छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े दुर्गोत्सव की झांकी में उमड़ी भीड़:राम-सीता को लेकर उड़ते दिखे हनुमान, कृष्ण ने चलाया सुदर्शन चक्र, जमकर धूमे युवा
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े दुर्गोत्सव की झांकी में उमड़ी भीड़:राम-सीता को लेकर उड़ते दिखे हनुमान, कृष्ण ने चलाया सुदर्शन चक्र, जमकर धूमे युवा
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े दुर्गोत्सव के समापन अवसर पर बिलासपुर में आकर्षक झांकियां निकाली गई। इसमें क्रेन पर लटके हनुमान जी भगवान राम और सीता को लेकर उड़ते दिखे। वहीं, भगवान कृष्ण उंगलियों से सुदर्शन चक्र चलाते नजर आए। रविवार रात झांकी देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आकर्षक लाइटिंग DJ, धुमाल और ढोल तासों की धुन पर लोग थिरकते रहे। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का यह सिलसिला सोमवार सुबह तक चलता रहा। बता दें कि शहर में दुर्गा विसर्जन में झांकी निकालने की परंपरा करीब 40 साल पुरानी है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की झांकी निकाली शहर में दशहरा पर्व मनाने के बाद रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की झांकी निकाली गई। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने दो दिन पहले ही दुर्गोत्सव समितियों की बैठक लेकर NGT और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए थे। तय नियम के अनुसार ही DJ और धुमाल बजाने कहा गया था, लेकिन रात आठ बजे से ही चौक-चौराहों पर तेज आवाज में DJ और धुमाल बजने लगे थे। 40 साल से चल रही झांकी निकालने की परंपरा शहर में विजयादशमी पर्व के बाद दुर्गा प्रतिमा विसर्जन करने की पुरानी परंपरा रही है। यही वजह है कि रविवार की सुबह से ही दुर्गा विसर्जन का दौर शुरू हुआ। रात में शहर के सिटी कोतवाली चौक में झांकियां निकाल कर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का दौर शुरू हुआ। इस दौरान शहर के अलग-अलग इलाकों से प्रमुख दुर्गोत्सव समितियां झांकी के साथ DJ और धुमाल की धुन पर थिरकते पुराना बस स्टैंड और सिम्स चौक पहुंचे। दुर्गा की प्रतिमाएं बारी-बारी से निकलने का सिलसिला इसके बाद सिम्स चौक से सभी दुर्गोत्सव समितियों की झांकियां और मां दुर्गा की प्रतिमाएं बारी-बारी से निकलने का सिलसिला शुरू हुआ। आकर्षक झांकियों को देखने के लिए श्रद्धालु रातभर जागते रहे। इस दौरान पूरी रात उत्सव का माहौल देखने को मिला। देर रात करीब 2 बजे तेलीपारा से लेकर गांधी चौक और देवकीनंदन चौक से लेकर शनिचरी रपटा तक लोगों की खचाखच भीड़ रही। भगवान राम-सीता को लेकर हवा में उड़े हनुमानजी बाजे-गाजे के साथ रंगीन लाइट और सजावट लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे। वहीं, झांकियों में भगवान राम-सीता को लेकर हनुमानजी हवा में उड़ते दिखे। साथ ही महाभारत युद्ध में पांडवों के साथ कृष्ण लीला करते झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। कई समितियों ने महापुरुषों के साथ ही छत्तीसगढ़ी लोक परंपरा के साथ ही गौ सेवा पर झांकी निकालकर थिरकते नजर आए। सुबह 8 बजे तक चला विसर्जन का सिलसिला शहर में पूरी झांकियों के साथ दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला सुबह 8 बजे तक चलता रहा। समितियों के साथ ही झांकियां देखने लोगों की भीड़ में पचरी घाट में बारी-बारी से अलग-अलग समितियों की दुर्गा प्रतिमा विसर्जित की गई। इस दौरान नगर निगम और नगर सेना की आपदा प्रबंधन टीम मौके पर डटे रहे। बड़ी प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए क्रेन का भी इंतजाम किया गया था। झांकियों का जगह-जगह हुआ स्वागत सिटी कोतवाली चौक से लेकर जूना बिलासपुर चौक तक विसर्जन की झांकियों और समितियों के स्वागत का दौर भी चलता रहा। यहां अलग-अलग सामाजिक संगठनों के साथ ही नेताओं ने दुर्गा विसर्जन में झांकियों की परंपरा को कायम रखने वाले समितियों का सम्मान किया। दुर्गा विसर्जन में अलग-अलग थीम पर निकाली गई झांकियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार भी दिया जाएगा। