60 पार नेता नहीं बन पाएंगे BJP जिलाध्यक्ष:मंडल अध्यक्ष के लिए 45 से कम उम्र का क्राइटेरिया फिक्स; दिसंबर में होंगे चुनाव
60 पार नेता नहीं बन पाएंगे BJP जिलाध्यक्ष:मंडल अध्यक्ष के लिए 45 से कम उम्र का क्राइटेरिया फिक्स; दिसंबर में होंगे चुनाव
मध्यप्रदेश में बीजेपी बूथ समितियों के चुनाव चल रहे हैं। अगले महीने दिसंबर में मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के चुनाव होंगे। पहले पखवाडे़ में एक से 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के चुनाव होंगे। 16 से 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षाें के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। इस बीच दिल्ली में हुई बीजेपी संगठन चुनाव की बैठक में इनके चयन का क्राइटेरिया तय हो गया है। मंडल अध्यक्षों की उम्र 45 साल से कम होगी। वहीं, जिलाध्यक्षों के मामले में भी आयु-सीमा तय की गई है। 60 साल से अधिक उम्र के नेता जिला अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। टेक्नीक फ्रेंडली स्ट्रक्चर बनाने की कवायद
बीजेपी ने एमपी के पूरे संगठन को डिजिटलाइज किया है। बूथ समितियों से लेकर मंडल, जिला, संभाग और प्रदेश स्तर तक पूरा सिस्टम डिजिटल है। पार्टी की हर गतिविधि और कार्यक्रम संगठन ऐप के जरिए जनरेट होते हैं। प्रवास से लेकर बैठकों और दौरों की जानकारी भी संगठन ऐप पर ही दर्ज करनी होती हैं। संगठन में बढ़ते आईटी के उपयोग को देखते हुए बीजेपी अब मंडल और जिलाध्यक्षों के चयन में भी तकनीक फ्रेंडली लीडरशिप को प्रमुखता देगी। 25 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान संभव
बूथ समितियों के चुनाव के बाद मंडल अध्यक्षों का चुनाव 15 दिसंबर तक हो जाएगा। इसके बाद जिला अध्यक्षों के चुनाव होंगे। एमपी में बीजेपी के 60 संगठनात्मक जिले हैं। 50% जिलों में जिलाध्यक्षों के चुनाव होने के बाद केन्द्रीय नेतृत्व को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव कराने के लिए सूचना भेजी जाएगी। ऐसे में 25 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। सहमति बनी तो 12 जिलाध्यक्षों को फिर मौका
बीजेपी के प्रदेश में संगठनात्मक रूप से 60 जिले हैं। इनमें से 12 जिले ऐसे हैं जहां जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में यदि जिले के नेता और पदाधिकारी सहमत हुए तो इन्हें फिर मौका मिल सकता है। हालांकि जिलाध्यक्ष के रिपीट होने पर भी निर्वाचन प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। यानी सर्वसम्मति से भी जिलाध्यक्ष को रिपीट करने का निर्णय हुआ तो भी निर्विरोध निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और निर्वाचन की तारीख से जिलाध्यक्ष का कार्यकाल गिना जाएगा पहली बार बूथ समितियों में बना रहे वॉट्सऐप प्रमुख
बीजेपी की बूथ समितियों के गठन में पहली बार वॉट्सऐप प्रमुख भी नियुक्त किए जा रहे हैं। ये वॉट्सऐप प्रमुख अपने बूथ के वोटर्स का वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर उसमें भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं की जानकारी शेयर करने के अलावा पार्टी की स्थानीय गतिविधियों को भी शेयर किया जाएगा। बूथ समितियों में 1.95 लाख महिलाएं होंगी शामिल
बीजेपी की बूथ समिति में एक बूथ अध्यक्ष के साथ कुल 12 सदस्य होंगे। इनमें तीन महिलाएं होंगी। पूरे एमपी में 65015 बूथ हैं। इनमें गठित होने वाली बूथ समितियों में करीब 1 लाख 95 हजार महिलाओं को सदस्य बनाया जाएगा। बीजेपी की बूथ समिति ये खबर भी पढ़ें... बीजेपी के संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी मध्यप्रदेश की मोहन कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। इस फैसले से यह साफ हो गया है कि बीजेपी महिला वोटर्स पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती। अगले महीने में संभावित बीजेपी के संगठन चुनाव में महिला नेत्रियां मंडल अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष के चुनाव में दावेदारी करेंगी। पूरी खबर यहां पढ़ें...
