खरगोन में डिफॉल्टर मिल को दिया 62.50 करोड़ का लोन:आरोपी CEO को बर्खास्त करने वाले जांच अधिकारी का ट्रांसफर; भाजपा नेताओं सहित 28 दोषी

62.50 करोड़ के अवंति सूत मिल सनावद के घोटाले में दोषी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खरगोन के तत्कालीन सीईओ राजेंद्र आचार्य को बर्खास्त करने वाले सीईओ पीएस धनवाल का तबादला कर दिया है। इस मामले में 28 लोग दोषी हैं, जिसमें भाजपा नेता और अफसर शामिल हैं। 2 तो भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष भी शामिल हैं। बर्खास्त करने के 48 घंटे बाद ही पीएस धनवाल काे रिटायरमेंट के आठ माह पहले 880 किमी दूर सीधी भेज दिया है। सीईओ ने इस आदेश को एकपक्षीय बताकर हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। यह था मामला कलेक्टर भव्या मित्तल ने ढाई महीने पहले सहकारिता विभाग की एक बैठक ली थी। इसमें कई घोटालों की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी होने का मामला उनके सामने आया था। इसके बाद उन्होंने सीईओ पीएस धनवाल को इनकी जांच कर वसूली करने के आदेश दिए थे। इसके बाद जांच के दौरान अवंति सूत मिल सनावद का घोटाला सामने आया। जांच में पता चला था कि सनावद स्थित अवंति सूत मिल को 12 वर्ष पहले कॉटन यार्न रिस्ट्रक्चरिंग योजना के तहत 62.50 करोड़ का ऋण दिया गया, जबकि बैंक के पास ऐसी कोई योजना मौजूद नहीं थी। मिल पहले से ही यूनियन बैंक की 1.82 करोड़ रुपए की डिफॉल्टर थी। बैंक प्रबंधन ने डिफॉल्टर को ऋण न देने के अपने ही नियम को तोड़ा और संपत्ति को गिरवी रखकर इतनी बड़ी राशि जारी कर दी गई। छोटे कर्मचारियों पर केस दर्ज कराया इसमें तत्कालीन बैंक के पदाधिकारियों-अफसरों ने मिलीभगत कर महज दिखावे के लिए कुछ छोटे कर्मचारियों पर सनावद थाने में पुलिस केस दर्ज करा दिया गया। और जिम्मेदारों को साफ तौर पर बचा लिया गया। इस मामले में 28 दोषी भाजपा नेता और अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। 12 साल बाद वसूली के आदेश दिए गए। अधिकांश दोषी नेताओं में भाजपा के पदाधिकारी थे। संचालक मंडल के तीन लोग तो भाजपा में बड़े ओहदों पर रहे थे। इसके बाद सीईओ ने कार्रवाई के रूप में तत्कालीन सीईओ राजेंद्र आचार्य को दोषी पाए जाने पर 11 जून को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद 13 जून को राज्य सहकारी बैंक मर्यादित भोपाल के प्रभारी प्रबंध संचालक ने सीईओ पीएस धनवाल का खरगोन से 880 किलोमीटर दूर सीधी तबादला कर दिया। भाजपा का संचालक मंडल, बड़वानी के नेता भी शामिल बैंक में संचालक मंडल भाजपा का था। इनमें से रणजीत डंडीर, परसराम चौहान भाजपा जिला अध्यक्ष रहे, वहीं प्रकाश रत्नपारखी भी बड़े नेताओं में शामिल हैं। नेताओं में राजेंद्र भावसार, जयप्रकाश जाट, गणपति पटेल, अंतरसिंग रावत, रमेश पटेल, रमेश चौहान, कला सोलंकी, जोशीराम हिरवे, कमला जाट, मांगीलाल चैनसिंह, बलीराम पटेल, हीरालाल जाधव, परसराम चौहान, दिलीप जोशी, सत्येंद्रसिंह चौहान, शांतिलाल पाटीदार, बालसिंग सस्ते, चतरसिंग सोलंकी, गणपत गोखले, चंद्रशेखर यादव व नारायण गणेश पाटीदार दोषी पाए गए। इसके अलावा बैंक अफसर एनआर मंडलोई, राजेंद्र आचार्य, अनिल कानूनगो, कालूसिंह चौहान, ओपी शर्मा, अरुण साद और कल्याण करोड़े भी दोषी पाए गए। धनवाल बोले- बदले की भावना से किया ट्रांसफर, हाईकोर्ट जाएंगे वहीं मामले में सीईओ पीएस धनवाल ने बताया कि उनका तबादला बदले की भावना से किया गया है। उनके रिटायरमेंट में मात्र आठ महीने बचे हैं और नियमानुसार दो साल से कम समय में किसी कर्मचारी का उसकी सहमति के बिना ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। वे इस एकपक्षीय तबादला आदेश के विरुद्ध जबलपुर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। बर्खास्त CEO को मंदसौर का सीईओ बनाने की सिफारिश मामले में सीईओ राजेंद्र आचार्य को अवंति सूत मिल समेत अन्य मामलों में गड़बड़ी का दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्त किया गया है। अब उन्हें मंदसौर जिला सहकारी बैंक का सीईओ बनाने की भी तैयारी है। इसके लिए भोपाल कार्यालय से खरगोन बैंक से अभिमत मांगा गया है। प्रभारी प्रबंध संचालक मनोज गुप्ता ने बताया यह प्रशासनिक सुविधा के लिए किया गया। मैं कुछ नहीं जानता और कुछ बोलूंगा भी नहीं।