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू, शहर विधायक अमर अग्रवाल के साथ शहर के नेता और जनप्रतिनिधि भी पहुंचे थे। भीड़ में पैदल निकले MLA शुक्ला दुर्गा प्रतिमा विसर्जन व झांकी का स्वागत करने बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला भी पहुंचे थे। विधायक शुक्ला अपनी टीम के साथ जूना बिलासपुर से लोगों के बीच भीड़ में पैदल चलते हुए दुर्गा उत्सव समिति के पदाधिकारियों से मुलाकात की। वहीं, झांकी का स्वागत करने वाले सामाजिक संगठनों के बीच पहुंच कर उनका स्वागत किया। धरी रह गई पुलिस की तैयारी, ध्वस्त रही ट्रैफिक व्यवस्था दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और झांकी में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दो दिन पहले समितियों की बैठक ली गई थी, जिसमें उन्हें पुलिस अफसरों ने गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा था। वहीं, ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन झांकी में पुलिस की सारी व्यवस्था ध्वस्त नजर आई। इस दौरान भीड़ में लोग बाइक लेकर पहुंच गए तो कहीं लोगों के पैदल चलने की जगह तक नहीं थी। हालांकि, इस दौरान चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनात रही। अफसर भी मौजूद रहे। लेकिन, भीड़ को काबू करने और ट्रैफिक व्यवस्था बनाने में अफसर व जवान नाकाम रहे। वहीं, ध्वनि प्रदूषण और कोलाहल नियमों की भी पूरी रात धज्जियां उड़ती रही। इसके चलते तेलीपारा से लेकर जूना बिलासपुर के रहवासी परेशान होते रहे।
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े दुर्गोत्सव के समापन अवसर पर बिलासपुर में आकर्षक झांकियां निकाली गई। इसमें क्रेन पर लटके हनुमान जी भगवान राम और सीता को लेकर उड़ते दिखे। वहीं, भगवान कृष्ण उंगलियों से सुदर्शन चक्र चलाते नजर आए। रविवार रात झांकी देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आकर्षक लाइटिंग DJ, धुमाल और ढोल तासों की धुन पर लोग थिरकते रहे। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का यह सिलसिला सोमवार सुबह तक चलता रहा। बता दें कि शहर में दुर्गा विसर्जन में झांकी निकालने की परंपरा करीब 40 साल पुरानी है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की झांकी निकाली शहर में दशहरा पर्व मनाने के बाद रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन की झांकी निकाली गई। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने दो दिन पहले ही दुर्गोत्सव समितियों की बैठक लेकर NGT और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए थे। तय नियम के अनुसार ही DJ और धुमाल बजाने कहा गया था, लेकिन रात आठ बजे से ही चौक-चौराहों पर तेज आवाज में DJ और धुमाल बजने लगे थे। 