विजयवर्गीय बोले-20 साल से शिशु मृत्यु दर के यही आंकड़े:सीएम के सामने कहा- उमा भारती के समय से एक ही प्रेजेंटेशन देखते आ रहे
विजयवर्गीय बोले-20 साल से शिशु मृत्यु दर के यही आंकड़े:सीएम के सामने कहा- उमा भारती के समय से एक ही प्रेजेंटेशन देखते आ रहे
मध्यप्रदेश में मोहन सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर गुरुवार को भोपाल के मिंटो हॉल में मंथन हुआ। इस दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दो बड़ी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए। कैलाश ने कहा- 'मप्र की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में कोई कमी नहीं है। उमा भारती (2003-04 में मप्र की मुख्यमंत्री रहीं) के समय से इसी तरह के प्रेजेंटेशन देखते आ रहे हैं। आंकड़े भी कमोवेश यही हैं। कैलाश ने यह बात गरीब कल्याण से जुड़े प्रेजेंटेशन पर चर्चा के दौरान कही। तब सीएम डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे। कैलाश ने कहा कि इसे सुधारने के लिए कुछ करना होगा। इस पर उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि ब्लॉक स्तर तक स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर करने के हॉस्पिटल पर काम कर रहे हैं। कैलाश ने जल जीवन मिशन पर भी कहा कि मिशन की स्थिति खराब है। बता दें, मध्यप्रदेश में 4.6% शिशु मृत्यु दर है, ये देश में सर्वाधिक है। यानी प्रति हजार बच्चों पर 46 नवजातों की मौत हो जाती है। साल 2015 में यह दर 5% थी। जन्म-मृत्यु प्रमाण फॉर्म के लिए वेरिफिकेशन ऑनलाइन होगा
गुरुवार को ही कैबिनेट बैठक भी हुई। इसमें जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 को प्रदेश में लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब प्रदेश में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन व वेरिफिकेशन ऑनलाइन हो जाएंगे। ये सेल्फ अस्टैट होंगे। हालांकि आवेदन एक साल में जिला मजिस्ट्रेट या एसडीएम से सत्यापित कराना होगा।
मध्यप्रदेश में मोहन सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर गुरुवार को भोपाल के मिंटो हॉल में मंथन हुआ। इस दौरान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दो बड़ी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए। कैलाश ने कहा- 'मप्र की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में कोई कमी नहीं है। उमा भारती (2003-04 में मप्र की मुख्यमंत्री रहीं) के समय से इसी तरह के प्रेजेंटेशन देखते आ रहे हैं। आंकड़े भी कमोवेश यही हैं। कैलाश ने यह बात गरीब कल्याण से जुड़े प्रेजेंटेशन पर चर्चा के दौरान कही। तब सीएम डॉ. मोहन यादव भी मौजूद थे। कैलाश ने कहा कि इसे सुधारने के लिए कुछ करना होगा। इस पर उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि ब्लॉक स्तर तक स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर करने के हॉस्पिटल पर काम कर रहे हैं। कैलाश ने जल जीवन मिशन पर भी कहा कि मिशन की स्थिति खराब है। बता दें, मध्यप्रदेश में 4.6% शिशु मृत्यु दर है, ये देश में सर्वाधिक है। यानी प्रति हजार बच्चों पर 46 नवजातों की मौत हो जाती है। साल 2015 में यह दर 5% थी। जन्म-मृत्यु प्रमाण फॉर्म के लिए वेरिफिकेशन ऑनलाइन होगा
गुरुवार को ही कैबिनेट बैठक भी हुई। इसमें जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 को प्रदेश में लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब प्रदेश में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन व वेरिफिकेशन ऑनलाइन हो जाएंगे। ये सेल्फ अस्टैट होंगे। हालांकि आवेदन एक साल में जिला मजिस्ट्रेट या एसडीएम से सत्यापित कराना होगा।