15 दिन लापता...फिर जंगल में नग्न हालत में मिली लाश:अमेरिकी दूतावास की महिला कर्मचारी को नमक-यूरिया डालकर दफनाया था, मोबाइल से खुला राज
15 दिन लापता...फिर जंगल में नग्न हालत में मिली लाश:अमेरिकी दूतावास की महिला कर्मचारी को नमक-यूरिया डालकर दफनाया था, मोबाइल से खुला राज
तारीख- 14 मई 2016। जगह- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एरिया के कामती का जंगल। एक बरसाती नाला, जो मई की गर्मी में करीब-करीब सूख चुका है। यहां दो मजदूर गड्ढा खोद रहे हैं, साथ में है पुलिस के अधिकारी। काफी देर तक गड्ढा खोदने के बाद भी मजदूरों के हाथ कुछ नहीं लगा, तब अधिकारी बोले- थोड़ा और खोदो। कुछ ही देर बाद गड्ढे से एक महिला की लाश निकली। लाश के कपड़े गायब थे। वह आधी सड़ चुकी थी क्योंकि इसे दफनाने के बाद नमक और यूरिया डाला गया था। ये लाश थी 15 दिन से लापता लीना शर्मा की। जो अमेरिकी दूतावास में काम करती थी। आखिर लीना इस सुनसान जंगल तक कैसे पहुंची? सबसे बड़ा सवाल कि उसकी हत्या किसने की थी? आज मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में पढ़िए, 9 साल पुरानी एक ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री। ननिहाल से मिली थी करोड़ों की जमीन
नर्मदापुरम के सोहागपुर में रहने वाले सत्येंद्र शर्मा की दो बेटियां थीं। एक हेमा और दूसरी लीना। स्कूली पढ़ाई मध्यप्रदेश में होने के बाद लीना की बाकी पढ़ाई दिल्ली में हुई थी। इसके बाद वह अमेरिकी दूतावास में बतौर असिस्टेंट मैनेजर काम करने लगी। बड़ी बहन हेमा की शादी बेंगलुरू में एक साइंटिस्ट से हो गई। दोनों बहनें अक्सर छुट्टियों में सोहागपुर आती थीं। सोहागपुर के पास डूडादेह गांव में लीना और हेमा के नाम से 36 एकड़ जमीन थी। जिसकी कीमत करोड़ों रुपयों में थी। लीना और हेमा को ये जमीन ननिहाल की तरफ से मिली थी। दोनों बहनों ने जमीन को खेती के लिए बटाईदारों को दिया था। मगर, इस जमीन पर किसी और की भी नजर थी। वह शख्स था, लीना और हेमा का मामा प्रदीप शर्मा। भांजियों की जमीन पर मामा की नजर
प्रदीप शर्मा सोहागपुर में कांग्रेस का तत्कालीन ब्लॉक अध्यक्ष था। प्रदीप के पिता और लीना-हेमा के नाना दोनों सगे भाई थे। नाना ने अपने भाई को पुश्तैनी जमीन देने के बजाय बेटी और भांजियों के नाम की थी। ये प्रदीप शर्मा को अखरता था। प्रदीप और लीना-हेमा की जमीन अगल-बगल थी। दोनों जमीन की वैसी देखभाल नहीं कर पाती थीं, जैसी होना चाहिए। बटाईदार अक्सर लीना को फोन लगाकर कहते थे कि उनके मामा प्रदीप शर्मा जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा करते जा रहे हैं। लीना इस बात से चिंतित थी और इसका कोई हल निकालना चाहती थी। साल 2016 के अप्रैल की बात है। दोनों बहनें लीना और हेमा सोहागपुर आई थीं। उनके बीच जमीन को लेकर बातचीत हुई। मामा ने हड़पी 10 एकड़ जमीन
