शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट के नाम पर फ्रॉड मामला:पुलिस रिमांड खत्म होने पर चार आरोपी आज कोर्ट में होंगे पेश

मंदसौर में शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी करने वाला बड़ा रैकेट पकड़ाया है। पुलिस ने जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर शामगढ़ में गुरुवार को फर्जी कॉल सेंटर पर रेड की थी। यहां से 4 लड़कों और 17 लड़कियों को गिरफ्तार किया गया है। मौके से 30 सिम, 40 मोबाइल और अन्य सामान मिले हैं। शुक्रवार को आरोपियों को इंदौर में कोर्ट में पेश किया गया। 17 लड़कियों को जहां जेल भेज दिया गया वहीं 4 लड़कों को 1 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था। शनिवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। दरअसल, राज्य साइबर पुलिस उज्जैन जोन को सूचना मिली थी कि मंदसौर जिले के शामगढ़ की पंजाबी कॉलोनी में एक फर्जी कॉल सेंटर संचालित हो रहा है। जिसमें 20 से 25 कर्मचारी लोगों को फेक कॉल के माध्यम से ठग रहे हैं। लोगों की शिकायत के बाद राज्य साइबर पुलिस ने ये कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि कुशल केवट नाम का आरोपी कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था। एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि यह केस उज्जैन में रजिस्टर्ड हुआ है, इसलिए सभी आरोपियों को पुलिस उज्जैन लेकर पहुंची। उन्होंने बताया कि कॉल सेंटर का संचालक कुशल केवट है। कॉल सेंटर से पकड़े गए सभी आरोपियों को इस बात की पूरी जानकारी थी कि वह मुख्य सरगना कुशल केवट के कहने पर लोगों से ठगी कर रहे हैं। कॉल सेंटर में काम करने वाले प्रति कर्मचारी को डेढ़ सौ कॉल का टारगेट था। आरोपियों ने देशभर के हजारों लोगों से ठगी की है। लोगों की शिकायत के बाद डीआईजी मो. यूसुफ कुरैशी ने तत्काल एडीजी (साइबर) योगेश देशमुख को सूचित किया। जिसके बाद डीएसपी लीना मरोठ के नेतृत्व में गुरुवार को एक टीम को मौके पर भेजा गया और कार्रवाई की गई थी। हर रोज 5 से 7% मुनाफे का देते थे झांसा फर्जी कोल सेंटर से शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी की जा रही थी। फर्जी डायमंड रिसर्च कंपनी बनाकर ALGO TRADING एप के जरिए निवेश कराया जा रहा था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी लोगों को ALGO TRADING में मिनिमम 10 हजार के निवेश पर हर रोज 5 से 7 प्रतिशत का मुनाफा होने का झांसा देते थे। टीम ने 4 लड़के और 17 लड़कियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। डायमंड रिसर्च नाम की कंपनी बना रखी थी कॉल सेंटर में लड़के-लड़कियां लोगों से कंपनी में निवेश के नाम पर रकम फर्जी बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करवाते थे। राज्य साइबर पुलिस ने इस कार्रवाई के लिए तकनीकी तथ्यों के आधार पर शामगढ़ और मंदसौर में कई दिनों तक रैकी कर साक्ष्य जुटाए। जिसमें पता चला कि​​​ आरोपियों ने अपनी कंपनी का नाम डायमंड रिसर्च कंपनी रखा था। एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि आरोपियों ने अब तक कितने लोगों को ठगा है। उनकी गाड़ी कमाई का पैसा कहां-कहां और किन-किन अकाउंट में रखा है, उसकी जांच की जा रही है । उन्होंने बताया कि लंबे समय से संचालित कॉल सेंटर से बड़ी संख्या में लोगों को ठगे जाने की आशंका है। जब्त मोबाइल और सिम कार्ड से जानकारी निकाली जाएगी। एप बनाकर लोगों से ऐसे कर रहे थे ठगी आरोपी मोबाइल से लोगों को कॉल कर फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी के नाम पर पैसे लेते थे। इसके बाद जब वह अपना पैसा वापस मांगते थे तो सिम बंद कर लेते थे। एडीजी ने बताया कि काल सेंटर पर हर रोज 150 लोगों को कॉल किया जाता था। इनमें से उन्हें 7-8 प्रतिशत लोगों से रिस्पांस मिल जाता था। आरोपी लोगों को कंपनी के नाम से संचालित एप पर पूरी डिटेल भरवाते थे, लॉगिन कर पासवर्ड देते थे। इसके बाद खुद का बैंक अकाउंट देते थे और उसमें इन्वेस्टमेंट के नाम पर रकम जमा करवाते थे। इसके बाद जब ट्रेडिंग कंपनी की वेबसाइट खुलती, तो उसमें लोगों को अपना प्रॉफिट भी दिखता था। इस तरह से आरोपी ठगी को अंजाम दे रहे थे। पुलिस को जानकारी लगी है कि यह पहले से अलग-अलग स्थान पर इस तरह की ठगी को अंजाम देते रहे हैं। इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं। फिलहाल पूरे मामले की डिटेल में जांच की जा रही है।

शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट के नाम पर फ्रॉड मामला:पुलिस रिमांड खत्म होने पर चार आरोपी आज कोर्ट में होंगे पेश
मंदसौर में शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी करने वाला बड़ा रैकेट पकड़ाया है। पुलिस ने जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर शामगढ़ में गुरुवार को फर्जी कॉल सेंटर पर रेड की थी। यहां से 4 लड़कों और 17 लड़कियों को गिरफ्तार किया गया है। मौके से 30 सिम, 40 मोबाइल और अन्य सामान मिले हैं। शुक्रवार को आरोपियों को इंदौर में कोर्ट में पेश किया गया। 17 लड़कियों को जहां जेल भेज दिया गया वहीं 4 लड़कों को 1 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था। शनिवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। दरअसल, राज्य साइबर पुलिस उज्जैन जोन को सूचना मिली थी कि मंदसौर जिले के शामगढ़ की पंजाबी कॉलोनी में एक फर्जी कॉल सेंटर संचालित हो रहा है। जिसमें 20 से 25 कर्मचारी लोगों को फेक कॉल के माध्यम से ठग रहे हैं। लोगों की शिकायत के बाद राज्य साइबर पुलिस ने ये कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि कुशल केवट नाम का आरोपी कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था। एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि यह केस उज्जैन में रजिस्टर्ड हुआ है, इसलिए सभी आरोपियों को पुलिस उज्जैन लेकर पहुंची। उन्होंने बताया कि कॉल सेंटर का संचालक कुशल केवट है। कॉल सेंटर से पकड़े गए सभी आरोपियों को इस बात की पूरी जानकारी थी कि वह मुख्य सरगना कुशल केवट के कहने पर लोगों से ठगी कर रहे हैं। कॉल सेंटर में काम करने वाले प्रति कर्मचारी को डेढ़ सौ कॉल का टारगेट था। आरोपियों ने देशभर के हजारों लोगों से ठगी की है। लोगों की शिकायत के बाद डीआईजी मो. यूसुफ कुरैशी ने तत्काल एडीजी (साइबर) योगेश देशमुख को सूचित किया। जिसके बाद डीएसपी लीना मरोठ के नेतृत्व में गुरुवार को एक टीम को मौके पर भेजा गया और कार्रवाई की गई थी। हर रोज 5 से 7% मुनाफे का देते थे झांसा फर्जी कोल सेंटर से शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी की जा रही थी। फर्जी डायमंड रिसर्च कंपनी बनाकर ALGO TRADING एप के जरिए निवेश कराया जा रहा था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी लोगों को ALGO TRADING में मिनिमम 10 हजार के निवेश पर हर रोज 5 से 7 प्रतिशत का मुनाफा होने का झांसा देते थे। टीम ने 4 लड़के और 17 लड़कियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। डायमंड रिसर्च नाम की कंपनी बना रखी थी कॉल सेंटर में लड़के-लड़कियां लोगों से कंपनी में निवेश के नाम पर रकम फर्जी बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करवाते थे। राज्य साइबर पुलिस ने इस कार्रवाई के लिए तकनीकी तथ्यों के आधार पर शामगढ़ और मंदसौर में कई दिनों तक रैकी कर साक्ष्य जुटाए। जिसमें पता चला कि​​​ आरोपियों ने अपनी कंपनी का नाम डायमंड रिसर्च कंपनी रखा था। एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि आरोपियों ने अब तक कितने लोगों को ठगा है। उनकी गाड़ी कमाई का पैसा कहां-कहां और किन-किन अकाउंट में रखा है, उसकी जांच की जा रही है । उन्होंने बताया कि लंबे समय से संचालित कॉल सेंटर से बड़ी संख्या में लोगों को ठगे जाने की आशंका है। जब्त मोबाइल और सिम कार्ड से जानकारी निकाली जाएगी। एप बनाकर लोगों से ऐसे कर रहे थे ठगी आरोपी मोबाइल से लोगों को कॉल कर फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी के नाम पर पैसे लेते थे। इसके बाद जब वह अपना पैसा वापस मांगते थे तो सिम बंद कर लेते थे। एडीजी ने बताया कि काल सेंटर पर हर रोज 150 लोगों को कॉल किया जाता था। इनमें से उन्हें 7-8 प्रतिशत लोगों से रिस्पांस मिल जाता था। आरोपी लोगों को कंपनी के नाम से संचालित एप पर पूरी डिटेल भरवाते थे, लॉगिन कर पासवर्ड देते थे। इसके बाद खुद का बैंक अकाउंट देते थे और उसमें इन्वेस्टमेंट के नाम पर रकम जमा करवाते थे। इसके बाद जब ट्रेडिंग कंपनी की वेबसाइट खुलती, तो उसमें लोगों को अपना प्रॉफिट भी दिखता था। इस तरह से आरोपी ठगी को अंजाम दे रहे थे। पुलिस को जानकारी लगी है कि यह पहले से अलग-अलग स्थान पर इस तरह की ठगी को अंजाम देते रहे हैं। इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं। फिलहाल पूरे मामले की डिटेल में जांच की जा रही है।