*ग्राम सभाओं के संवैधानिक अधिकारों में कटौती करने से परहेज करे सरकार*..
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अनूपपुर / ग्वालियर / शनिवार 8 फरवरी को ग्वालियर एवं चंबल संभाग के निर्वाचित सरपंचों एवं त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का वृहद सम्मेलन कृष्णा गार्डन वेंकट हाल,मोती झील,ग्वालियर में ग्वालियर जिला पंचायत परिषद के अध्यक्ष श्री रेखा गणेश पाल यादव द्वारा मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के विशाल सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए ऑल इंडिया पंचायत परिषद के मुख्य महामंत्री श्री शीतला शंकर विजय मिश्र ने मध्य प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ग्राम पंचायतों के संवैधानिक अधिकारों में कटौती करने से परहेज करे और 73वें संविधान संशोधन के अनुरूप कार्य करे। ग्राम सभा एक कार्यदायी संस्था है उसे पूर्ण अधिकार प्राप्त है कि वह अपने ग्राम के समग्र विकास की योजनाएं बनाये और उसको क्रियान्वित करे। राज्य सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि ग्राम सभाओं के निर्वाचन के पश्चात् किसी अन्य एजेंसी ( किसी समूह विशेष ) से विकास कार्य कराए। रोजगार सहायकों की नियुक्ति राज्य सरकार के खर्च पर किया जाए और उनके वेतन का भुगतान राज्य सरकार के कोष से किया जाय। मनरेगा / नरेगा के कोष से भुगतान न किया जाए ताकि ग्राम सभाओं पर वित्तीय बोझ न पड़े और ग्राम विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सके।पारदर्शिता के लिए आवश्यक है कि सरकार रोजगार सहायकों का स्थानांतरण भी करे।
मुख्य महामंत्री श्री शीतला शंकर विजय मिश्र ने मध्यप्रदेश सरकार से माँग की, कि सरकार पेशा पंचायत एक्ट द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार अधिनियम के युक्ति संगत ढाँचे के अनुसार अपने राज्य में ग्राम सभाओं को नियमावली बना कर यथोचित अधिकार देने पर विचार करें।जल, जंगल और ज़मीन ग्राम सभा की सम्पत्ति है लेकिन विशेष रूप से पेशा पंचायतों को जंगल की उपज एवं जंगलात की संपत्तियों पर संरक्षण, प्रबंधन तथा उपभोग का स्वतंत्र अधिकार दिया जाय।
परिषद का सुझाव है कि एक मुश्त परिवर्तन के सात सूत्रीय विंदुओं पर विचार करे और कार्ययोजना तैयार कराए और क्रियान्वित करे…..
1- पुरवे अथवा बस्ती के आधार पर ग्राम सभा का गठन किया जाय।
2- ग्राम सभा और पंचायत के मध्य विधायिका और कार्य पालिका का सम्बंध हो।
3- ग्राम सभा को कार्यक्रमों की प्राथमिकता तथा स्वीकृति का अधिकार दिया जाय।
4- गाँव के प्राकृतिक संसाधनों [ जल , जंगल और ज़मीन ] पर ग्राम सभा का प्रबंधन एवं अधिकार हो।
5- नशीली वस्तुओं के उत्पादन , क्रय - विक्रय आदि पर ग्राम सभा का पूर्ण नियंत्रण हो ।
6- अनुसूचित जाति,जनजाति एवं महिलाओं की उपस्थिति अनिवार्य बनाना तथा …
7- नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के आधार पर कार्य संचालन की प्रक्रिया के विकास का अधिकार मुख्यरूप से शामिल है।
श्री अशोक सिंह सेंगर अध्यक्ष मध्यप्रदेश पंचायत परिषद ने सम्मेलन में उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए माँग की,कि 73 वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायतों को प्रदत्त 29 विभागों का सम्पूर्ण अधिकार राज्य सरकार, यथा शीघ्र त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को हस्तांतरित करवाने के लिए कार्य योजना तैयार करें और उसे क्रियान्वित करे। श्री सेगर ने कहा कि राज्य सरकार अपने नौकर शाहों पर लगाम लगाए और नौकर शाह अपनी ज़िम्मेदारियों से बचने के लिये सरपंचों को धारा -40 के तहत नोटिस जारी करने से विरत रहें और पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों को वही सम्मान दें जो विधायकों एवं सांसदों को देते हैं।
श्री अशोक सिंह सेंगर ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए मध्यप्रदेश पंचायत परिषद, ऑल इंडिया पंचायत परिषद एवं बलवंत राय मेहता पंचायतीराज फ़ाउंडेशन के कार्यक्रमों को संचालित करेगा।ऑल इंडिया पंचायत परिषद एवं फाउंडेशन देश भर में समस्त प्रदेश / राज्य पंचायत परिषदों एवं प्रदेश पंचायती राज अभियान समिति के माध्यम से चलो गांव की ओर ग्रामीणों के सशक्तिकरण के लिए अलख जगाने का कार्य करता रहेगा । आइए हम लोग मिल कर इस मुहिम में शामिल हों।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रेखा गणेश पाल यादव, अध्यक्ष जिला पंचायत परिषद ग्वालियर ने किया। इस अवसर पर श्री महेंद्र सिंह बुंदेला, राष्टीय सचिव ऑल इंडिया पंचायत परिषद ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों,जिसमें पेशा पंचायतों के उपस्थित प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए सुझाव दिया कि भारत सरकार देश में पंचायती राज की तीसरी सरकार स्थापित करने के लिए ,त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से एक और संविधान संशोधन करे और पंचायतों को राज्य सरकारों के चंगुल से मुक्ति प्रदान करे।
श्री नरेंद्र सिंह चौहान एवं श्री वीरेंद्र सिंह यादव अध्यक्ष गण क्रमशः ग्वालियर एवं चंबल संभाग पंचायत परिषद ने पंचायती राज से सम्बंधित समस्याओं पर विचार रखा।
नीतू विक्रम सिंह सरपंच ने पेशा पंचायत एक्ट पर विस्तृत चर्चा की। श्री मती प्रीति सिंह राठौड , श्री मति कुसुम परिहार सरपंच, श्री शरद पाराशर, महामंत्री, मध्यप्रदेश पंचायत परिषद ने पंचायती राज की विसंगतियों पर प्रकाश डाला। सम्मेलन का संचालन श्री हेमराज चौहान जिला अध्यक्ष रायसेन, और शिव सिंह गुर्जर ने संयुक्त रूप से किया। सम्मेलन में श्री शरद पाराशर प्रदेश महासचिव, श्री अंगद सिंह यादव वन समिति अध्यक्ष, श्री हेमराज सिंह चौहान जिला अध्यक्ष रायसेन, श्री रेखा गणेश पाल यादव जिला अध्यक्ष ग्वालियर, श्री पप्पन सिंह यादव जिला पंचायत सदस्य, हरिसिंह रावत जिला श्योपुर, छत्रपाल सिंह यादव सरपंच, श्रीमति सुमन वीरेन्द्र परिहार सरपंच, सरपंच बलराम शर्मा दतिया, सरपंच मोहम्मद आरिफ अशोकनगर, सरपंच रामरूप रावत जिला श्योपुर, सरपंच गिरजा रविन्द्र धाकड़, सरपंच शिव सिंह गुर्जर सरपंच, सरपंच सोनू राणा, सरपंच राजेश माहौर, सरपंच दिनेश शर्मा, सरपंच विजेन्द्र दुबे, सरपंच बलराम शर्मा दतिया, सरपंच रामबिहारी दांगी दतिया, सरपंच नरेश अहिरवार, सरपंच कल्लू यादव, सरपंच संतोष दतिया, सरपंच नरेश करारी, सरपंच वीरेन्द्र सरपंच, सरपंच शगुन खुप सिंह, सरपंच वीरेन्द्र सिंह सेंसारी, सरपंच गिरिजा रविन्द्र धाकड़, सरपंच मान सिंह भदौरिया, सरंपच रमेश सिंह भदौरिया, सरपंच राजवीर सिंह गुर्जर, चांदनी शिव प्रताप सिंह, सरपंच आशा ध्यानेंद्र सिंह जाट, सरपंच देवेन्द्र सिंह, सरपंच सियाराम यादव आदि ने अपने अपने विचार रखा। बृहद संख्या में सरपंच साहबान ग्वालियर और चंबल संभाग के शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में अंगद सिंह यादव विगत 20 वर्षों से रहे अनुभवी पूर्व सरपंच ने सम्मेलन में पधारे समस्त अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया और आश्वासन दिया कि वह पंचायती राज की सफलता पर शोध कराएँगे और पंचायती राज की सफलता के लिए मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद एवं ऑल इंडिया पंचायत परिषद को पूर्ण सहयोग करेंगे
जय पंचायती राज के उदघोष के साथ सम्मेलन के समापन की घोषणा की गई।