प्लास्ट पैक 2025:प्लास्टिक उद्योगों को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट करेंगे

शहर में गुरुवार से 4 दिवसीय प्लास्टिक और पैकेजिंग उत्पादों और मशीनरी की प्रदर्शनी प्लास्ट पैक 2025 की शुरुआत हुई। इसके उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्लास्टिक को लेकर लोगों के मन में भ्रांतियां भी हैं। सच बात ये है कि प्लास्टिक के कोविड काल में जान बचाई है। चाहे पीपीई किट हो, मास्क या ग्लव्स आदि, प्लास्टिक ने डॉक्टर को मरीज का इलाज करने के काबिल बनाया है। जीवन में इसकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है। हालांकि प्लास्टिक के जो दुष्प्रभाव हैं, उन्हें लेकर भी सजग होना जरूरी है। हमें प्लास्टिक के रीयूज पर भी इतनी ही गंभीरता से काम करना है। यह सुनिश्चित करें कि प्लास्टिक उत्पादों से कोई वेस्ट ना निकले। उन्होंने प्रदेश में प्लास्टिक उद्योगों को आगे बढ़ाने और इंदौर को औद्योगिक शहर के रूप में दिल्ली मुंबई के समकक्ष खड़ा करने और क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से प्रदेश के अन्य शहरों को आज के इंदौर के समकक्ष खड़ा करने की बात कही। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला व मधु वर्मा, महापौर परिषद के सदस्य अभिषेक शर्मा तथा इंडियन प्लास्टपेक फोरम के चेयरमैन सचिन बंसल आदि थे। लाइव मशीन स्क्रीनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के साथ जॉब फेयर लगे बंसल ने बताया कि प्लास्ट पैक 2025 में 700 करोड़ रुपए की मशीनों की बिक्री का लक्ष्य है जिसमें एग्जीबिशन शुरू होने से पहले ही 45 करोड़ की मशीनों की प्री-बुकिंग हो चुकी है और पहले दिन कुल 200 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट हुआ है। प्रदर्शनी में 65 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन पहले दिन किया और अगले चार दिनों में 1 लाख से ज्यादा विजिटर्स की उम्मीद है। हमारे साथ मध्यप्रदेश से 70 से ज्यादा प्रदर्शक है जिसमंे लगभग 50 प्रदर्शक केवल इंदौर के है, वहीं दूसरी तरफ जापान, जर्मनी, अमेरिका जैसे और भी इंटरनेशनल प्रदर्शक इस आयोजन का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री से मांग करते हुए सचिन बंसल ने कहा कि एक बड़ा एग्जीबिशन सेंटर इंदौर में होना चाहिए, ताकि इसे बड़े आयोजन सुगमता से किए जा सकें। इंटरनेशनल कार्गो एयरपोर्ट इंदौर के आसपास हो जहां से दुनिया भर के क्षेत्रों से इंदौर सीधे तौर पर जुड़ पाए। एक प्लास्टिक पार्क बने जिससे उद्योग इकोसिस्टम में आ सके और उन्हें रॉ मटेरियल उपलब्ध हो सके। सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी (सिपेट) इंदौर में हो ताकि वेस्ट मेनेजमेंट पर और भी वृहद स्तर पर काम किया जा सके। प्रदर्शनी में लाइव मशीन स्क्रीनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और रोबोटिक्स के साथ जॉब फेयर और सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और स्थानीय व्यापारियों अपनी व्यवसाय के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे।

प्लास्ट पैक 2025:प्लास्टिक उद्योगों को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट करेंगे
शहर में गुरुवार से 4 दिवसीय प्लास्टिक और पैकेजिंग उत्पादों और मशीनरी की प्रदर्शनी प्लास्ट पैक 2025 की शुरुआत हुई। इसके उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्लास्टिक को लेकर लोगों के मन में भ्रांतियां भी हैं। सच बात ये है कि प्लास्टिक के कोविड काल में जान बचाई है। चाहे पीपीई किट हो, मास्क या ग्लव्स आदि, प्लास्टिक ने डॉक्टर को मरीज का इलाज करने के काबिल बनाया है। जीवन में इसकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है। हालांकि प्लास्टिक के जो दुष्प्रभाव हैं, उन्हें लेकर भी सजग होना जरूरी है। हमें प्लास्टिक के रीयूज पर भी इतनी ही गंभीरता से काम करना है। यह सुनिश्चित करें कि प्लास्टिक उत्पादों से कोई वेस्ट ना निकले। उन्होंने प्रदेश में प्लास्टिक उद्योगों को आगे बढ़ाने और इंदौर को औद्योगिक शहर के रूप में दिल्ली मुंबई के समकक्ष खड़ा करने और क्षेत्रीय इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से प्रदेश के अन्य शहरों को आज के इंदौर के समकक्ष खड़ा करने की बात कही। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला व मधु वर्मा, महापौर परिषद के सदस्य अभिषेक शर्मा तथा इंडियन प्लास्टपेक फोरम के चेयरमैन सचिन बंसल आदि थे। लाइव मशीन स्क्रीनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के साथ जॉब फेयर लगे बंसल ने बताया कि प्लास्ट पैक 2025 में 700 करोड़ रुपए की मशीनों की बिक्री का लक्ष्य है जिसमें एग्जीबिशन शुरू होने से पहले ही 45 करोड़ की मशीनों की प्री-बुकिंग हो चुकी है और पहले दिन कुल 200 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट हुआ है। प्रदर्शनी में 65 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन पहले दिन किया और अगले चार दिनों में 1 लाख से ज्यादा विजिटर्स की उम्मीद है। हमारे साथ मध्यप्रदेश से 70 से ज्यादा प्रदर्शक है जिसमंे लगभग 50 प्रदर्शक केवल इंदौर के है, वहीं दूसरी तरफ जापान, जर्मनी, अमेरिका जैसे और भी इंटरनेशनल प्रदर्शक इस आयोजन का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री से मांग करते हुए सचिन बंसल ने कहा कि एक बड़ा एग्जीबिशन सेंटर इंदौर में होना चाहिए, ताकि इसे बड़े आयोजन सुगमता से किए जा सकें। इंटरनेशनल कार्गो एयरपोर्ट इंदौर के आसपास हो जहां से दुनिया भर के क्षेत्रों से इंदौर सीधे तौर पर जुड़ पाए। एक प्लास्टिक पार्क बने जिससे उद्योग इकोसिस्टम में आ सके और उन्हें रॉ मटेरियल उपलब्ध हो सके। सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी (सिपेट) इंदौर में हो ताकि वेस्ट मेनेजमेंट पर और भी वृहद स्तर पर काम किया जा सके। प्रदर्शनी में लाइव मशीन स्क्रीनिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और रोबोटिक्स के साथ जॉब फेयर और सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और स्थानीय व्यापारियों अपनी व्यवसाय के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे।