्टमार्टम कर फोरेंसिक जांच के लिए सैंपल एकत्र किए गए और बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया। इस मामले में वन अधिनियम के अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया है। रातापानी में 96 बाघ रातापानी टाइगर रिजर्व एकमात्र लैंडस्केप बन गया है, जहां 96 बाघों ने उपस्थिति दर्ज कराई है। रातापानी टाइगर रिजर्व लैंडस्केप में वर्ष 2026 में होने वाली गणना में 150 से अधिक बाघ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। 2026 तक प्रदेश में बाघों की संख्या 1100 के आसपास हो सकती है। इसका सर्वे रातापानी टाइगर रिजर्व से शुरू होगा। रातापानी में इस समय 12 से अधिक बाघिन शावकों के साथ मूवमेंट कर रही हैं। इनकी संख्या तकरीबन 30 है। ये शावक गणना तक वयस्क हो जाएंगे। बाघिनों के मूवमेंट वाले इलाके में 60 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। एमपी में 785 बाघ हैं रातापानी और माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने से पहले मध्य प्रदेश में 7 टाइगर रिजर्व हैं। ये टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही हैं। अब रातापानी और माधव नेशनल पार्ट के टाइगर रिजर्व बनने से ये संख्या 9 हो गई है। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। वर्ष 2022 की गणना के मुताबिक यहां 785 बाघ हैं। वर्ष 2018 में यह संख्या 526 थी। मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ने की वजह से यहां वन्य जीवों के आशियाने तेजी से बढ़ रहे हैं। ये भी खबर पढ़ें... प्रदेश के 8वें टाइगर रिजर्व रातापानी का लोकार्पण सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व रातापानी का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम ने कहा, मुझे आज तक नहीं समझ आया कि टाइगर और लायन में जंगल का राजा लायन कैसे हो सकता है। जंगल का राजा तो टाइगर ही होता है। दोनों में मूल अंतर यह है कि टाइगर अपने भोजन के लिए खुद शिकार करता है। पढ़िए पूरी खबर। एमपी का 9वां टाइगर रिजर्व बना रातापानी अभ्यारण्य भोपाल से लगा रातापानी अभ्यारण्य मध्यप्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा। राज्य सरकार ने 2 दिसंबर सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले रविवार को केंद्र सरकार ने शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को प्रदेश का 8वां टाइगर रिजर्व घोषित किया था। दो दिन में मध्यप्रदेश को दो नए टाइगर रिजर्व की सौगात मिली है। प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या 7 से बढ़कर अब 9 हो गई हैं। पढ़िए पूरी खबर।
रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण करने के 24 घंटे के अंदर रायसेन जिले के गौहरगंज रेंज में एक साल की बाघिन की मौत हो गई। बाघिन की मौत की वजह सड़क दुर्घटना में अज्ञात वाहन से लगी टक्कर बताई जा रही है। इसे आज सुबह सड़क पर मृत पड़ा पाया गया। इसके बाद वन विभाग के अफसरों को सूचना दी गई। कल ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया था। वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने घटना को लेकर कहा कि, कल ही मुख्यमंत्री ने रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया है और आज भोपाल-जबलपुर रोड पर गौहरगंज में हादसे में बाघिन की मौत होने की जानकारी सामने आई है। सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा कि टाइगर और अन्य जानवरों की सुरक्षा हो सके। वन अधिकारी बोले- आधी रात के बाद की घटना वन मंडल अधिकारी सामान्य वन मंडल औबेदुल्लागंज कार्यालय के अनुसार, रात 12 से 1 बजे के बीच यह घटना होने का अनुमान है। एनएच-45 गौहरगंज जबलपुर हाईवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से एक साल की बाघिन की मौत होने की सूचना मिली। रात सवा एक बजे वन मंडल औबेदुल्लागंज के रात्रि गश्ती दल ने सूचना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद वन परिक्षेत्र अधिकारी बिनेका और गौहरगंज अधीनस्थ स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे। मृत बाघिन के चारों ओर बेरिकेट्स लगाकर उसकी डेडबॉडी को सुरक्षित किया गया। आज सुबह सात बजे वनमंडल औबेदुल्लागंज के पशु चिकित्सक डॉ. अमित ओड और वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन ट्रस्ट के डॉ. प्रशांत, एनटीसीए के प्रतिनिधियों के साथ उप वनमंडलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद एनटीसीए की एसओपी के आधार पर कार्रवाई की गई। टीम ने डॉग स्क्वाड की मदद से आस पास के इलाकों में सर्चिंग की कोशिश की। इसके बाद बाघिन का पोस्टमार्टम कर फोरेंसिक जांच के लिए सैंपल एकत्र किए गए और बाघिन का अंतिम संस्कार किया गया। इस मामले में वन अधिनियम के अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया है। रातापानी में 96 बाघ रातापानी टाइगर रिजर्व एकमात्र लैंडस्केप बन गया है, जहां 96 बाघों ने उपस्थिति दर्ज कराई है। रातापानी टाइगर रिजर्व लैंडस्केप में वर्ष 2026 में होने वाली गणना में 150 से अधिक बाघ अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। 2026 तक प्रदेश में बाघों की संख्या 1100 के आसपास हो सकती है। इसका सर्वे रातापानी टाइगर रिजर्व से शुरू होगा। रातापानी में इस समय 12 से अधिक बाघिन शावकों के साथ मूवमेंट कर रही हैं। इनकी संख्या तकरीबन 30 है। ये शावक गणना तक वयस्क हो जाएंगे। बाघिनों के मूवमेंट वाले इलाके में 60 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। एमपी में 785 बाघ हैं रातापानी और माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने से पहले मध्य प्रदेश में 7 टाइगर रिजर्व हैं। ये टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही हैं। अब रातापानी और माधव नेशनल पार्ट के टाइगर रिजर्व बनने से ये संख्या 9 हो गई है। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। वर्ष 2022 की गणना के मुताबिक यहां 785 बाघ हैं। वर्ष 2018 में यह संख्या 526 थी। मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ने की वजह से यहां वन्य जीवों के आशियाने तेजी से बढ़ रहे हैं। ये भी खबर पढ़ें... प्रदेश के 8वें टाइगर रिजर्व रातापानी का लोकार्पण सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व रातापानी का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम ने कहा, मुझे आज तक नहीं समझ आया कि टाइगर और लायन में जंगल का राजा लायन कैसे हो सकता है। जंगल का राजा तो टाइगर ही होता है। दोनों में मूल अंतर यह है कि टाइगर अपने भोजन के लिए खुद शिकार करता है। पढ़िए पूरी खबर। एमपी का 9वां टाइगर रिजर्व बना रातापानी अभ्यारण्य भोपाल से लगा रातापानी अभ्यारण्य मध्यप्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व होगा। राज्य सरकार ने 2 दिसंबर सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले रविवार को केंद्र सरकार ने शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को प्रदेश का 8वां टाइगर रिजर्व घोषित किया था। दो दिन में मध्यप्रदेश को दो नए टाइगर रिजर्व की सौगात मिली है। प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या 7 से बढ़कर अब 9 हो गई हैं। पढ़िए पूरी खबर।