डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिलाने मानव श्रृंखला:सागर में 6.5 किमी लंबी फूल माला प्रतिमा पर चढ़ाई गई; वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

मध्यप्रदेश के दानवीर, कानूनविद और शिक्षाविद डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिलाने की मांग को लेकर सागरवासियों ने आज (25 नवंबर) साढ़े छह किलोमीटर लंबी फूल माला अर्पित की। इसका वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया है। दुनिया की सबसे लंबी गेंदे की फूल माला के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र दिया गया। टीम के अनुसार, इससे पहले बेंगलुरु में 5 किमी की माला बनी थी। आजादी के पहले 1946 में अपने जीवन का सर्वस्व अर्पण कर देश के 16वें और मध्यप्रदेश के पहले विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने वाले डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने दैनिक भास्कर ने यह अनूठी पहल की है। इसमें 265 संगठनों की सहभागिता रही। इनमें विश्वविद्यालय, स्कूल-कॉलेज से लेकर सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, गैर राजनीतिक संगठनों से लेकर महिला संगठन, पेंशनर्स संगठन शामिल रहे। सभी ने सोमवार सुबह बत्ती स्थित गौर प्रतिमा से लेकर विश्वविद्यालय स्थित गौर की प्रतिमा तक मानव श्रृंखला के रूप में एकत्र होकर 6.5 किलोमीटर लंबी गेंदे की माला डॉ. गौर को अर्पित की। बता दें कि डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने की मांग बीते 44 सालों से हो रही है। ये पहली बार है, जब तमाम संगठन इस तरह से एकजुट होकर यह मांग उठा रहे हैं। देखिए मानव श्रंखला की 4 तस्वीरें... डॉ. हरि सिंह गौर सागर की नींव के पत्थर सागर के समाजसेवी अनिल गुप्ता ने कहा कि डॉ. गौर सागर की नींव के पत्थर हैं। उनके सहयोग और त्याग के कारण ही आज हम यहां खड़े हैं। हम तो उन्हें भारत रत्न मानते ही हैं, लेकिन चाहते हैं कि ऑफिशियली उन्हें भारत रत्न दिया जाए। ताकि पूरे हिंदुस्तान के लोगों को यह मालूम चले कि एक व्यक्ति ने लाखों लोगों का जीवन संवार दिया। रिटायर्ड प्रोफेसर के कृष्णाराव कहते हैं कि दैनिक भास्कर के अभियान का सागर की जनता के साथ विश्वविद्यालय परिवार और कर्मचारी संघ की तरफ से समर्थन करता हूं। यह संकल्प पूरा होने तक अभियान चलता रहे, ऐसी कामना करता हूं। डॉ. गौर इसलिए भारत रत्न के सच्चे हकदार

डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिलाने मानव श्रृंखला:सागर में 6.5 किमी लंबी फूल माला प्रतिमा पर चढ़ाई गई; वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
मध्यप्रदेश के दानवीर, कानूनविद और शिक्षाविद डॉ. हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिलाने की मांग को लेकर सागरवासियों ने आज (25 नवंबर) साढ़े छह किलोमीटर लंबी फूल माला अर्पित की। इसका वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया है। दुनिया की सबसे लंबी गेंदे की फूल माला के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र दिया गया। टीम के अनुसार, इससे पहले बेंगलुरु में 5 किमी की माला बनी थी। आजादी के पहले 1946 में अपने जीवन का सर्वस्व अर्पण कर देश के 16वें और मध्यप्रदेश के पहले विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने वाले डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने दैनिक भास्कर ने यह अनूठी पहल की है। इसमें 265 संगठनों की सहभागिता रही। इनमें विश्वविद्यालय, स्कूल-कॉलेज से लेकर सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, गैर राजनीतिक संगठनों से लेकर महिला संगठन, पेंशनर्स संगठन शामिल रहे। सभी ने सोमवार सुबह बत्ती स्थित गौर प्रतिमा से लेकर विश्वविद्यालय स्थित गौर की प्रतिमा तक मानव श्रृंखला के रूप में एकत्र होकर 6.5 किलोमीटर लंबी गेंदे की माला डॉ. गौर को अर्पित की। बता दें कि डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने की मांग बीते 44 सालों से हो रही है। ये पहली बार है, जब तमाम संगठन इस तरह से एकजुट होकर यह मांग उठा रहे हैं। देखिए मानव श्रंखला की 4 तस्वीरें... डॉ. हरि सिंह गौर सागर की नींव के पत्थर सागर के समाजसेवी अनिल गुप्ता ने कहा कि डॉ. गौर सागर की नींव के पत्थर हैं। उनके सहयोग और त्याग के कारण ही आज हम यहां खड़े हैं। हम तो उन्हें भारत रत्न मानते ही हैं, लेकिन चाहते हैं कि ऑफिशियली उन्हें भारत रत्न दिया जाए। ताकि पूरे हिंदुस्तान के लोगों को यह मालूम चले कि एक व्यक्ति ने लाखों लोगों का जीवन संवार दिया। रिटायर्ड प्रोफेसर के कृष्णाराव कहते हैं कि दैनिक भास्कर के अभियान का सागर की जनता के साथ विश्वविद्यालय परिवार और कर्मचारी संघ की तरफ से समर्थन करता हूं। यह संकल्प पूरा होने तक अभियान चलता रहे, ऐसी कामना करता हूं। डॉ. गौर इसलिए भारत रत्न के सच्चे हकदार