युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद का जीवन चरित्र:पुणे के कलाकार ने मोनो प्ले से दिया संदेश- युवा बने बजरंगबली और सिंह जैसा
युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद का जीवन चरित्र:पुणे के कलाकार ने मोनो प्ले से दिया संदेश- युवा बने बजरंगबली और सिंह जैसा
सतना में युवा दिवस पर रविवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित नाट्य मंचन हुआ। टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पुणे के प्रसिद्ध कलाकार दामोदर रामदासी ने मोनो प्ले के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के जीवन को जीवंत किया। दामोदर रामदासी ने अपने प्रस्तुति में स्वामी विवेकानंद के जन्म से लेकर संन्यासी बनने तक की यात्रा को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि जब युवा दृढ़ता से खड़ा होता है, तो वह बजरंगबली की तरह शक्तिशाली और जब चलता है तो सिंह की तरह गतिशील होता है। मंचन के दौरान उन्होंने युवाओं को "उठो जागो और जब तक मंजिल न मिले, रुको मत" का प्रेरक संदेश दिया। कार्यक्रम में उपस्थित सांसद गणेश सिंह ने कहा कि मोनो प्ले के माध्यम से प्रस्तुत स्वामी विवेकानंद का जीवन अत्यंत प्रेरणादायक रहा। पंडित गणेश प्रसाद मिश्र न्यास द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम पूर्णतः सफल रहा। कार्यक्रम के दौरान दर्शकों ने स्वामी विवेकानंद के जयकारे लगाए, जो इस आयोजन की सफलता का प्रमाण था।
सतना में युवा दिवस पर रविवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित नाट्य मंचन हुआ। टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पुणे के प्रसिद्ध कलाकार दामोदर रामदासी ने मोनो प्ले के माध्यम से स्वामी विवेकानंद के जीवन को जीवंत किया। दामोदर रामदासी ने अपने प्रस्तुति में स्वामी विवेकानंद के जन्म से लेकर संन्यासी बनने तक की यात्रा को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि जब युवा दृढ़ता से खड़ा होता है, तो वह बजरंगबली की तरह शक्तिशाली और जब चलता है तो सिंह की तरह गतिशील होता है। मंचन के दौरान उन्होंने युवाओं को "उठो जागो और जब तक मंजिल न मिले, रुको मत" का प्रेरक संदेश दिया। कार्यक्रम में उपस्थित सांसद गणेश सिंह ने कहा कि मोनो प्ले के माध्यम से प्रस्तुत स्वामी विवेकानंद का जीवन अत्यंत प्रेरणादायक रहा। पंडित गणेश प्रसाद मिश्र न्यास द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम पूर्णतः सफल रहा। कार्यक्रम के दौरान दर्शकों ने स्वामी विवेकानंद के जयकारे लगाए, जो इस आयोजन की सफलता का प्रमाण था।