बड़ी नदियों को बचाने सहायक नदियों को जिन्दा रखना होगा:मंत्री प्रहलाद पटेल बोले, नदियों के संगम को रौंदने की गलती मत करना
बड़ी नदियों को बचाने सहायक नदियों को जिन्दा रखना होगा:मंत्री प्रहलाद पटेल बोले, नदियों के संगम को रौंदने की गलती मत करना
प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा है कि जहां उद्गम होता है, वहां ऊर्जा होती है और जहां नदियों का संगम होता है, वहां जीवन होता है। उसे रौंदने की गलती कभी मत करना। बड़ी नदियों को बचाना है, तो उसकी सहायक नदियों को जिन्दा रखना होगा। बेतवा के लिए सहायक नदियों को बचाना सबके लिए चुनौती का काम है। मंत्री पटेल ने ये बातें सोमवार को विदिशा जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यक्रमों के दौरान कहीं। उन्होंने अलग-अलग गांवों में श्रमदान के दौरान लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। मंत्री पटेल ने इस दौरान कहा कि किसी नदी के उद्गम को समृद्ध करने के लिए जो चीज होनी चाहिए, वह प्राकृतिक रूप से यहां पर है। नदी व नहर का जो अंतर है, वह यह है कि नदी अपने आप में समृद्ध होती है। नदी को नहर मत बनने दो। मंत्री पटेल ने अभियान के अंतर्गत आज जनपद पंचायत गंजबासौदा के चक्क हिरनौदा में ये बातें कहीं। उन्होंने विदिशा की पाराशरी नदी उद्गम स्थल पर पूजन किया। पटेल ने कहा कि पिछले दो वर्षों से पाराशरी नदी के संवर्धन का जो काम चल रहा है, उसमें चींटी के समान मुझे भी योगदान का सौभाग्य मिला। सारे लोग श्रम में शामिल नहीं होते, यह समाज का दोष है। पटेल ने पाराशरी नदी के घाट का भूमि पूजन, श्रमदान कर सफाई कर्मियों को सम्मानित किया। इस दौरान मंत्री पटेल ने गंजबासौदा में पंच-सरपंच सम्मेलन को भी संबोधित किया।
प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा है कि जहां उद्गम होता है, वहां ऊर्जा होती है और जहां नदियों का संगम होता है, वहां जीवन होता है। उसे रौंदने की गलती कभी मत करना। बड़ी नदियों को बचाना है, तो उसकी सहायक नदियों को जिन्दा रखना होगा। बेतवा के लिए सहायक नदियों को बचाना सबके लिए चुनौती का काम है। मंत्री पटेल ने ये बातें सोमवार को विदिशा जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के कार्यक्रमों के दौरान कहीं। उन्होंने अलग-अलग गांवों में श्रमदान के दौरान लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। मंत्री पटेल ने इस दौरान कहा कि किसी नदी के उद्गम को समृद्ध करने के लिए जो चीज होनी चाहिए, वह प्राकृतिक रूप से यहां पर है। नदी व नहर का जो अंतर है, वह यह है कि नदी अपने आप में समृद्ध होती है। नदी को नहर मत बनने दो। मंत्री पटेल ने अभियान के अंतर्गत आज जनपद पंचायत गंजबासौदा के चक्क हिरनौदा में ये बातें कहीं। उन्होंने विदिशा की पाराशरी नदी उद्गम स्थल पर पूजन किया। पटेल ने कहा कि पिछले दो वर्षों से पाराशरी नदी के संवर्धन का जो काम चल रहा है, उसमें चींटी के समान मुझे भी योगदान का सौभाग्य मिला। सारे लोग श्रम में शामिल नहीं होते, यह समाज का दोष है। पटेल ने पाराशरी नदी के घाट का भूमि पूजन, श्रमदान कर सफाई कर्मियों को सम्मानित किया। इस दौरान मंत्री पटेल ने गंजबासौदा में पंच-सरपंच सम्मेलन को भी संबोधित किया।