40 साल से चल रही झांकी निकालने की परंपरा शहर में विजयादशमी पर्व के बाद दुर्गा प्रतिमा विसर्जन करने की पुरानी परंपरा रही है। यही वजह है कि रविवार की सुबह से ही दुर्गा विसर्जन का दौर शुरू हुआ। रात में शहर के सिटी कोतवाली चौक में झांकियां निकाल कर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का दौर शुरू हुआ। इस दौरान शहर के अलग-अलग इलाकों से प्रमुख दुर्गोत्सव समितियां झांकी के साथ DJ और धुमाल की धुन पर थिरकते पुराना बस स्टैंड और सिम्स चौक पहुंचे। दुर्गा की प्रतिमाएं बारी-बारी से निकलने का सिलसिला इसके बाद सिम्स चौक से सभी दुर्गोत्सव समितियों की झांकियां और मां दुर्गा की प्रतिमाएं बारी-बारी से निकलने का सिलसिला शुरू हुआ। आकर्षक झांकियों को देखने के लिए श्रद्धालु रातभर जागते रहे। इस दौरान पूरी रात उत्सव का माहौल देखने को मिला। देर रात करीब 2 बजे तेलीपारा से लेकर गांधी चौक और देवकीनंदन चौक से लेकर शनिचरी रपटा तक लोगों की खचाखच भीड़ रही। भगवान राम-सीता को लेकर हवा में उड़े हनुमानजी बाजे-गाजे के साथ रंगीन लाइट और सजावट लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे। वहीं, झांकियों में भगवान राम-सीता को लेकर हनुमानजी हवा में उड़ते दिखे। साथ ही महाभारत युद्ध में पांडवों के साथ कृष्ण लीला करते झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। कई समितियों ने महापुरुषों के साथ ही छत्तीसगढ़ी लोक परंपरा के साथ ही गौ सेवा पर झांकी निकालकर थिरकते नजर आए। सुबह 8 बजे तक चला विसर्जन का सिलसिला शहर में पूरी झांकियों के साथ दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला सुबह 8 बजे तक चलता रहा। समितियों के साथ ही झांकियां देखने लोगों की भीड़ में पचरी घाट में बारी-बारी से अलग-अलग समितियों की दुर्गा प्रतिमा विसर्जित की गई। इस दौरान नगर निगम और नगर सेना की आपदा प्रबंधन टीम मौके पर डटे रहे। बड़ी प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए क्रेन का भी इंतजाम किया गया था। झांकियों का जगह-जगह हुआ स्वागत सिटी कोतवाली चौक से लेकर जूना बिलासपुर चौक तक विसर्जन की झांकियों और समितियों के स्वागत का दौर भी चलता रहा। यहां अलग-अलग सामाजिक संगठनों के साथ ही नेताओं ने दुर्गा विसर्जन में झांकियों की परंपरा को कायम रखने वाले समितियों का सम्मान किया। दुर्गा विसर्जन में अलग-अलग थीम पर निकाली गई झांकियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार भी दिया जाएगा। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू, शहर विधायक अमर अग्रवाल के साथ शहर के नेता और जनप्रतिनिधि भी पहुंचे थे। भीड़ में पैदल निकले MLA शुक्ला दुर्गा प्रतिमा विसर्जन व झांकी का स्वागत करने बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला भी पहुंचे थे। विधायक शुक्ला अपनी टीम के साथ जूना बिलासपुर से लोगों के बीच भीड़ में पैदल चलते हुए दुर्गा उत्सव समिति के पदाधिकारियों से मुलाकात की। वहीं, झांकी का स्वागत करने वाले सामाजिक संगठनों के बीच पहुंच कर उनका स्वागत किया। धरी रह गई पुलिस की तैयारी, ध्वस्त रही ट्रैफिक व्यवस्था दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और झांकी में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दो दिन पहले समितियों की बैठक ली गई थी, जिसमें उन्हें पुलिस अफसरों ने गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा था। वहीं, ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन झांकी में पुलिस की सारी व्यवस्था ध्वस्त नजर आई। इस दौरान भीड़ में लोग बाइक लेकर पहुंच गए तो कहीं लोगों के पैदल चलने की जगह तक नहीं थी। हालांकि, इस दौरान चौक-चौराहों पर पुलिस बल तैनात रही। अफसर भी मौजूद रहे। लेकिन, भीड़ को काबू करने और ट्रैफिक व्यवस्था बनाने में अफसर व जवान नाकाम रहे। वहीं, ध्वनि प्रदूषण और कोलाहल नियमों की भी पूरी रात धज्जियां उड़ती रही। इसके चलते तेलीपारा से लेकर जूना बिलासपुर के रहवासी परेशान होते रहे।