20 अप्रैल 2016 को लीना ने सोहागपुर तहसील में पटवारी और राजस्व निरीक्षक को जमीन की नपती करने का आवेदन दिया। 24 अप्रैल को जब जमीन की नपती हुई तो करीब 10 एकड़ जमीन पर मामा प्रदीप शर्मा ने कब्जा कर लिया था। लीना ने अधिकारियों की मौजूदगी में जमीन का सीमांकन करवा लिया। वह चाहती थी कि इसकी फेंसिंग हो जाए, ताकि दोबारा मामा कब्जा न कर सके। फेंसिंग के लिए उसने प्रताप कुशवाहा से बात की। 29 अप्रैल 2016 को सुबह 9 बजे लीना शर्मा सोहागपुर से आटोरिक्शा लेकर अपने ननिहाल डूडादेह पहुंची। प्रताप और उसके दो कर्मचारी गंगाराम और तुलाराम साथ थे। फेंसिंग की जानकारी प्रदीप को लग चुकी थी। लिहाजा, उसने कुशवाह को फेंसिंग करने से रोका और लीना से कहा- फेंसिंग करने आए प्रताप और कर्मचारियों को धमकाया
लीना के इतना कहने के बाद मामा प्रदीप शर्मा ने उसे समझाने की कोशिश की। जब लीना ने मामा की बात नहीं मानी तो प्रदीप शर्मा ने प्रताप और उसके कर्मचारियों को धमकाया। प्रदीप के तेवर देखकर तीनों खेत के पास रहने वाले डेनियल प्रकाश के घर सामान छोड़कर भाग खड़े हुए। लीना हुई लापता, मामा ने दर्ज कराई रिपोर्ट
5 मई 2016 को प्रदीप शर्मा ने लीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। तत्कालीन टीआई राजेंद्र वर्मा को बताया कि भांजी लीना दिल्ली में अमेरिकन एंबेसी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर काम करती है। 28 अप्रैल 2016 को वह मुझसे मिलने डूडादेह गांव आई थी। मुलाकात के बाद वह जबलपुर जाने का कहकर निकली। 29 अप्रैल को जब मैंने उसे कॉल किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। मैंने लगातार लीना से संपर्क किया, मगर उसका कोई पता नहीं चला। केस अमेरिकी दूतावास की कर्मचारी से जुड़ा था, लिहाजा टीआई वर्मा ने लीना की गुमशुदगी के मामले को गंभीरता से लिया। सबसे पहले लीना का मोबाइल ट्रेस कराया। लोकेशन पिपरिया में मिली। पिपरिया पहुंची पुलिस ने एक युवक से लीना का मोबाइल जब्त किया। युवक ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसे ये मोबाइल भोपाल से इटारसी के बीच चलने वाली ट्रेन विंध्याचल एक्सप्रेस में मिला था। उसने इसे चुराया नहीं है। पुलिस ने जब लीना के मोबाइल की कॉल डिटेल्स निकाली तो अहम सुराग मिले। कॉल डिटेल्स में मिले आखिरी नंबर पर पुलिस ने फोन किया तो एक ऑटो वाले ने इसे उठाया। उसने पुलिस को बताया कि 29 अप्रैल की सुबह वह लीना शर्मा को सोहागपुर से डूडादेह गांव में एक खेत के पास छोड़कर आया था। अधिकारियों का माथा ठनका। पुलिस के पास जो गुमशुदगी की रिपोर्ट थी, उसमें लीना के 28 अप्रैल की सुबह 9 बजे लापता होने की बात कही गई थी। जबकि ऑटो चालक कह रहा था कि वह 29 अप्रैल की सुबह 9 बजे लीना को डूडादेह छोड़कर आया था। ‘सेव लीना’ कैंपेन से पुलिस पर बढ़ा दबाव
पुलिस तो लीना की तलाश कर ही रही थी। मगर, उसके दोस्त भी एक्टिव हो गए थे। जब वह तय समय बाद एंबेसी नहीं लौटी और उसका मोबाइल बंद मिलने लगा तो भोपाल में रह रही उसकी सहेली ने गुमशुदगी की खबर पुलिस कंट्रोल रूम को दी। इससे ये केस केवल सोहागपुर पुलिस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजधानी में बैठे पुलिस के आला अफसरों की नजरों में आ गया। दोस्तों ने लीना के गुम होने की खबर फेसबुक और वॉट्सऐप के जरिए पुलिस और मीडिया तक पहुंचाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘सेव लीना’ नाम से एक कैंपेन भी शुरू किया। इसे अच्छा-खासा समर्थन मिला। दोस्तों ने पुलिस को बताया कि लीना का उसके मामा के साथ जमीन का विवाद चल रहा है। हो सकता है कि मामा ने ही उसे गायब कर दिया हो। पुलिस को प्रदीप शर्मा पर शक तो था, मगर उसके राजनीतिक प्रभाव की वजह से कोई
तारीख- 14 मई 2016। जगह- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एरिया के कामती का जंगल। एक बरसाती नाला, जो मई की गर्मी में करीब-करीब सूख चुका है। यहां दो मजदूर गड्ढा खोद रहे हैं, साथ में है पुलिस के अधिकारी। काफी देर तक गड्ढा खोदने के बाद भी मजदूरों के हाथ कुछ नहीं लगा, तब अधिकारी बोले- थोड़ा और खोदो। कुछ ही देर बाद गड्ढे से एक महिला की लाश निकली। लाश के कपड़े गायब थे। वह आधी सड़ चुकी थी क्योंकि इसे दफनाने के बाद नमक और यूरिया डाला गया था। ये लाश थी 15 दिन से लापता लीना शर्मा की। जो अमेरिकी दूतावास में काम करती थी। आखिर लीना इस सुनसान जंगल तक कैसे पहुंची? सबसे बड़ा सवाल कि उसकी हत्या किसने की थी? आज मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में पढ़िए, 9 साल पुरानी एक ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री। ननिहाल से मिली थी करोड़ों की जमीन
नर्मदापुरम के सोहागपुर में रहने वाले सत्येंद्र शर्मा की दो बेटियां थीं। एक हेमा और दूसरी लीना। स्कूली पढ़ाई मध्यप्रदेश में होने के बाद लीना की बाकी पढ़ाई दिल्ली में हुई थी। इसके बाद वह अमेरिकी दूतावास में बतौर असिस्टेंट मैनेजर काम करने लगी। बड़ी बहन हेमा की शादी बेंगलुरू में एक साइंटिस्ट से हो गई। दोनों बहनें अक्सर छुट्टियों में सोहागपुर आती थीं। सोहागपुर के पास डूडादेह गांव में लीना और हेमा के नाम से 36 एकड़ जमीन थी। जिसकी कीमत करोड़ों रुपयों में थी। लीना और हेमा को ये जमीन ननिहाल की तरफ से मिली थी। दोनों बहनों ने जमीन को खेती के लिए बटाईदारों को दिया था। मगर, इस जमीन पर किसी और की भी नजर थी। वह शख्स था, लीना और हेमा का मामा प्रदीप शर्मा। भांजियों की जमीन पर मामा की नजर
प्रदीप शर्मा सोहागपुर में कांग्रेस का तत्कालीन ब्लॉक अध्यक्ष था। प्रदीप के पिता और लीना-हेमा के नाना दोनों सगे भाई थे। नाना ने अपने भाई को पुश्तैनी जमीन देने के बजाय बेटी और भांजियों के नाम की थी। ये प्रदीप शर्मा को अखरता था। प्रदीप और लीना-हेमा की जमीन अगल-बगल थी। दोनों जमीन की वैसी देखभाल नहीं कर पाती थीं, जैसी होना चाहिए। बटाईदार अक्सर लीना को फोन लगाकर कहते थे कि उनके मामा प्रदीप शर्मा जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा करते जा रहे हैं। लीना इस बात से चिंतित थी और इसका कोई हल निकालना चाहती थी। साल 2016 के अप्रैल की बात है। दोनों बहनें लीना और हेमा सोहागपुर आई थीं। उनके बीच जमीन को लेकर बातचीत हुई। मामा ने हड़पी 10 एकड़ जमीन
20 अप्रैल 2016 को लीना ने सोहागपुर तहसील में पटवारी और राजस्व निरीक्षक को जमीन की नपती करने का आवेदन दिया। 24 अप्रैल को जब जमीन की नपती हुई तो करीब 10 एकड़ जमीन पर मामा प्रदीप शर्मा ने कब्जा कर लिया था। लीना ने अधिकारियों की मौजूदगी में जमीन का सीमांकन करवा लिया। वह चाहती थी कि इसकी फेंसिंग हो जाए, ताकि दोबारा मामा कब्जा न कर सके। फेंसिंग के लिए उसने प्रताप कुशवाहा से बात की। 29 अप्रैल 2016 को सुबह 9 बजे लीना शर्मा सोहागपुर से आटोरिक्शा लेकर अपने ननिहाल डूडादेह पहुंची। प्रताप और उसके दो कर्मचारी गंगाराम और तुलाराम साथ थे। फेंसिंग की जानकारी प्रदीप को लग चुकी थी। लिहाजा, उसने कुशवाह को फेंसिंग करने से रोका और लीना से कहा- फेंसिंग करने आए प्रताप और कर्मचारियों को धमकाया
लीना के इतना कहने के बाद मामा प्रदीप शर्मा ने उसे समझाने की कोशिश की। जब लीना ने मामा की बात नहीं मानी तो प्रदीप शर्मा ने प्रताप और उसके कर्मचारियों को धमकाया। प्रदीप के तेवर देखकर तीनों खेत के पास रहने वाले डेनियल प्रकाश के घर सामान छोड़कर भाग खड़े हुए। लीना हुई लापता, मामा ने दर्ज कराई रिपोर्ट
5 मई 2016 को प्रदीप शर्मा ने लीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। तत्कालीन टीआई राजेंद्र वर्मा को बताया कि भांजी लीना दिल्ली में अमेरिकन एंबेसी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर काम करती है। 28 अप्रैल 2016 को वह मुझसे मिलने डूडादेह गांव आई थी। मुलाकात के बाद वह जबलपुर जाने का कहकर निकली। 29 अप्रैल को जब मैंने उसे कॉल किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। मैंने लगातार लीना से संपर्क किया, मगर उसका कोई पता नहीं चला। केस अमेरिकी दूतावास की कर्मचारी से जुड़ा था, लिहाजा टीआई वर्मा ने लीना की गुमशुदगी के मामले को गंभीरता से लिया। सबसे पहले लीना का मोबाइल ट्रेस कराया। लोकेशन पिपरिया में मिली। पिपरिया पहुंची पुलिस ने एक युवक से लीना का मोबाइल जब्त किया। युवक ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसे ये मोबाइल भोपाल से इटारसी के बीच चलने वाली ट्रेन विंध्याचल एक्सप्रेस में मिला था। उसने इसे चुराया नहीं है। पुलिस ने जब लीना के मोबाइल की कॉल डिटेल्स निकाली तो अहम सुराग मिले। कॉल डिटेल्स में मिले आखिरी नंबर पर पुलिस ने फोन किया तो एक ऑटो वाले ने इसे उठाया। उसने पुलिस को बताया कि 29 अप्रैल की सुबह वह लीना शर्मा को सोहागपुर से डूडादेह गांव में एक खेत के पास छोड़कर आया था। अधिकारियों का माथा ठनका। पुलिस के पास जो गुमशुदगी की रिपोर्ट थी, उसमें लीना के 28 अप्रैल की सुबह 9 बजे लापता होने की बात कही गई थी। जबकि ऑटो चालक कह रहा था कि वह 29 अप्रैल की सुबह 9 बजे लीना को डूडादेह छोड़कर आया था। ‘सेव लीना’ कैंपेन से पुलिस पर बढ़ा दबाव
पुलिस तो लीना की तलाश कर ही रही थी। मगर, उसके दोस्त भी एक्टिव हो गए थे। जब वह तय समय बाद एंबेसी नहीं लौटी और उसका मोबाइल बंद मिलने लगा तो भोपाल में रह रही उसकी सहेली ने गुमशुदगी की खबर पुलिस कंट्रोल रूम को दी। इससे ये केस केवल सोहागपुर पुलिस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजधानी में बैठे पुलिस के आला अफसरों की नजरों में आ गया। दोस्तों ने लीना के गुम होने की खबर फेसबुक और वॉट्सऐप के जरिए पुलिस और मीडिया तक पहुंचाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘सेव लीना’ नाम से एक कैंपेन भी शुरू किया। इसे अच्छा-खासा समर्थन मिला। दोस्तों ने पुलिस को बताया कि लीना का उसके मामा के साथ जमीन का विवाद चल रहा है। हो सकता है कि मामा ने ही उसे गायब कर दिया हो। पुलिस को प्रदीप शर्मा पर शक तो था, मगर उसके राजनीतिक प्रभाव की वजह से कोई भी उसके खिलाफ बयान देने को तैयार नहीं था। कोई ठोस सबूत भी नहीं थे। पूछताछ में प्रदीप शर्मा ने इन सारे आरोपों को सिरे से खारिज किया था। तार फेंसिंग विवाद के बारे में पुलिस को पता चला
अब पुलिस ने एक बार फिर डूडादेह गांव से ही नए सिरे से तफ्तीश शुरू की। पुलिस की गांव में डेनियल प्रकाश से मुलाकात हुई। डेनियल ने बताया कि वह लीना को पहचानता है। लीना ने उसे बताया था कि वो खेत का सीमांकन कर तार फेंसिंग करना चाहती थी। इसका ठेका उसने प्रताप उर्फ फतेह सिंह को दिया था। प्रताप ने लीना को 29 अप्रैल को खेत पर बुलाया था। पुलिस ने प्रताप से पूछताछ की। प्रताप ने बताया कि लीना ऑटो से खेत पर आई थी। उसने काम शुरू करने के लिए कहा था। लीना के कहने पर उसने खेत में तार फेंसिंग का काम शुरू भी कर दिया था। तभी लीना का मामा प्रदीप शर्मा आया और काम बंद करने के लिए कहने लगा। प्रदीप के नौकरों ने कबूल की हत्या
पुलिस के लिए ये जानकारी अहम थी। पुलिस ने पता किया कि तारबंदी को लेकर जब विवाद हुआ, तब वहां कौन-कौन मौजूद था। पुलिस को गोरेलाल और राजेंद्र का पता चला। 13 मई को पुलिस ने पूछताछ के लिए दोनों को हिरासत में लिया। दोनों से अलग-अलग पूछताछ की। पहले तो वे पूरी घटना से अनजान होने का नाटक करते रहे। बाद में उन्होंने कबूल किया कि फेंसिंग को लेकर विवाद हुआ था, मगर उसके बाद वो अपने घर चले गए थे। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो दोनों टूट गए। उन्होंने बताया कि लीना शर्मा की हत्या हो गई है और उसकी लाश सतपुड़ा के जंगल में ठिकाने लगाई गई है। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर कामती के जंगल में एक गड्ढे से लीना की लाश बरामद की। लाश के कपड़े गायब थे। वह नमक और यूरिया की वजह से सड़ चुकी थी। पुलिस ने गोरेलाल और राजेंद्र से कपड़ों को बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि कपड़े जला दिए। उनकी बताई जगह से लीना की जली हुई जींस, हैंडबैग, पैंट का टूटा बटन समेत मोबाइल चार्जर और ईयर फोन बरामद कर लिए गए। लीना की बड़ी बहन ने शव नहीं पहचाना
लीना की दोस्त ने उसके शव को बाल, नाखून और ब्रेसलेट के आधार पर पहचान लिया। लेकिन बड़ी बहन हेमा मिश्रा ने शव की लीना के रूप में पहचान नहीं की। लिहाजा पुलिस ने डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया। वहीं, जिस हालत में लीना का शव मिला था, उससे रेप की आशंका भी जताई जा रही थी। इस वजह से 3 डाक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। रिपोर्ट में सिर में गहरी चोट से फ्रैक्चर और उसी वजह से मौत होने की बात कही गई थी। लीना के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई थी। पुलिस के सामने खड़े थे ये सवाल पार्ट-2 में पढ़िए इन सारे सवालों के जवाब