खरगोन में डिफॉल्टर मिल को दिया 62.50 करोड़ का लोन:आरोपी CEO को बर्खास्त करने वाले जांच अधिकारी का ट्रांसफर; भाजपा नेताओं सहित 28 दोषी
62.50 करोड़ के अवंति सूत मिल सनावद के घोटाले में दोषी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खरगोन के तत्कालीन सीईओ राजेंद्र आचार्य को बर्खास्त करने वाले सीईओ पीएस धनवाल का तबादला कर दिया है। इस मामले में 28 लोग दोषी हैं, जिसमें भाजपा नेता और अफसर शामिल हैं। 2 तो भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष भी शामिल हैं। बर्खास्त करने के 48 घंटे बाद ही पीएस धनवाल काे रिटायरमेंट के आठ माह पहले 880 किमी दूर सीधी भेज दिया है। सीईओ ने इस आदेश को एकपक्षीय बताकर हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। यह था मामला कलेक्टर भव्या मित्तल ने ढाई महीने पहले सहकारिता विभाग की एक बैठक ली थी। इसमें कई घोटालों की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी होने का मामला उनके सामने आया था। इसके बाद उन्होंने सीईओ पीएस धनवाल को इनकी जांच कर वसूली करने के आदेश दिए थे। इसके बाद जांच के दौरान अवंति सूत मिल सनावद का घोटाला सामने आया। जांच में पता चला था कि सनावद स्थित अवंति सूत मिल को 12 वर्ष पहले कॉटन यार्न रिस्ट्रक्चरिंग योजना के तहत 62.50 करोड़ का ऋण दिया गया, जबकि बैंक के पास ऐसी कोई योजना मौजूद नहीं थी। मिल पहले से ही यूनियन बैंक की 1.82 करोड़ रुपए की डिफॉल्टर थी। बैंक प्रबंधन ने डिफॉल्टर को ऋण न देने के अपने ही नियम को तोड़ा और संपत्ति को गिरवी रखकर इतनी बड़ी राशि जारी कर दी गई। छोटे कर्मचारियों पर केस दर्ज कराया इसमें तत्कालीन बैंक के पदाधिकारियों-अफसरों ने मिलीभगत कर महज दिखावे के लिए कुछ छोटे कर्मचारियों पर सनावद थाने में पुलिस केस दर्ज करा दिया गया। और जिम्मेदारों को साफ तौर पर बचा लिया गया। इस मामले में 28 दोषी भाजपा नेता और अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। 12 साल बाद वसूली के आदेश दिए गए। अधिकांश दोषी नेताओं में भाजपा के पदाधिकारी थे। संचालक मंडल के तीन लोग तो भाजपा में बड़े ओहदों पर रहे थे। इसके बाद सीईओ ने कार्रवाई के रूप में तत्कालीन सीईओ राजेंद्र आचार्य को दोषी पाए जाने पर 11 जून को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद 13 जून को राज्य सहकारी बैंक मर्यादित भोपाल के प्रभारी प्रबंध संचालक ने सीईओ पीएस धनवाल का खरगोन से 880 किलोमीटर दूर सीधी तबादला कर दिया। भाजपा का संचालक मंडल, बड़वानी के नेता भी शामिल बैंक में संचालक मंडल भाजपा का था। इनमें से रणजीत डंडीर, परसराम चौहान भाजपा जिला अध्यक्ष रहे, वहीं प्रकाश रत्नपारखी भी बड़े नेताओं में शामिल हैं। नेताओं में राजेंद्र भावसार, जयप्रकाश जाट, गणपति पटेल, अंतरसिंग रावत, रमेश पटेल, रमेश चौहान, कला सोलंकी, जोशीराम हिरवे, कमला जाट, मांगीलाल चैनसिंह, बलीराम पटेल, हीरालाल जाधव, परसराम चौहान, दिलीप जोशी, सत्येंद्रसिंह चौहान, शांतिलाल पाटीदार, बालसिंग सस्ते, चतरसिंग सोलंकी, गणपत गोखले, चंद्रशेखर यादव व नारायण गणेश पाटीदार दोषी पाए गए। इसके अलावा बैंक अफसर एनआर मंडलोई, राजेंद्र आचार्य, अनिल कानूनगो, कालूसिंह चौहान, ओपी शर्मा, अरुण साद और कल्याण करोड़े भी दोषी पाए गए। धनवाल बोले- बदले की भावना से किया ट्रांसफर, हाईकोर्ट जाएंगे वहीं मामले में सीईओ पीएस धनवाल ने बताया कि उनका तबादला बदले की भावना से किया गया है। उनके रिटायरमेंट में मात्र आठ महीने बचे हैं और नियमानुसार दो साल से कम समय में किसी कर्मचारी का उसकी सहमति के बिना ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। वे इस एकपक्षीय तबादला आदेश के विरुद्ध जबलपुर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। बर्खास्त CEO को मंदसौर का सीईओ बनाने की सिफारिश मामले में सीईओ राजेंद्र आचार्य को अवंति सूत मिल समेत अन्य मामलों में गड़बड़ी का दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्त किया गया है। अब उन्हें मंदसौर जिला सहकारी बैंक का सीईओ बनाने की भी तैयारी है। इसके लिए भोपाल कार्यालय से खरगोन बैंक से अभिमत मांगा गया है। प्रभारी प्रबंध संचालक मनोज गुप्ता ने बताया यह प्रशासनिक सुविधा के लिए किया गया। मैं कुछ नहीं जानता और कुछ बोलूंगा भी नहीं।