हेडमास्टर की दबंगई, बोला– मुझसे कलेक्टर भी परेशान:एडमिशन कराने गई महिला से कहा- एक थपाड़े में सब भूल जाएगी
हेडमास्टर की दबंगई, बोला– मुझसे कलेक्टर भी परेशान:एडमिशन कराने गई महिला से कहा- एक थपाड़े में सब भूल जाएगी
मेरी शिकायत की तो स्कूल में घुसने नहीं दूंगा। मैं अलग आदमी हूं। मुझसे कलेक्टर तक परेशान रहता है। सीएम हेल्पलाइन मेरे लिए कुछ भी नहीं है। ये सब और किसी को सिखाना। एक थपाड़े में भूल जाएगी। एडमिशन कराने के लि तू यहां आएगी या शिकायतबाजी कर रही है। 2 मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग प्राथमिक शाला स्कूल कुकड़ी की है। इसे स्कूल की शिक्षिका मंजू यादव ने ही मोबाइल में रिकॉर्ड किया है। ऑडियो में हेड मास्टर रामदास जनोरिया दूसरी क्लास की छात्रा रहनुमा की मां रूबीना बी को इसलिए धमका रहे हैं कि क्योंकि उन्होंने बेटी के एडमिशन के लिए सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई, बीईओ, बीआरसी तक शिकायत कर दी थी। ऑडियो में कुछ जगह वे तू-तड़ाक, थप्पड़ मारने और कई अपशब्द कह रहे हैं। बाद में अधिकारियों के दखल के बाद हफ्ते भर पहले भी प्रवेश मिला है। हालांकि टीचर इन सब आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने कुकड़ी गांव पहुंचकर मामले की पड़ताल की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... पांच महीने से निलंबन अटकी है निलंबन की फाइल
नर्मदापुरम के प्राथमिक शाला कुकड़ी के हेडमास्टर रामदास जनोरिया के रवैए से ब्लॉक के अधिकारी परेशान हैं। उनका भय इतना है कि यहां जनशिक्षक निरीक्षण नहीं करना चाहते हैं। स्कूल में साथ काम करने वाली शिक्षिका ने तो स्कूल में खुद को असहज बताते हुए दूसरे स्कूल में अटैच करने की मांग तक कर दी है। मध्यान्ह भोजन हो या बच्चों को प्रवेश देने का मामला रामदास जनोरिया की मर्जी के बिना कुछ संभव नहीं। जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त संजय द्विवेदी भी प्रधान पाठक के निलंबन प्रस्ताव की फाइल 5 महीने से आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। उनका कहना है कि मामले की अभी भी जांच चल रही है। इन पॉइंट से समझिए हेडमास्टर की शिकायतें शिक्षिका बोली- पास से गुजरते हैं, असहज महसूस करती हूं
सहायक शिक्षिका मंजू यादव ने कहा 2019 में बुरहानपुर से ट्रांसपर होकर प्राथमिक शाला कुकड़ी में मैंने जॉइन किया। स्कूल के प्रधान पाठक जनोरिया का व्यवहार हमेशा अभ्रद रहता है। आए दिन उनका ग्रामीणों से वाद-विवाद होता रहता है। स्कूल में अशांति रहती है। उन्होंने बताया प्रधान पाठक जनोरिया पढ़ाने की बजाय मोबाइल में अक्सर समय काटते रहे हैं। स्कूल टाइम में वे किसानी करते हैं। डेढ़ महीने पढ़ाई से वंचित रही छात्रा, बीईओ का आदेश ठुकराया
गांव की रुबीना बी ने बताया उनकी बेटी रेहनुमा का एडमिशन पहले एमजीएम इंग्लिश स्कूल ढाबा कला में था। 1 अक्टूबर को स्कूल के फादर ने बच्ची का नाम काट दिया। मैंने जब गांव की प्राथमिक शाला कुकड़ी में एडमिशन के लिए गई तो प्रधान पाठक ने प्रवेश नहीं दिया। मैं बीईओ, बीआरसी कार्यालय केसला गई। बीआरसी ने प्रधान पाठक को प्रवेश देने के लिए लिखा, लेकिन उन्होंने आदेश को नहीं माना। महिला के फर्जी हस्ताक्षर कर रोका मध्यान्ह भोजन
जुलाई 2024 में प्रधान पाठक जनोरिया ने सुवेदी बाई से मध्यान्ह भोजन बनवाने का काम बंद करा दिया था। स्कूल में बच्चों को मध्यान्ह भोजन नहीं बंटने पर शिकायत की थी। जांच करने पहुंची टीम के सामने हेड मास्टर का मामला उजागर हुआ था। हेड मास्टर ने ही महिला के फर्जी हस्ताक्षर कर पत्र लिखा था कि उन्हें मध्यान्ह भोजन नहीं बनाना। जबकि महिला सुवेदी बाई अनपढ़ है और अंगूठा लगाती है। 15 एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती का आरोप
कुकड़ी के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान पाठक जनोरिया गांव में फॉरेस्ट की करीब 15 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं। गांव के हरि प्रसाद और अन्य ग्रामीणों ने 20 जून 2022 को जनोरिया के सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर खेती करने की शिकायत की थी। इस बारे में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने बीईओ केसला को जांच के लिए लिखा था। स्कूल के आसपास के पड़ोसियों से होता है विवाद
हेड मास्टर रामदास जनोरिया पर आरोप है कि उनका आए दिन स्कूल और ग्रामीणों से विवाद होता रहता है। 23 नवंबर को दैनिक भास्कर की टीम जब स्कूल पहुंची तो उनके सामने भी स्कूल के पड़ोस में रहने वाले एक परिवार से बहस चल रही थी। जनशिक्षकों ने स्कूल का निरीक्षण करने से किया इनकार
बीआरसी केके शर्मा ने बताया कि प्रधान पाठक जनोरिया का इतना खौफ कि ब्लॉक के जन शिक्षक मुकेश सेन और जगत सिंह गौर ने लिखकर दिया कि हम प्राथमिक शाला कुकड़ी में निरीक्षण करने नहीं जाएंगे। इस कारण अब जनशिक्षक इस स्कूल की मॉनिटिंग करने नहीं जाते हैं। 5 महीने से अटका रामदास जनोरिया का निलंबन प्रस्ताव
मध्यान्ह भोजन नहीं बंटवाने और रसोइए के फर्जी हस्ताक्षर करने के मामले में दोषी पाए जाने पर प्रधान पाठक रामदास जनोरिया के निलंबन का प्रस्ताव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आशा माैर्य ने जुलाई में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को भेजा था। 5 महीने बीतने को हैं, लेकिन अब तक सहायक आयुक्त (एसी) दफ्तर में निलबंन प्रस्ताव की फाइल रुकी पड़ी है। सहायक आयुक्त संजय द्विवेदी का कहना है कि रामदास जनोरिया के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। जांच की गई थी। इस संबंध में दूसरे का पक्ष जानना भी जरूरी था। इसी के बाद कोई कार्रवाई की जा सकती है। संबंधित शिक्षक का स्पष्टीकरण आ गया है। उसका परीक्षण करा लिया है। दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मिर्च वाला खाना खिलाने पर रोकी गई थी वेतनवृद्धि
हेड मास्टर रामदास जनोरिया का लापरवाही व तानाशाही रवैया पहले से रहा है। साल 2017 में जब वे नया चीचा की स्कूल में प्रधान पाठक थे, तब मध्यान्ह भोजन में मिर्च पावडर डली सब्जी परोसी गई थी। तब बीआरसी केके शर्मा ने निरीक्षण में यह पकड़ा था। पंचनामा बनाकर कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा था। तब शिक्षक को निलंबित कर उनकी एक स्थायी वेतनवृद्धि रोकने के आदेश हुए थे। कुछ साल बाद जनोरिया की रोकी वेतनवृद्धि के आदेश को कैसे बहाल कर दिया गया, ये बड़ा सवाल है? साल 2013 में भी वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने और रिकॉर्ड संभालकर न रखने पर दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोककर दंडित क
