देवउठनी एकादशी पर जिले में स्थानीय अवकाश घोषित:कलेक्टर ने जारी किए आदेश, पहले गोवर्धन पूजा पर स्थानीय अवकाश घोषित किया था
देवउठनी एकादशी पर जिले में स्थानीय अवकाश घोषित:कलेक्टर ने जारी किए आदेश, पहले गोवर्धन पूजा पर स्थानीय अवकाश घोषित किया था
कलेक्टर ने मंगलवार (12 नवंबर) देवउठनी एकादशी को जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया है। इसके पहले यहां 1 नवंबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन बाद में यह तारीख बदल दी गई थी। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने आदेश जारी कर 12 नवंबर, 2024 मंगलवार देवउठनी एकादशी/तुलसी विवाह का स्थानीय अवकाश घोषित किया है। पूर्व आदेश अनुसार कलेक्टर सूर्यवंशी ने 1 नवंबर गोवर्धन पूजा का स्थानीय अवकाश घोषित किया था। चूंकि मध्यप्रदेश शासन द्वारा गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। कलेक्टर ने 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश होने के कारण अब उसके स्थान पर 12 नवंबर देवउठनी एकादशी को स्थानीय अवकाश घोषित किया है। बता दे कि जिले में दीपावली के 11 दिन बाद ग्यारस का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर दीपावली से भी अधिक खुशियां और उत्साह देखने को मिलता है। यह है त्यौहार का महत्व हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।इस बार देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन से सभी शुभ व मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और पुन: सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. आपको बता दें कि इस दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी के विवाह का भी प्रवधान है।
कलेक्टर ने मंगलवार (12 नवंबर) देवउठनी एकादशी को जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया है। इसके पहले यहां 1 नवंबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन बाद में यह तारीख बदल दी गई थी। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने आदेश जारी कर 12 नवंबर, 2024 मंगलवार देवउठनी एकादशी/तुलसी विवाह का स्थानीय अवकाश घोषित किया है। पूर्व आदेश अनुसार कलेक्टर सूर्यवंशी ने 1 नवंबर गोवर्धन पूजा का स्थानीय अवकाश घोषित किया था। चूंकि मध्यप्रदेश शासन द्वारा गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। कलेक्टर ने 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश होने के कारण अब उसके स्थान पर 12 नवंबर देवउठनी एकादशी को स्थानीय अवकाश घोषित किया है। बता दे कि जिले में दीपावली के 11 दिन बाद ग्यारस का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर दीपावली से भी अधिक खुशियां और उत्साह देखने को मिलता है। यह है त्यौहार का महत्व हिंदू धर्म में देव उठनी एकादशी का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।इस बार देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन से सभी शुभ व मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।शास्त्रों के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागते हैं और पुन: सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. आपको बता दें कि इस दिन भगवान शालीग्राम और माता तुलसी के विवाह का भी प्रवधान है।