भिंड में संतों का आंदोलन, आज अन्न-जल भी छोड़ा:बोले- मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन करेंगे; MPRDC ने 20 दिन का समय मांगा
भिंड में संतों का आंदोलन, आज अन्न-जल भी छोड़ा:बोले- मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन करेंगे; MPRDC ने 20 दिन का समय मांगा
ग्वालियर-भिंड-इटावा नेशनल हाईवे को सिक्सलेन बनाने की मांग को लेकर भिंड में संत समाज द्वारा चलाए जा रहे अखंड आंदोलन का सोमवार को पांचवां दिन रहा। सरकार की लगातार अनदेखी से क्षुब्ध होकर नौ संतों ने आज अन्न-जल त्यागकर अनशन शुरू कर दिया। संतों ने इसे “नवग्रह अनशन” नाम दिया है और इसे जनहित की लड़ाई बताया। बता दें कि खंडा रोड स्थित धरना स्थल पर बीते 10 अप्रैल से यह आंदोलन चल रहा है, जिसमें संतों के साथ बड़ी संख्या में समाजसेवी और नागरिक भी शामिल हो रहे हैं। आंदोलन की मुख्य मांग है कि वर्तमान टूलेन नेशनल हाईवे को सिक्सलेन में बदला जाए, जिससे लगातार हो रहे सड़क हादसों पर रोक लग सके। बताया गया है कि इस मार्ग पर एक वर्ष में 200 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 600 से ज्यादा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। बोले- जब तक मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन करेंगे
सोमवार को रामदास उर्फ संपत्तिदास बाबा, बजरंग दास महाराज, हरिशंकर दास, प्रेमदास, नरसिंहदास, रामदास जौरा, अनिरुद्धापुरी, नंदू महाराज सहित नौ संतों ने अनशन शुरू किया। संत समिति के अध्यक्ष कालीदास महाराज ने कहा, “अब समाज नहीं, संत खुद मैदान में उतरे हैं। सरकार को चेतना होगा, यह केवल सड़क नहीं, जन जीवन की सुरक्षा की मांग है। जब तक मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।” इस बीच करीब 4:30 बजे एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक राजीव श्रीवास्तव संतों से मिलने पहुंचे और 20 दिन का समय मांगा। उन्होंने बताया कि सड़क के फोरलेन या सिक्सलेन के लिए सर्वे का कार्य जारी है, इंजीनियर डीपीआर तैयार कर रहे हैं। संतों ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि मार्च में भी डीपीआर की बात कही गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। MPRDC अधिकारी ने मांगा 20 दिन का समय
शाम करीब 4:30 बजे मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPRDC) के संभागीय प्रबंधक राजीव श्रीवास्तव धरना स्थल खंडा रोड, भिंड पहुंचे। उन्होंने संतों को प्रणाम कर बातचीत की और बताया कि ग्वालियर-भिंड-इटावा नेशनल हाईवे को सिक्सलेन बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। राजीव श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि वाहनों की आवाजाही का सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसके आधार पर सड़क का नक्शा (मैप) और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को सिक्सलेन बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा पहले यह भी देखा जा रहा है कि कहां फोरलेन पर्याप्त होगा और किन-किन क्षेत्रों में बायपास की आवश्यकता होगी। उन्होंने संतों से अपील की कि इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए 20 दिन का समय दिया जाए। हालांकि, संतों ने इस पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि पूर्व में भी इसी प्रकार मार्च माह में डीपीआर तैयार करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं आया। अब जब तक कार्य प्रारंभ नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।
ग्वालियर-भिंड-इटावा नेशनल हाईवे को सिक्सलेन बनाने की मांग को लेकर भिंड में संत समाज द्वारा चलाए जा रहे अखंड आंदोलन का सोमवार को पांचवां दिन रहा। सरकार की लगातार अनदेखी से क्षुब्ध होकर नौ संतों ने आज अन्न-जल त्यागकर अनशन शुरू कर दिया। संतों ने इसे “नवग्रह अनशन” नाम दिया है और इसे जनहित की लड़ाई बताया। बता दें कि खंडा रोड स्थित धरना स्थल पर बीते 10 अप्रैल से यह आंदोलन चल रहा है, जिसमें संतों के साथ बड़ी संख्या में समाजसेवी और नागरिक भी शामिल हो रहे हैं। आंदोलन की मुख्य मांग है कि वर्तमान टूलेन नेशनल हाईवे को सिक्सलेन में बदला जाए, जिससे लगातार हो रहे सड़क हादसों पर रोक लग सके। बताया गया है कि इस मार्ग पर एक वर्ष में 200 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 600 से ज्यादा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। बोले- जब तक मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन करेंगे
सोमवार को रामदास उर्फ संपत्तिदास बाबा, बजरंग दास महाराज, हरिशंकर दास, प्रेमदास, नरसिंहदास, रामदास जौरा, अनिरुद्धापुरी, नंदू महाराज सहित नौ संतों ने अनशन शुरू किया। संत समिति के अध्यक्ष कालीदास महाराज ने कहा, “अब समाज नहीं, संत खुद मैदान में उतरे हैं। सरकार को चेतना होगा, यह केवल सड़क नहीं, जन जीवन की सुरक्षा की मांग है। जब तक मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।” इस बीच करीब 4:30 बजे एमपीआरडीसी के संभागीय प्रबंधक राजीव श्रीवास्तव संतों से मिलने पहुंचे और 20 दिन का समय मांगा। उन्होंने बताया कि सड़क के फोरलेन या सिक्सलेन के लिए सर्वे का कार्य जारी है, इंजीनियर डीपीआर तैयार कर रहे हैं। संतों ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि मार्च में भी डीपीआर की बात कही गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। MPRDC अधिकारी ने मांगा 20 दिन का समय
शाम करीब 4:30 बजे मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPRDC) के संभागीय प्रबंधक राजीव श्रीवास्तव धरना स्थल खंडा रोड, भिंड पहुंचे। उन्होंने संतों को प्रणाम कर बातचीत की और बताया कि ग्वालियर-भिंड-इटावा नेशनल हाईवे को सिक्सलेन बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। राजीव श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि वाहनों की आवाजाही का सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसके आधार पर सड़क का नक्शा (मैप) और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को सिक्सलेन बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा पहले यह भी देखा जा रहा है कि कहां फोरलेन पर्याप्त होगा और किन-किन क्षेत्रों में बायपास की आवश्यकता होगी। उन्होंने संतों से अपील की कि इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए 20 दिन का समय दिया जाए। हालांकि, संतों ने इस पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि पूर्व में भी इसी प्रकार मार्च माह में डीपीआर तैयार करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं आया। अब जब तक कार्य प्रारंभ नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।