फर्जी मालिक खड़ा कर करोड़ों की जमीन बेची:पुलिस ने सब रजिस्ट्रार सहित सात लोगों पर दर्ज की FIR, ऑनलाइन चेक करने पर पकड़ाई धोखाधड़ी
फर्जी मालिक खड़ा कर करोड़ों की जमीन बेची:पुलिस ने सब रजिस्ट्रार सहित सात लोगों पर दर्ज की FIR, ऑनलाइन चेक करने पर पकड़ाई धोखाधड़ी
ग्वालियर के गिजौर्रा के किरोल गांव में कुछ लोगों ने फर्जी भू-स्वामियों को खड़ा कर 5.9510 हेक्टेयर जमीन बेच दी। करोड़ों रुपए की जमीन बिक्री घोटाले में विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जांच कर सुरेश कुमार, सब रजिस्ट्रार कैलाश नारायण वर्मा, रजत पुत्र हरिसिंह निवासी किरोल का पुरा, दीपक पुत्र कमल सिंह निवासी बेहट, पतिराम एवं अज्ञात भू-स्वामियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। घटना जुलाई 2023 की है। करोड़ों की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने का पता वर्ष 2024 में उस समय लगा जब वे अपनी जमीन का ऑनलाइन खसरा चेक करा रहे थे। यहां पता लगा कि उनकी जमीन का विक्रय पत्र संपादित होने के संबंध में इंद्राज अंकित किया गया है, जबकि उन्होंने जमीन बेची ही नहीं। 7 लोगों के खिलाफ कोर्ट में लगाया परिवाद
किरोल के 29 वर्षीय हरिशंकर करन ने न्यायालय में सात लोगों के खिलाफ परिवाद प्रस्तुत किया था। हरिशंकर ने परिवाद में बताया कि वर्ष 2024 में उसके और भाइयों राकेश व नरेश के स्वामित्व व आधिपत्य की कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 199 रकबा 1.0410 हेक्टेयर का जब खसरा चैक किया तो पता चला कि उस जमीन को बेचा जा चुका है। इस संबंध में ऑनलाइन एंट्री (इंद्राज) भी हो चुकी है। इसकी जानकारी लेने पर पता चला कि भूमि का विक्रय पत्र कृष्णा लैंड कॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अधिकृत गाजियाबाद निवासी सुरेश कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड है, जो हाल में ग्वालियर में रह रहे हैं। यह विक्रय पत्र 28 जुलाई 2023 को सब रजिस्ट्रार कार्यालय सिटी सेंटर में संपादित किया गया था। जिससे स्पष्ट है कि कृष्णा लैंड कॉन ने सुरेश कुमार, गवाहों एवं सब रजिस्ट्रार ग्वालियर से मिलकर आपराधिक पूर्व नियोजित षड्यंत्र कर उसकी जमीन को बेच दिया है। इस बिक्री के षड्यंत्र में उनके स्थान पर फर्जी लोगों को रजिस्ट्रार कार्यालय में खड़ा कर यह रजिस्ट्री कराई गई है। जबकि असली भू-स्वामियों ने उक्त जमीन बेची ही नहीं है।
दो और लोगों की भी जमीन बेच दी दस्तावेजों की जांच के बाद दर्ज किया मामला
पुलिस ने इस मामले में विक्रय पत्र सहित फरियादियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच के बाद पाया कि आरोपियों ने फरियादियों के स्थान पर अन्य लोगों को रजिस्ट्रार कार्यालय में खड़ा करके यह रजिस्ट्रियां कराई हैं। पुलिस ने इसके लिए तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
ऑनलाइन खसरा चैक करने पर पता लगी धोखाधड़ी
तीनों ही मामलों में फरियादियों ने जब अपनी जमीन की वस्तुस्थिति जानने के लिए ऑनलाइन खसरा चैक किया तो उन्हें पता चला कि उनकी जमीन तो बेची जा चुकी है। इसके बाद उनके होश ही उड़ गए थे। जो जमीन वे अपनी मानकर बैठे थे वे किसी और को बेची जा चुकी है। इसके बाद सभी ने न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ परिवाद प्रस्तुत किया, जिस पर न्यायालय ने पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए थे।
पुलिस का कहना
