प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन:कहा- पेंशन स्वीकृति, भुगतान प्रक्रिया का केंद्रीयकरण न हो
प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन ने डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन:कहा- पेंशन स्वीकृति, भुगतान प्रक्रिया का केंद्रीयकरण न हो
प्रमुख पेंशन एसोसिएशन की ओर से मंगलवार सुबह 11.30 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर राजेश पाटीदार को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कहा गया कि आने वाले समय में मप्र के जिला पेंशन कार्यालयों, संभागीय पेंशन कार्यालयों को पहले की तरह जिलों और संभाग मे रहने दिया जाए। पेंशन स्वीकृति, भुगतान को केंद्रीयकृत करने से मप्र के सभी जिलों के बुजुर्ग पेंशनरों को अपनी पेंशन भुगतान और अन्य समस्याओं के निराकरण, पूर्ति में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अगर ऐसा होता है तो पेंशनर को बार बार भोपाल मुख्यालय जाना पड़ेगा जो बुजुर्ग पेंशनर के लिए संभव नहीं हो सकेगा, इसलिए पहले की तरह जिला स्तरीय व संभाग स्तरीय कार्यालय जिला और संभाग मे चालू रहें। इसलिए की जा रही यह मांग प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अता उल्ला खान ने कहा- आज डिप्टी कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और वित्त सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया। भुगतान भुगतान और प्रक्रिया को केंद्रीयकृत किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जिले और संभाग के कार्यालयों को बंद करके एक केंद्रीय कार्यालय भोपाल मप्र में रखा जाएगा, लेकिन इससे काफी परेशानी होगी। इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि ऐसा निर्णय वापस लिया जाए। पुरानी व्यवस्था यथावत रखी जाए।
प्रमुख पेंशन एसोसिएशन की ओर से मंगलवार सुबह 11.30 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर राजेश पाटीदार को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कहा गया कि आने वाले समय में मप्र के जिला पेंशन कार्यालयों, संभागीय पेंशन कार्यालयों को पहले की तरह जिलों और संभाग मे रहने दिया जाए। पेंशन स्वीकृति, भुगतान को केंद्रीयकृत करने से मप्र के सभी जिलों के बुजुर्ग पेंशनरों को अपनी पेंशन भुगतान और अन्य समस्याओं के निराकरण, पूर्ति में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अगर ऐसा होता है तो पेंशनर को बार बार भोपाल मुख्यालय जाना पड़ेगा जो बुजुर्ग पेंशनर के लिए संभव नहीं हो सकेगा, इसलिए पहले की तरह जिला स्तरीय व संभाग स्तरीय कार्यालय जिला और संभाग मे चालू रहें। इसलिए की जा रही यह मांग प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अता उल्ला खान ने कहा- आज डिप्टी कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और वित्त सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया। भुगतान भुगतान और प्रक्रिया को केंद्रीयकृत किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि जिले और संभाग के कार्यालयों को बंद करके एक केंद्रीय कार्यालय भोपाल मप्र में रखा जाएगा, लेकिन इससे काफी परेशानी होगी। इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि ऐसा निर्णय वापस लिया जाए। पुरानी व्यवस्था यथावत रखी जाए।