कोंडागांव बाजार पहुंची बस्तर की प्रसिद्ध सब्जी:700 में बिका देसी मशरूम का एक गुच्छा, बोड़ा की कीमत 3 हजार रुपए किलो
कोंडागांव बाजार पहुंची बस्तर की प्रसिद्ध सब्जी:700 में बिका देसी मशरूम का एक गुच्छा, बोड़ा की कीमत 3 हजार रुपए किलो
छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के साथ ही बस्तर के जंगलों में मिलने वाली बेशकीमती सब्जियां कोंडागांव पहुंचने लगी है। कोंडागांव के बाजारों में बोड़ा 3 हजार रुपए किलो तो देसी मशरूम (पुटू) की एक गुच्छी 700 रुपए में बिक रही है। बता दें कि बोड़ा और मशरूम बरसात में ही मिलती है। ये सब्जियां आदिवासियों की आजीविका का प्रमुख साधन भी है। मानसून की दस्तक के साथ ही बस्तर के जंगलों में ये सब्जियां उगने लगती है। इस सब्जियों का स्वाद खास होता है। वैसे तो मशरूम की खेती साल भर होती है लेकिन जंगलों में अपने आप उगने वाले मशरूम की मांग इतनी है कि हाथों हाथ लोग इसे खरीद कर ले जाते हैं। बोड़ा की कीमत 1500 से बढ़कर 3000 रुपए मानसून पहुंचने के बाद पहली बार कोंडागांव के बाजार में मशरूम और बोड़ा सब्जी नजर आई। लोग मशरूम की एक गुच्छी 700 रुपए में खरीद कर ले गए। वहीं बोड़ा की कीमत 1500 से बढ़कर 3000 रुपए प्रति किलो हो गई है। बोड़ा और मशरूम बस्तरिया खान-पान का अहम हिस्सा मशरूम बस्तर की संस्कृति का अहम हिस्सा है। प्राकृतिक रूप से उगने वाले मशरूम बस्तरिया खान-पान में मुख्य रूप से शामिल है। बस्तर में लगभग हर तरह के मशरूम को पुटू के नाम से जाना जाता है। बाजार में किसी भी प्रजाति का मशरूम तुरंत बिक जाता है। लोगों में इस सब्जियों की इतनी मांग है कि मुंह मांगे दाम में खरीद कर ले जाते हैं।
छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के साथ ही बस्तर के जंगलों में मिलने वाली बेशकीमती सब्जियां कोंडागांव पहुंचने लगी है। कोंडागांव के बाजारों में बोड़ा 3 हजार रुपए किलो तो देसी मशरूम (पुटू) की एक गुच्छी 700 रुपए में बिक रही है। बता दें कि बोड़ा और मशरूम बरसात में ही मिलती है। ये सब्जियां आदिवासियों की आजीविका का प्रमुख साधन भी है। मानसून की दस्तक के साथ ही बस्तर के जंगलों में ये सब्जियां उगने लगती है। इस सब्जियों का स्वाद खास होता है। वैसे तो मशरूम की खेती साल भर होती है लेकिन जंगलों में अपने आप उगने वाले मशरूम की मांग इतनी है कि हाथों हाथ लोग इसे खरीद कर ले जाते हैं। बोड़ा की कीमत 1500 से बढ़कर 3000 रुपए मानसून पहुंचने के बाद पहली बार कोंडागांव के बाजार में मशरूम और बोड़ा सब्जी नजर आई। लोग मशरूम की एक गुच्छी 700 रुपए में खरीद कर ले गए। वहीं बोड़ा की कीमत 1500 से बढ़कर 3000 रुपए प्रति किलो हो गई है। बोड़ा और मशरूम बस्तरिया खान-पान का अहम हिस्सा मशरूम बस्तर की संस्कृति का अहम हिस्सा है। प्राकृतिक रूप से उगने वाले मशरूम बस्तरिया खान-पान में मुख्य रूप से शामिल है। बस्तर में लगभग हर तरह के मशरूम को पुटू के नाम से जाना जाता है। बाजार में किसी भी प्रजाति का मशरूम तुरंत बिक जाता है। लोगों में इस सब्जियों की इतनी मांग है कि मुंह मांगे दाम में खरीद कर ले जाते हैं।