कोंडागांव में डॉटर्स-डे पर बेटियों ने लगाए पौधे:जंगल की जमीन को फिर से हरा-भरा बनाने की पहल; कहा-अब नुकसान नहीं होने देंगे
कोंडागांव में डॉटर्स-डे पर बेटियों ने लगाए पौधे:जंगल की जमीन को फिर से हरा-भरा बनाने की पहल; कहा-अब नुकसान नहीं होने देंगे
कोंडागांव में 22 सितंबर, बेटी दिवस के दिन गांव की बेटियों ने जंगल की जमीन को फिर से हरा-भरा बनाने की अनूठी पहल की। उन्होंने एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण किया। जिस जंगल में कुछ लोगों ने अतिक्रमण करके फसल उगाई थी, वहां अब जागरूक ग्रामीणों ने वन विभाग के सहयोग से 5,000 से अधिक पेड़ लगाए हैं। 5,800 हेक्टेयर जंगल की जमीन पर उड़द की फसल उगा दी गई थी, लेकिन अब ग्रामीणों को समझ आ गया है कि ये जंगल उनके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। जंगल से मिलने वाली वनोपज की कमी का उन्हें एहसास हो गया है और अब वे संकल्पित हैं कि जंगल को और नुकसान नहीं होने देंगे। 5,800 हेक्टेयर क्षेत्र में 5,000 से ज्यादा पौधे वन प्रबंधन समिति शामपुर के सदस्यों और ग्रामीणों ने मिलकर उस जंगल की भूमि पर 5,800 हेक्टेयर क्षेत्र में 5,000 से अधिक पौधे लगाए, जिसमें हर पेड़ को ‘माँ के नाम’ समर्पित किया गया है।
कोंडागांव में 22 सितंबर, बेटी दिवस के दिन गांव की बेटियों ने जंगल की जमीन को फिर से हरा-भरा बनाने की अनूठी पहल की। उन्होंने एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण किया। जिस जंगल में कुछ लोगों ने अतिक्रमण करके फसल उगाई थी, वहां अब जागरूक ग्रामीणों ने वन विभाग के सहयोग से 5,000 से अधिक पेड़ लगाए हैं। 5,800 हेक्टेयर जंगल की जमीन पर उड़द की फसल उगा दी गई थी, लेकिन अब ग्रामीणों को समझ आ गया है कि ये जंगल उनके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। जंगल से मिलने वाली वनोपज की कमी का उन्हें एहसास हो गया है और अब वे संकल्पित हैं कि जंगल को और नुकसान नहीं होने देंगे। 5,800 हेक्टेयर क्षेत्र में 5,000 से ज्यादा पौधे वन प्रबंधन समिति शामपुर के सदस्यों और ग्रामीणों ने मिलकर उस जंगल की भूमि पर 5,800 हेक्टेयर क्षेत्र में 5,000 से अधिक पौधे लगाए, जिसमें हर पेड़ को ‘माँ के नाम’ समर्पित किया गया है।