भोपाल के अरेरा कॉलोनी में यंगशाला:'ओवरथिंकिंग से आज़ादी' विषय पर डॉ. सत्यकांत ने युवाओं का किया मार्गदर्शन

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में सामने आया है कि हर चार में से एक व्यक्ति किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है। यह जानकारी मध्य भारत के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने यंगशाला की रूबरू श्रृंखला में 'ओवरथिंकिंग से आजादी' विषय पर आयोजित परिचर्चा में साझा की। यह कार्यक्रम भोपाल के अरेरा कॉलोनी में रविवार को आयोजित किया गया। डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य में किया गया एक रुपये का निवेश व्यक्ति की उत्पादकता में 4 से 4.5 रुपये तक की वृद्धि कर सकता है। उन्होंने ओवरथिंकिंग को सामान्य सोच और अत्यधिक सोच के बीच की पतली रेखा बताया। उनके अनुसार, जीवन एक मैराथन की तरह है, जिसमें हर समय 'हां' कहने वाला ही नहीं, बल्कि कभी-कभी 'ना' कहने वाला भी विजयी हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए डॉ. त्रिवेदी ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी सीमाओं को पहचानना चाहिए और आदत व जरूरत, ज्ञान व सूचना, तथा सोचने व करने में अंतर समझना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए संवाद बेहद जरूरी है, चाहे वह परिवार, मित्र या चिकित्सक से हो। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि जहां प्रेरणा जरूरी है, वहीं अत्यधिक प्रेरणा का डोज नुकसानदायक हो सकता है।

भोपाल के अरेरा कॉलोनी में यंगशाला:'ओवरथिंकिंग से आज़ादी' विषय पर डॉ. सत्यकांत ने युवाओं का किया मार्गदर्शन
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में सामने आया है कि हर चार में से एक व्यक्ति किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है। यह जानकारी मध्य भारत के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने यंगशाला की रूबरू श्रृंखला में 'ओवरथिंकिंग से आजादी' विषय पर आयोजित परिचर्चा में साझा की। यह कार्यक्रम भोपाल के अरेरा कॉलोनी में रविवार को आयोजित किया गया। डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य में किया गया एक रुपये का निवेश व्यक्ति की उत्पादकता में 4 से 4.5 रुपये तक की वृद्धि कर सकता है। उन्होंने ओवरथिंकिंग को सामान्य सोच और अत्यधिक सोच के बीच की पतली रेखा बताया। उनके अनुसार, जीवन एक मैराथन की तरह है, जिसमें हर समय 'हां' कहने वाला ही नहीं, बल्कि कभी-कभी 'ना' कहने वाला भी विजयी हो सकता है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए डॉ. त्रिवेदी ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी सीमाओं को पहचानना चाहिए और आदत व जरूरत, ज्ञान व सूचना, तथा सोचने व करने में अंतर समझना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए संवाद बेहद जरूरी है, चाहे वह परिवार, मित्र या चिकित्सक से हो। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि जहां प्रेरणा जरूरी है, वहीं अत्यधिक प्रेरणा का डोज नुकसानदायक हो सकता है।