जबलपुर में वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी का काम तेज:54% विद्यार्थियों की बनी अपार आईडी, अन्य डॉक्यूमेंट्स में नाम मिसमैच से हो रही देरी
जबलपुर में वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी का काम तेज:54% विद्यार्थियों की बनी अपार आईडी, अन्य डॉक्यूमेंट्स में नाम मिसमैच से हो रही देरी
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वन नेशन वन स्टूडेंट योजना के तहत जबलपुर जिले में 54 प्रतिशत विद्यार्थियों की अपार आईडी बन चुकी है। अपार (ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्टर) एक विशेष पहचान संख्या है, जो छात्रों के साथ आजीवन जुड़ी रहेगी। जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक योगेश शर्मा के अनुसार, यह डिजी लॉकर की तरह काम करेगी, जिसमें छात्रों की सभी शैक्षणिक उपलब्धियां डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगी। इससे मध्य प्रदेश के छात्रों को दूसरे राज्यों में प्रवेश लेने में सुविधा होगी, क्योंकि उनके सभी शैक्षणिक दस्तावेज अपार नंबर से तुरंत सत्यापित किए जा सकेंगे। जिले में नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के 4.26 लाख विद्यार्थियों को अपार आईडी से जोड़ा जाना है। केंद्र सरकार ने जेईई मेंस और नीट जैसी प्रमुख परीक्षाओं के लिए अपार आईडी को अनिवार्य कर दिया है। प्राथमिकता के आधार पर पहले 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की आईडी बनाई जा रही है।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी वन नेशन वन स्टूडेंट योजना के तहत जबलपुर जिले में 54 प्रतिशत विद्यार्थियों की अपार आईडी बन चुकी है। अपार (ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्टर) एक विशेष पहचान संख्या है, जो छात्रों के साथ आजीवन जुड़ी रहेगी। जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक योगेश शर्मा के अनुसार, यह डिजी लॉकर की तरह काम करेगी, जिसमें छात्रों की सभी शैक्षणिक उपलब्धियां डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगी। इससे मध्य प्रदेश के छात्रों को दूसरे राज्यों में प्रवेश लेने में सुविधा होगी, क्योंकि उनके सभी शैक्षणिक दस्तावेज अपार नंबर से तुरंत सत्यापित किए जा सकेंगे। जिले में नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के 4.26 लाख विद्यार्थियों को अपार आईडी से जोड़ा जाना है। केंद्र सरकार ने जेईई मेंस और नीट जैसी प्रमुख परीक्षाओं के लिए अपार आईडी को अनिवार्य कर दिया है। प्राथमिकता के आधार पर पहले 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की आईडी बनाई जा रही है।