पंचकोशी यात्रा में इस बार हाईटेक निगरानी:हर पड़ाव पर लगेंगे हेड काउंटिंग कैमरे, उज्जैन में 50 हजार श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद

उज्जैन में 23 अप्रैल से शुरू हो रही 118 किलोमीटर लंबी पंचकोशी यात्रा में इस बार हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। जिला प्रशासन इसे 2028 सिंहस्थ महापर्व की तैयारियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयोग के रूप में देख रहा है। भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए इस बार यात्रा मार्ग पर हेड काउंटिंग मशीनें लगाई जाएंगी। इन मशीनों के जरिए यह पता लगाया जा सकेगा कि प्रत्येक पड़ाव पर कितने श्रद्धालु पहुंचे, कहां सबसे अधिक भीड़ है और किस स्थान पर भीड़ को डायवर्ट करने की ज़रूरत है। हेड काउंटिंग कैमरों की मदद से सिंहस्थ के लिए क्राउड मैनेजमेंट की प्रैक्टिकल रिहर्सल भी हो जाएगी। नागचंद्रेश्वर से शुरू होकर शिप्रा स्नान पर होगा समापन पांच दिवसीय यह यात्रा उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर प्रमुख पड़ाव—पिंगलेश्वर, करोहन, अंबोदिया, जैथल और उंडासा- से होते हुए लौटेगी। इसके अतिरिक्त शनि मंदिर त्रिवेणी, राघौपिपल्या, नलवा, सोडंग और केडी पैलेस जैसे उप-पड़ाव भी शामिल रहेंगे। समापन नागचंद्रेश्वर मंदिर लौटने के बाद शिप्रा नदी में स्नान के साथ होगा। 50 हजार श्रद्धालुओं के आने का अनुमान इस बार यात्रा में करीब 50 हजार श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इस बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन द्वारा विभिन्न व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पहली बार यात्रा मार्ग पर हेड काउंट कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिससे वास्तविक आंकड़ों के आधार पर व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा सकेगी। क्राउड मैनेजमेंट अधिक सटीक और प्रभावी होगा उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पंचकोशी यात्रा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर हेड काउंटिंग कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिससे रियल टाइम में श्रद्धालुओं की संख्या की निगरानी की जा सकेगी। इससे यह भी पता चलेगा कि व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं की संख्या के अनुसार पर्याप्त थीं या नहीं। प्रशासन का मानना है कि यह तकनीकी प्रयोग आगामी सिंहस्थ महापर्व के पहले बड़े आयोजन की तैयारी का हिस्सा है, जो आने वाले वर्षों में क्राउड मैनेजमेंट को अधिक सटीक और प्रभावी बनाएगा।

पंचकोशी यात्रा में इस बार हाईटेक निगरानी:हर पड़ाव पर लगेंगे हेड काउंटिंग कैमरे, उज्जैन में 50 हजार श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद
उज्जैन में 23 अप्रैल से शुरू हो रही 118 किलोमीटर लंबी पंचकोशी यात्रा में इस बार हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। जिला प्रशासन इसे 2028 सिंहस्थ महापर्व की तैयारियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयोग के रूप में देख रहा है। भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए इस बार यात्रा मार्ग पर हेड काउंटिंग मशीनें लगाई जाएंगी। इन मशीनों के जरिए यह पता लगाया जा सकेगा कि प्रत्येक पड़ाव पर कितने श्रद्धालु पहुंचे, कहां सबसे अधिक भीड़ है और किस स्थान पर भीड़ को डायवर्ट करने की ज़रूरत है। हेड काउंटिंग कैमरों की मदद से सिंहस्थ के लिए क्राउड मैनेजमेंट की प्रैक्टिकल रिहर्सल भी हो जाएगी। नागचंद्रेश्वर से शुरू होकर शिप्रा स्नान पर होगा समापन पांच दिवसीय यह यात्रा उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर प्रमुख पड़ाव—पिंगलेश्वर, करोहन, अंबोदिया, जैथल और उंडासा- से होते हुए लौटेगी। इसके अतिरिक्त शनि मंदिर त्रिवेणी, राघौपिपल्या, नलवा, सोडंग और केडी पैलेस जैसे उप-पड़ाव भी शामिल रहेंगे। समापन नागचंद्रेश्वर मंदिर लौटने के बाद शिप्रा नदी में स्नान के साथ होगा। 50 हजार श्रद्धालुओं के आने का अनुमान इस बार यात्रा में करीब 50 हजार श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इस बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन द्वारा विभिन्न व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पहली बार यात्रा मार्ग पर हेड काउंट कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिससे वास्तविक आंकड़ों के आधार पर व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा सकेगी। क्राउड मैनेजमेंट अधिक सटीक और प्रभावी होगा उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पंचकोशी यात्रा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर हेड काउंटिंग कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिससे रियल टाइम में श्रद्धालुओं की संख्या की निगरानी की जा सकेगी। इससे यह भी पता चलेगा कि व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं की संख्या के अनुसार पर्याप्त थीं या नहीं। प्रशासन का मानना है कि यह तकनीकी प्रयोग आगामी सिंहस्थ महापर्व के पहले बड़े आयोजन की तैयारी का हिस्सा है, जो आने वाले वर्षों में क्राउड मैनेजमेंट को अधिक सटीक और प्रभावी बनाएगा।