नेशनल लोक अदालत:पहली बार रिकॉर्ड साढ़े 22 लाख मामले निपटे, 842 करोड़ का अवार्ड भी
नेशनल लोक अदालत:पहली बार रिकॉर्ड साढ़े 22 लाख मामले निपटे, 842 करोड़ का अवार्ड भी
साल के आखिरी नेशनल लोक अदालत में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस संजय के. अग्रवाल की अगुवाई में छत्तीसगढ़ ने इतिहास रच दिया। शनिवार को प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में कुल 22,59,517 मामले निराकृत किए गए। वहीं 842 करोड़ का अवार्ड भी पारित किया गया। इससे पहले हुई तीन लोक अदालतों में कुल 23,74,635 मामले निपटाए गए थे। यानी पहली बार इतनी बड़ी संख्या में प्री लिटिगेशन और समझौते योग्य मामलों का निराकरण किया गया। पूरे प्रदेश में शनिवार को आखिरी नेशनल लोक अदालत का आयोजन हाई कोर्ट से लेकर तालुका स्तर के न्यायालयों के साथ ही राजस्व न्यायालयों में किया गया। सभी खंडपीठों से मिले अंतिम आंकड़ों के अनुसार कुल 22,59,517 मामलों का निराकरण किया गया। पहली बार इतने बड़े पैमाने में मामलों का निपटारा किया गया। इसकी बड़ी वजह सीजे सिन्हा द्वारा न्यायिक अधिकारियों की लगातार बैठकें और मार्गदर्शन रहा। सीजे सिन्हा ने हाई कोर्ट की खंडपीठों के जजों से लोक अदालत की कार्रवाई पर निरंतर संवाद किया। साथ ही वर्चुअल मोड पर रायपुर व दुर्ग के जिला कोर्ट का भी जायजा लिया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस संजय के. अग्रवाल भी लगातार प्रयासरत रहे।
साल के आखिरी नेशनल लोक अदालत में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस संजय के. अग्रवाल की अगुवाई में छत्तीसगढ़ ने इतिहास रच दिया। शनिवार को प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में कुल 22,59,517 मामले निराकृत किए गए। वहीं 842 करोड़ का अवार्ड भी पारित किया गया। इससे पहले हुई तीन लोक अदालतों में कुल 23,74,635 मामले निपटाए गए थे। यानी पहली बार इतनी बड़ी संख्या में प्री लिटिगेशन और समझौते योग्य मामलों का निराकरण किया गया। पूरे प्रदेश में शनिवार को आखिरी नेशनल लोक अदालत का आयोजन हाई कोर्ट से लेकर तालुका स्तर के न्यायालयों के साथ ही राजस्व न्यायालयों में किया गया। सभी खंडपीठों से मिले अंतिम आंकड़ों के अनुसार कुल 22,59,517 मामलों का निराकरण किया गया। पहली बार इतने बड़े पैमाने में मामलों का निपटारा किया गया। इसकी बड़ी वजह सीजे सिन्हा द्वारा न्यायिक अधिकारियों की लगातार बैठकें और मार्गदर्शन रहा। सीजे सिन्हा ने हाई कोर्ट की खंडपीठों के जजों से लोक अदालत की कार्रवाई पर निरंतर संवाद किया। साथ ही वर्चुअल मोड पर रायपुर व दुर्ग के जिला कोर्ट का भी जायजा लिया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस संजय के. अग्रवाल भी लगातार प्रयासरत रहे।