मेरी शिकायत की तो स्कूल में घुसने नहीं दूंगा। मैं अलग आदमी हूं। मुझसे कलेक्टर तक परेशान रहता है। सीएम हेल्पलाइन मेरे लिए कुछ भी नहीं है। ये सब और किसी को सिखाना। एक थपाड़े में भूल जाएगी। एडमिशन कराने के लि तू यहां आएगी या शिकायतबाजी कर रही है। 2 मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग प्राथमिक शाला स्कूल कुकड़ी की है। इसे स्कूल की शिक्षिका मंजू यादव ने ही मोबाइल में रिकॉर्ड किया है। ऑडियो में हेड मास्टर रामदास जनोरिया दूसरी क्लास की छात्रा रहनुमा की मां रूबीना बी को इसलिए धमका रहे हैं कि क्योंकि उन्होंने बेटी के एडमिशन के लिए सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई, बीईओ, बीआरसी तक शिकायत कर दी थी। ऑडियो में कुछ जगह वे तू-तड़ाक, थप्पड़ मारने और कई अपशब्द कह रहे हैं। बाद में अधिकारियों के दखल के बाद हफ्ते भर पहले भी प्रवेश मिला है। हालांकि टीचर इन सब आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने कुकड़ी गांव पहुंचकर मामले की पड़ताल की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... पांच महीने से निलंबन अटकी है निलंबन की फाइल
नर्मदापुरम के प्राथमिक शाला कुकड़ी के हेडमास्टर रामदास जनोरिया के रवैए से ब्लॉक के अधिकारी परेशान हैं। उनका भय इतना है कि यहां जनशिक्षक निरीक्षण नहीं करना चाहते हैं। स्कूल में साथ काम करने वाली शिक्षिका ने तो स्कूल में खुद को असहज बताते हुए दूसरे स्कूल में अटैच करने की मांग तक कर दी है। मध्यान्ह भोजन हो या बच्चों को प्रवेश देने का मामला रामदास जनोरिया की मर्जी के बिना कुछ संभव नहीं। जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त संजय द्विवेदी भी प्रधान पाठक के निलंबन प्रस्ताव की फाइल 5 महीने से आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। उनका कहना है कि मामले की अभी भी जांच चल रही है। इन पॉइंट से समझिए हेडमास्टर की शिकायतें शिक्षिका बोली- पास से गुजरते हैं, असहज महसूस करती हूं
सहायक शिक्षिका मंजू यादव ने कहा 2019 में बुरहानपुर से ट्रांसपर होकर प्राथमिक शाला कुकड़ी में मैंने जॉइन किया। स्कूल के प्रधान पाठक जनोरिया का व्यवहार हमेशा अभ्रद रहता है। आए दिन उनका ग्रामीणों से वाद-विवाद होता रहता है। स्कूल में अशांति रहती है। उन्होंने बताया प्रधान पाठक जनोरिया पढ़ाने की बजाय मोबाइल में अक्सर समय काटते रहे हैं। स्कूल टाइम में वे किसानी करते हैं। डेढ़ महीने पढ़ाई से वंचित रही छात्रा, बीईओ का आदेश ठुकराया
गांव की रुबीना बी ने बताया उनकी बेटी रेहनुमा का एडमिशन पहले एमजीएम इंग्लिश स्कूल ढाबा कला में था। 1 अक्टूबर को स्कूल के फादर ने बच्ची का नाम काट दिया। मैंने जब गांव की प्राथमिक शाला कुकड़ी में एडमिशन के लिए गई तो प्रधान पाठक ने प्रवेश नहीं दिया। मैं बीईओ, बीआरसी कार्यालय केसला गई। बीआरसी ने प्रधान पाठक को प्रवेश देने के लिए लिखा, लेकिन उन्होंने आदेश को नहीं माना। महिला के फर्जी हस्ताक्षर कर रोका मध्यान्ह भोजन
