खाद्य सचिव ने अफसरों से कहा- धान खरीदी कोचियों और दलालों के लिए नहीं, किसानों के लिए होनी है
खाद्य सचिव ने अफसरों से कहा- धान खरीदी कोचियों और दलालों के लिए नहीं, किसानों के लिए होनी है
खाद्य सचिव ने कहा कि धान खरीदी अभियान कोचियों व दलालों के नहीं, बल्कि वास्तविक किसानों के लिए है। कोई भी कोचिया या दलाल धान ना खपा पाए। इस अभियान में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी धान खरीदी केंद्रों में दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगाएं और इस बार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से धान की तौल की जाए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव अन्बलगन पी ने बुधवार को मंथन सभाकक्ष में बिलासपुर संभाग के 8 जिलों के कलेक्टरों की बैठक लेकर धान खरीदी की तैयारी के बारे में जानकारी ली। 14 नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी को लेकर सचिव ने बैठक की शुरुआत में ही कहा कि केंद्रों में गड़बड़ी रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी। हर केंद्र में दो-दो कैमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही धान संग्रहण केंद्रों और राइस मिल परिसरों में भी कैमरे लगाएंगे। तौल में गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है। किसान शिकायत भी करते हैं, इसलिए इस बार इलेक्ट्रॉनिक तराजू का उपयोग किया जाएगा। धान खरीदी राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इसके लिए शासन के दिशा-निर्देश व प्रक्रिया स्पष्ट रूप से परिभाषित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित लिमिट के अंतर्गत वास्तविक किसानों का एक-एक दाना धान खरीदा जाए। किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। टोकन मिलने के बाद सातवें दिन बेच सकेंगे धान राज्य शासन ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल की अधिकतम सीमा निर्धारित की है। यानी एक एकड़ में इतना धान किसान बेच सकेंगे। बैठक में बताया गया कि इस बार जारी टोकन तिथि के 7 दिन बाद धान बेचने की बारी आएगी। खाद्य सचिव ने बारदाने की उपलब्धता व किसानों के भुगतान कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बैंक से नकद निकासी में किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में कैश रखा जाए। इस संबंध में कोई भी शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। गड़बड़ी करने वालों की अभी से करें पहचान खाद्य सचिव ने कहा कि गड़बड़ी की आशंका वाले कम से कम पांच केंद्रों की सीधी निगरानी कलेक्टर स्वयं करें। पूर्व के अनुभव के आधार पर इनका चयन कर लिया जाए और रोज इसकी रिपोर्ट लें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी अभियान शुरू होने के पहले ही दलाल किस्म के लोगों की पहचान करके उनकी गतिविधि पर नजर रखी जाए। खरीदी प्रक्रिया पर जरा भी बाधा उत्पन्न करने वाले या गड़बड़ी करने वाले पर तत्काल कार्रवाई करें।
खाद्य सचिव ने कहा कि धान खरीदी अभियान कोचियों व दलालों के नहीं, बल्कि वास्तविक किसानों के लिए है। कोई भी कोचिया या दलाल धान ना खपा पाए। इस अभियान में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी धान खरीदी केंद्रों में दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगाएं और इस बार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से धान की तौल की जाए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव अन्बलगन पी ने बुधवार को मंथन सभाकक्ष में बिलासपुर संभाग के 8 जिलों के कलेक्टरों की बैठक लेकर धान खरीदी की तैयारी के बारे में जानकारी ली। 14 नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी को लेकर सचिव ने बैठक की शुरुआत में ही कहा कि केंद्रों में गड़बड़ी रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी। हर केंद्र में दो-दो कैमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही धान संग्रहण केंद्रों और राइस मिल परिसरों में भी कैमरे लगाएंगे। तौल में गड़बड़ी की आशंका बनी रहती है। किसान शिकायत भी करते हैं, इसलिए इस बार इलेक्ट्रॉनिक तराजू का उपयोग किया जाएगा। धान खरीदी राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इसके लिए शासन के दिशा-निर्देश व प्रक्रिया स्पष्ट रूप से परिभाषित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित लिमिट के अंतर्गत वास्तविक किसानों का एक-एक दाना धान खरीदा जाए। किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। टोकन मिलने के बाद सातवें दिन बेच सकेंगे धान राज्य शासन ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल की अधिकतम सीमा निर्धारित की है। यानी एक एकड़ में इतना धान किसान बेच सकेंगे। बैठक में बताया गया कि इस बार जारी टोकन तिथि के 7 दिन बाद धान बेचने की बारी आएगी। खाद्य सचिव ने बारदाने की उपलब्धता व किसानों के भुगतान कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बैंक से नकद निकासी में किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में कैश रखा जाए। इस संबंध में कोई भी शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। गड़बड़ी करने वालों की अभी से करें पहचान खाद्य सचिव ने कहा कि गड़बड़ी की आशंका वाले कम से कम पांच केंद्रों की सीधी निगरानी कलेक्टर स्वयं करें। पूर्व के अनुभव के आधार पर इनका चयन कर लिया जाए और रोज इसकी रिपोर्ट लें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी अभियान शुरू होने के पहले ही दलाल किस्म के लोगों की पहचान करके उनकी गतिविधि पर नजर रखी जाए। खरीदी प्रक्रिया पर जरा भी बाधा उत्पन्न करने वाले या गड़बड़ी करने वाले पर तत्काल कार्रवाई करें।