गर्भवती की जांच रिपोर्ट का मामला कलेक्ट्रेट पहुंचा:महिला ने कलेक्टर से की श्रीहरि अल्ट्रासाउंड पर कार्रवाई की मांग, जांच के आदेश
गर्भवती की जांच रिपोर्ट का मामला कलेक्ट्रेट पहुंचा:महिला ने कलेक्टर से की श्रीहरि अल्ट्रासाउंड पर कार्रवाई की मांग, जांच के आदेश
भिंड शहर के श्रीहरि अल्ट्रासाउंड सेंटर में गर्भवती महिला कंचन श्रीवास को दी गई गलत रिपोर्ट का मामला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के पास पहुंचा। गर्भवती महिला कंचन अपने भतीजे अंकित श्रीवास के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचीं और शिकायत आवेदन देकर सेंटर को सील करने की मांग की। गौरतलब है कि ग्राम रूहेरा, दतिया निवासी कंचन श्रीवास से 18 दिसंबर को श्रीहरि अल्ट्रासाउंड में जांच के दौरान डॉक्टर ने कहा कि गर्भस्थ शिशु की धड़कन नहीं आ रही और सफाई कराने की सलाह दी। परिवार की सलाह पर 24 दिसंबर को पूजा अल्ट्रासाउंड सेंटर में दोबारा जांच कराई, जिसमें डॉक्टर बबीता ने बच्चे को स्वस्थ बताया। कंचन ने कहा कि यदि वह दोबारा जांच नहीं कराती, तो बच्चे को मृत समझकर गर्भपात कराना पड़ता। अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लापरवाही का आरोप भतीजे अंकित ने बताया कि सेंटर के संचालक ने शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया और कहा कि कोर्ट में जुर्माना देकर बचा जा सकता है। संचालक ने फीस वापस लेने का भी प्रस्ताव दिया, लेकिन महिला ने इसे ठुकरा दिया। कंचन ने मांग की कि ऐसी लापरवाही करने वाले सेंटर को सील किया जाए ताकि अन्य महिलाओं को ऐसी पीड़ा न सहनी पड़े। आरोपों को बताया बेबुनियाद सेंटर के टेक्नीशियन धर्मेंद्र जैन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जब पहली बार जांच हुई, उस समय भ्रूण की धड़कन नहीं थी। यह भ्रूण की विकास प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है। उनका कहना है कि परिवार दबाव बनाने और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि 10 से 12 सप्ताह के दौरान धड़कन का आना अनिश्चित हो सकता है, लेकिन इसे भ्रूण की मृत्यु मानना गलत है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस लापरवाही पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
भिंड शहर के श्रीहरि अल्ट्रासाउंड सेंटर में गर्भवती महिला कंचन श्रीवास को दी गई गलत रिपोर्ट का मामला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के पास पहुंचा। गर्भवती महिला कंचन अपने भतीजे अंकित श्रीवास के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचीं और शिकायत आवेदन देकर सेंटर को सील करने की मांग की। गौरतलब है कि ग्राम रूहेरा, दतिया निवासी कंचन श्रीवास से 18 दिसंबर को श्रीहरि अल्ट्रासाउंड में जांच के दौरान डॉक्टर ने कहा कि गर्भस्थ शिशु की धड़कन नहीं आ रही और सफाई कराने की सलाह दी। परिवार की सलाह पर 24 दिसंबर को पूजा अल्ट्रासाउंड सेंटर में दोबारा जांच कराई, जिसमें डॉक्टर बबीता ने बच्चे को स्वस्थ बताया। कंचन ने कहा कि यदि वह दोबारा जांच नहीं कराती, तो बच्चे को मृत समझकर गर्भपात कराना पड़ता। अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लापरवाही का आरोप भतीजे अंकित ने बताया कि सेंटर के संचालक ने शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया और कहा कि कोर्ट में जुर्माना देकर बचा जा सकता है। संचालक ने फीस वापस लेने का भी प्रस्ताव दिया, लेकिन महिला ने इसे ठुकरा दिया। कंचन ने मांग की कि ऐसी लापरवाही करने वाले सेंटर को सील किया जाए ताकि अन्य महिलाओं को ऐसी पीड़ा न सहनी पड़े। आरोपों को बताया बेबुनियाद सेंटर के टेक्नीशियन धर्मेंद्र जैन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जब पहली बार जांच हुई, उस समय भ्रूण की धड़कन नहीं थी। यह भ्रूण की विकास प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है। उनका कहना है कि परिवार दबाव बनाने और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि 10 से 12 सप्ताह के दौरान धड़कन का आना अनिश्चित हो सकता है, लेकिन इसे भ्रूण की मृत्यु मानना गलत है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस लापरवाही पर उचित कार्रवाई की जाएगी।