विश्वविद्यालय थाना पुलिस का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर जांच के बाद जमीन को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में सब रजिस्ट्रार कैलाश नारायण वर्मा, सुरेश कुमार सहित सात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
ग्वालियर के गिजौर्रा के किरोल गांव में कुछ लोगों ने फर्जी भू-स्वामियों को खड़ा कर 5.9510 हेक्टेयर जमीन बेच दी। करोड़ों रुपए की जमीन बिक्री घोटाले में विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जांच कर सुरेश कुमार, सब रजिस्ट्रार कैलाश नारायण वर्मा, रजत पुत्र हरिसिंह निवासी किरोल का पुरा, दीपक पुत्र कमल सिंह निवासी बेहट, पतिराम एवं अज्ञात भू-स्वामियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। घटना जुलाई 2023 की है। करोड़ों की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने का पता वर्ष 2024 में उस समय लगा जब वे अपनी जमीन का ऑनलाइन खसरा चेक करा रहे थे। यहां पता लगा कि उनकी जमीन का विक्रय पत्र संपादित होने के संबंध में इंद्राज अंकित किया गया है, जबकि उन्होंने जमीन बेची ही नहीं। 7 लोगों के खिलाफ कोर्ट में लगाया परिवाद
किरोल के 29 वर्षीय हरिशंकर करन ने न्यायालय में सात लोगों के खिलाफ परिवाद प्रस्तुत किया था। हरिशंकर ने परिवाद में बताया कि वर्ष 2024 में उसके और भाइयों राकेश व नरेश के स्वामित्व व आधिपत्य की कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 199 रकबा 1.0410 हेक्टेयर का जब खसरा चैक किया तो पता चला कि उस जमीन को बेचा जा चुका है। इस संबंध में ऑनलाइन एंट्री (इंद्राज) भी हो चुकी है। इसकी जानकारी लेने पर पता चला कि भूमि का विक्रय पत्र कृष्णा लैंड कॉन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अधिकृत गाजियाबाद निवासी सुरेश कुमार के नाम पर रजिस्टर्ड है, जो हाल में ग्वालियर में रह रहे हैं। यह विक्रय पत्र 28 जुलाई 2023 को सब रजिस्ट्रार कार्यालय सिटी सेंटर में संपादित किया गया था। जिससे स्पष्ट है कि कृष्णा लैंड कॉन ने सुरेश कुमार, गवाहों एवं सब रजिस्ट्रार ग्वालियर से मिलकर आपराधिक पूर्व नियोजित षड्यंत्र कर उसकी जमीन को बेच दिया है। इस बिक्री के षड्यंत्र में उनके स्थान पर फर्जी लोगों को रजिस्ट्रार कार्यालय में खड़ा कर यह रजिस्ट्री कराई गई है। जबकि असली भू-स्वामियों ने उक्त जमीन बेची ही नहीं है।
दो और लोगों की भी जमीन बेच दी दस्तावेजों की जांच के बाद दर्ज किया मामला
पुलिस ने इस मामले में विक्रय पत्र सहित फरियादियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच के बाद पाया कि आरोपियों ने फरियादियों के स्थान पर अन्य लोगों को रजिस्ट्रार कार्यालय में खड़ा करके यह रजिस्ट्रियां कराई हैं। पुलिस ने इसके लिए तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
ऑनलाइन खसरा चैक करने पर पता लगी धोखाधड़ी
तीनों ही मामलों में फरियादियों ने जब अपनी जमीन की वस्तुस्थिति जानने के लिए ऑनलाइन खसरा चैक किया तो उन्हें पता चला कि उनकी जमीन तो बेची जा चुकी है। इसके बाद उनके होश ही उड़ गए थे। जो जमीन वे अपनी मानकर बैठे थे वे किसी और को बेची जा चुकी है। इसके बाद सभी ने न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ परिवाद प्रस्तुत किया, जिस पर न्यायालय ने पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए थे।
पुलिस का कहना
विश्वविद्यालय थाना पुलिस का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर जांच के बाद जमीन को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में सब रजिस्ट्रार कैलाश नारायण वर्मा, सुरेश कुमार सहित सात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।