जशपुर की बच्चियां चाइल्ड लाइन की निगरानी में:2 आरक्षकों ने नाबालिगों को बंधक बनाया, टॉर्चर किया, मजदूरी कराई

बिलासपुर में 2 पुलिस आरक्षकों ने दो नाबालिगों को बंधुआ मजदूरी कराकर टॉर्चर किया। जशपुर जिले की दो नाबालिग बच्चियों को पढ़ाई का झांसा देकर लाया गया, फिर आरक्षकों के क्वॉर्टर में नौकरानी की तरह काम करवाया गया। घर का पूरा काम करने के बावजूद बच्चियों को डराकर, धमकाकर रखा गया। उनके साथ मारपीट की गई। इस बीच रविवार की रात किसी तरह दोनों बच्चियां वहां से भागने में सफल रहीं। अभी उन्हें सखी सेंटर में रखा गया है। जहां बच्चियों को बंधक बनाकर गया था, वो दोनों कॉन्स्टेबल हैं। दरअसल, जशपुर निवासी 13 साल और 16 साल की दो बच्चियों को उनके कथित रिश्तेदार पढ़ाई कराने की बात कहकर 6 महीने पहले सिरगिट्‌टी क्षेत्र के तिफरा स्थित पुलिस क्वॉर्टर में लेकर पहुंचे। जहां बंधक बनाकर रखा गया। उनके कथित रिश्तेदार सुधीर कुजूर और अरूण लकड़ा पुलिसकर्मी हैं। पुलिस क्वार्टर में इन बच्चियों से झाड़ू-पोंछा, बर्तन की सफाई समेत पूरा काम कराया जाता था। मारपीट और डांट-फटकार लगाकर काम करने के लिए डराते थे। कथित रिश्तेदारों के साथ करीब 6 महीने तक रहने के बाद प्रताड़ित दोनों बच्चियां रविवार को किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर भाग निकलीं। बिलासपुर एसएसपी रजनेश ने बताया कि काउंसलिंग में प्रताड़ना की बात सामने आई तो आरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Jul 22, 2025 - 06:35
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जशपुर की बच्चियां चाइल्ड लाइन की निगरानी में:2 आरक्षकों ने नाबालिगों को बंधक बनाया, टॉर्चर किया, मजदूरी कराई
बिलासपुर में 2 पुलिस आरक्षकों ने दो नाबालिगों को बंधुआ मजदूरी कराकर टॉर्चर किया। जशपुर जिले की दो नाबालिग बच्चियों को पढ़ाई का झांसा देकर लाया गया, फिर आरक्षकों के क्वॉर्टर में नौकरानी की तरह काम करवाया गया। घर का पूरा काम करने के बावजूद बच्चियों को डराकर, धमकाकर रखा गया। उनके साथ मारपीट की गई। इस बीच रविवार की रात किसी तरह दोनों बच्चियां वहां से भागने में सफल रहीं। अभी उन्हें सखी सेंटर में रखा गया है। जहां बच्चियों को बंधक बनाकर गया था, वो दोनों कॉन्स्टेबल हैं। दरअसल, जशपुर निवासी 13 साल और 16 साल की दो बच्चियों को उनके कथित रिश्तेदार पढ़ाई कराने की बात कहकर 6 महीने पहले सिरगिट्‌टी क्षेत्र के तिफरा स्थित पुलिस क्वॉर्टर में लेकर पहुंचे। जहां बंधक बनाकर रखा गया। उनके कथित रिश्तेदार सुधीर कुजूर और अरूण लकड़ा पुलिसकर्मी हैं। पुलिस क्वार्टर में इन बच्चियों से झाड़ू-पोंछा, बर्तन की सफाई समेत पूरा काम कराया जाता था। मारपीट और डांट-फटकार लगाकर काम करने के लिए डराते थे। कथित रिश्तेदारों के साथ करीब 6 महीने तक रहने के बाद प्रताड़ित दोनों बच्चियां रविवार को किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर भाग निकलीं। बिलासपुर एसएसपी रजनेश ने बताया कि काउंसलिंग में प्रताड़ना की बात सामने आई तो आरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।