महात्मा गांधी किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं:कांग्रेस बोली-शंकराचार्य धर्माचार्य हैं, राजनीतिक मामलों उनकी बात से सब सहमत हों ये जरूरी नहीं
महात्मा गांधी किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं:कांग्रेस बोली-शंकराचार्य धर्माचार्य हैं, राजनीतिक मामलों उनकी बात से सब सहमत हों ये जरूरी नहीं
ज्योतिष पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सोमवार को रायपुर दौरे पर थे, यहां उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्र पिता नहीं हैं। उनके इस बयान को लेकर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि महात्मा गांधी किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। सुशील आनंद शुक्ला ने कहा शंकराचार्य हिंदू धर्म के सबसे बड़े धर्माचार्य है, राजनीतिक मामलों में उनकी बात से सब सहमत हूं यह जरूरी नहीं है। महात्मा गांधी को देश की जनता ने दिया राष्ट्र पिता का दर्जा शुक्ला ने कहा यह उनकी अपनी राय हो सकती है। जिस प्रकार से भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया, स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी। महात्मा गांधी स्वयं राष्ट्रपिता है उसके लिए किस कानून संवैधानिक व्यवस्था की आवश्यकता नहीं है। भारत के लोगों के हृदय में महात्मा गांधी बसे हुए हैं, दुनिया के 80 से अधिक देशों में महात्मा गांधी के विचारधारा को उनकी मूर्ति को स्थापित किया गया है। महात्मा गांधी ने राजनीति में जो नवाचार किया उसके बारे में आज भी चर्चा होती है। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता होने के लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। गांधी को राष्ट्रपिता बताना सिर्फ अफवाह-शंकराचार्य सोमवार को रायपुर के दीनदयाल ऑडिटोरियम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शंकराचार्य ने कहा कि, राष्ट्रपिता नाम की कोई चीज हमारे यहां नहीं है। भारत कब से है, यह कोई नहीं जानता। इसका जन्म देने वाला कोई नहीं है। जब पाकिस्तान बना और पाकिस्तान के 'कायदे आजम' राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना बने, क्योंकि वह नया जन्मा था, लेकिन भारत पहले से था। भारत को किसी ने नहीं जन्म दिया है। ऐसे में भारत में कोई भी राष्ट्रपिता की पदवी पर प्रतिष्ठित नहीं किया जा सकता है। मोहन दास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता बताने की लोग अफवाह फैलाते हैं। अगर वे राष्ट्रपिता होंगे, तो उनसे प्रश्न होंगे कि उन्होंने किस राष्ट्र को जन्म दिया है। उनका जन्म तो खुद भारत में हुआ है, फिर वे कैसे राष्ट्रपिता हुए। इस बात की स्पष्टता इससे मिलेगी, जब गौ-माता राष्ट्र माता घोषित होगी।
ज्योतिष पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सोमवार को रायपुर दौरे पर थे, यहां उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्र पिता नहीं हैं। उनके इस बयान को लेकर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि महात्मा गांधी किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। सुशील आनंद शुक्ला ने कहा शंकराचार्य हिंदू धर्म के सबसे बड़े धर्माचार्य है, राजनीतिक मामलों में उनकी बात से सब सहमत हूं यह जरूरी नहीं है। महात्मा गांधी को देश की जनता ने दिया राष्ट्र पिता का दर्जा शुक्ला ने कहा यह उनकी अपनी राय हो सकती है। जिस प्रकार से भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया, स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी। महात्मा गांधी स्वयं राष्ट्रपिता है उसके लिए किस कानून संवैधानिक व्यवस्था की आवश्यकता नहीं है। भारत के लोगों के हृदय में महात्मा गांधी बसे हुए हैं, दुनिया के 80 से अधिक देशों में महात्मा गांधी के विचारधारा को उनकी मूर्ति को स्थापित किया गया है। महात्मा गांधी ने राजनीति में जो नवाचार किया उसके बारे में आज भी चर्चा होती है। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता होने के लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। गांधी को राष्ट्रपिता बताना सिर्फ अफवाह-शंकराचार्य सोमवार को रायपुर के दीनदयाल ऑडिटोरियम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शंकराचार्य ने कहा कि, राष्ट्रपिता नाम की कोई चीज हमारे यहां नहीं है। भारत कब से है, यह कोई नहीं जानता। इसका जन्म देने वाला कोई नहीं है। जब पाकिस्तान बना और पाकिस्तान के 'कायदे आजम' राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना बने, क्योंकि वह नया जन्मा था, लेकिन भारत पहले से था। भारत को किसी ने नहीं जन्म दिया है। ऐसे में भारत में कोई भी राष्ट्रपिता की पदवी पर प्रतिष्ठित नहीं किया जा सकता है। मोहन दास करमचंद गांधी को राष्ट्रपिता बताने की लोग अफवाह फैलाते हैं। अगर वे राष्ट्रपिता होंगे, तो उनसे प्रश्न होंगे कि उन्होंने किस राष्ट्र को जन्म दिया है। उनका जन्म तो खुद भारत में हुआ है, फिर वे कैसे राष्ट्रपिता हुए। इस बात की स्पष्टता इससे मिलेगी, जब गौ-माता राष्ट्र माता घोषित होगी।