जुलाई 2024 में प्रधान पाठक जनोरिया ने सुवेदी बाई से मध्यान्ह भोजन बनवाने का काम बंद करा दिया था। स्कूल में बच्चों को मध्यान्ह भोजन नहीं बंटने पर शिकायत की थी। जांच करने पहुंची टीम के सामने हेड मास्टर का मामला उजागर हुआ था। हेड मास्टर ने ही महिला के फर्जी हस्ताक्षर कर पत्र लिखा था कि उन्हें मध्यान्ह भोजन नहीं बनाना। जबकि महिला सुवेदी बाई अनपढ़ है और अंगूठा लगाती है। 15 एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती का आरोप
कुकड़ी के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान पाठक जनोरिया गांव में फॉरेस्ट की करीब 15 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं। गांव के हरि प्रसाद और अन्य ग्रामीणों ने 20 जून 2022 को जनोरिया के सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर खेती करने की शिकायत की थी। इस बारे में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने बीईओ केसला को जांच के लिए लिखा था। स्कूल के आसपास के पड़ोसियों से होता है विवाद
हेड मास्टर रामदास जनोरिया पर आरोप है कि उनका आए दिन स्कूल और ग्रामीणों से विवाद होता रहता है। 23 नवंबर को दैनिक भास्कर की टीम जब स्कूल पहुंची तो उनके सामने भी स्कूल के पड़ोस में रहने वाले एक परिवार से बहस चल रही थी। जनशिक्षकों ने स्कूल का निरीक्षण करने से किया इनकार
बीआरसी केके शर्मा ने बताया कि प्रधान पाठक जनोरिया का इतना खौफ कि ब्लॉक के जन शिक्षक मुकेश सेन और जगत सिंह गौर ने लिखकर दिया कि हम प्राथमिक शाला कुकड़ी में निरीक्षण करने नहीं जाएंगे। इस कारण अब जनशिक्षक इस स्कूल की मॉनिटिंग करने नहीं जाते हैं। 5 महीने से अटका रामदास जनोरिया का निलंबन प्रस्ताव
मध्यान्ह भोजन नहीं बंटवाने और रसोइए के फर्जी हस्ताक्षर करने के मामले में दोषी पाए जाने पर प्रधान पाठक रामदास जनोरिया के निलंबन का प्रस्ताव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आशा माैर्य ने जुलाई में सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को भेजा था। 5 महीने बीतने को हैं, लेकिन अब तक सहायक आयुक्त (एसी) दफ्तर में निलबंन प्रस्ताव की फाइल रुकी पड़ी है। सहायक आयुक्त संजय द्विवेदी का कहना है कि रामदास जनोरिया के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। जांच की गई थी। इस संबंध में दूसरे का पक्ष जानना भी जरूरी था। इसी के बाद कोई कार्रवाई की जा सकती है। संबंधित शिक्षक का स्पष्टीकरण आ गया है। उसका परीक्षण करा लिया है। दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मिर्च वाला खाना खिलाने पर रोकी गई थी वेतनवृद्धि
हेड मास्टर रामदास जनोरिया का लापरवाही व तानाशाही रवैया पहले से रहा है। साल 2017 में जब वे नया चीचा की स्कूल में प्रधान पाठक थे, तब मध्यान्ह भोजन में मिर्च पावडर डली सब्जी परोसी गई थी। तब बीआरसी केके शर्मा ने निरीक्षण में यह पकड़ा था। पंचनामा बनाकर कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा था। तब शिक्षक को निलंबित कर उनकी एक स्थायी वेतनवृद्धि रोकने के आदेश हुए थे। कुछ साल बाद जनोरिया की रोकी वेतनवृद्धि के आदेश को कैसे बहाल कर दिया गया, ये बड़ा सवाल है? साल 2013 में भी वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने और रिकॉर्ड संभालकर न रखने पर दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोककर दंडित किया जा चुका है।