मध्यप्रदेश में बीजेपी बूथ समितियों के चुनाव चल रहे हैं। अगले महीने दिसंबर में मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के चुनाव होंगे। पहले पखवाडे़ में एक से 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के चुनाव होंगे। 16 से 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षाें के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। इस बीच दिल्ली में हुई बीजेपी संगठन चुनाव की बैठक में इनके चयन का क्राइटेरिया तय हो गया है। मंडल अध्यक्षों की उम्र 45 साल से कम होगी। वहीं, जिलाध्यक्षों के मामले में भी आयु-सीमा तय की गई है। 60 साल से अधिक उम्र के नेता जिला अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे। टेक्नीक फ्रेंडली स्ट्रक्चर बनाने की कवायद
बीजेपी ने एमपी के पूरे संगठन को डिजिटलाइज किया है। बूथ समितियों से लेकर मंडल, जिला, संभाग और प्रदेश स्तर तक पूरा सिस्टम डिजिटल है। पार्टी की हर गतिविधि और कार्यक्रम संगठन ऐप के जरिए जनरेट होते हैं। प्रवास से लेकर बैठकों और दौरों की जानकारी भी संगठन ऐप पर ही दर्ज करनी होती हैं। संगठन में बढ़ते आईटी के उपयोग को देखते हुए बीजेपी अब मंडल और जिलाध्यक्षों के चयन में भी तकनीक फ्रेंडली लीडरशिप को प्रमुखता देगी। 25 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान संभव
बूथ समितियों के चुनाव के बाद मंडल अध्यक्षों का चुनाव 15 दिसंबर तक हो जाएगा। इसके बाद जिला अध्यक्षों के चुनाव होंगे। एमपी में बीजेपी के 60 संगठनात्मक जिले हैं। 50% जिलों में जिलाध्यक्षों के चुनाव होने के बाद केन्द्रीय नेतृत्व को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव कराने के लिए सूचना भेजी जाएगी। ऐसे में 25 दिसंबर तक प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। सहमति बनी तो 12 जिलाध्यक्षों को फिर मौका
बीजेपी के प्रदेश में संगठनात्मक रूप से 60 जिले हैं। इनमें से 12 जिले ऐसे हैं जहां जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में यदि जिले के नेता और पदाधिकारी सहमत हुए तो इन्हें फिर मौका मिल सकता है। हालांकि जिलाध्यक्ष के रिपीट होने पर भी निर्वाचन प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। यानी सर्वसम्मति से भी जिलाध्यक्ष को रिपीट करने का निर्णय हुआ तो भी निर्विरोध निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और निर्वाचन की तारीख से जिलाध्यक्ष का कार्यकाल गिना जाएगा पहली बार बूथ समितियों में बना रहे वॉट्सऐप प्रमुख
बीजेपी की बूथ समितियों के गठन में पहली बार वॉट्सऐप प्रमुख भी नियुक्त किए जा रहे हैं। ये वॉट्सऐप प्रमुख अपने बूथ के वोटर्स का वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर उसमें भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं की जानकारी शेयर करने के अलावा पार्टी की स्थानीय गतिविधियों को भी शेयर किया जाएगा। बूथ समितियों में 1.95 लाख महिलाएं होंगी शामिल
बीजेपी की बूथ समिति में एक बूथ अध्यक्ष के साथ कुल 12 सदस्य होंगे। इनमें तीन महिलाएं होंगी। पूरे एमपी में 65015 बूथ हैं। इनमें गठित होने वाली बूथ समितियों में करीब 1 लाख 95 हजार महिलाओं को सदस्य बनाया जाएगा। बीजेपी की बूथ समिति ये खबर भी पढ़ें... बीजेपी के संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी मध्यप्रदेश की मोहन कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। इस फैसले से यह साफ हो गया है कि बीजेपी महिला वोटर्स पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती। अगले महीने में संभावित बीजेपी के संगठन चुनाव में महिला नेत्रियां मंडल अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष के चुनाव में दावेदारी करेंगी। पूरी खबर यहां पढ़ें...