सुपारी किलिंग:मुंबई से आकर मठ प्रमुख बनना चाहती थी तपस्या, इसलिए काजल की करा दी हत्या

3 दिन पहले ग्राम ढाबाडीह में एक किन्नर की हत्या की गुत्थी सुलझ गई। पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी तपस्या किन्नर समेत कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का कारण मठ प्रमुख बनने की चाहत बताई जा रही है। 18 नवंबर को सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम ढाबाडीह में एक बंद पड़े पत्थर खदान में एक महिला का शव मिला। शव की जांच में यह पाया गया कि हत्या धारदार हथियार से की गई है। मौके से पुलिस ने डेढ़ लाख रुपए नकद बरामद किए। शव की पहचान रायपुर के जोरा निवासी काजल किन्नर के रूप में हुई, जो कि एक सप्ताह से लापता थी। मुख्य आरोपी तपस्या किन्नर, जो मुंबई से रायपुर आई थी, मठ प्रमुख बनने की इच्छा रखती थी। काजल उसकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी थी। इस कारण तपस्या ने काजल को रास्ते से हटाने के लिए हत्या की योजना बनाई। पुलिस ने आरोपियों के पास से ₹10.50 लाख नगद, एक कार, बाइक और हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद किया है। रायपुर में दो मठ, प्रमुख की आज्ञा से ही काम करते हैं किन्नर जोरा भवानी नगर मठ और गुरु नानक मठ हैं। आरोपियों में जोरा भवानी नगर मठ के प्रमुख या नायक बनने की लड़ाई थी। असल में किन्नर लोग मांग या जिस भी तरीके से पैसे कमाते हैं, कमाने वाले मठ प्रमुख के अधीन रहते हैं। उनकी आज्ञा के बिना वे अपना काम नहीं कर सकते। काजल को खदान लेकर पहुंची थी निशा, यहां हत्या कर फेंक दिया था शव सितंबर 2024 में गणेश उत्सव के दौरान तपस्या ने अपनी साथी निशा श्रीवास के साथ मिलकर काजल की हत्या की योजना बनाई। इसके लिए उसने ₹12 लाख रुपए इकट्ठा किए और सुपारी किलर को सुपुर्द किए। शुरुआत में हिमांशु बंजारे नामक व्यक्ति के माध्यम से एक सुपारी किलर तय हुई, लेकिन वह जेल चला गया। इसके बाद अन्य सुपारी किलर अंकुश चौधरी और कुलदीप कुरील से संपर्क किया गया। घटना का दिन 17 नवंबर 2024 को निशा श्रीवास ने काजल को बलौदाबाजार ले जाने के लिए बहाना बनाया कि उसे एक व्यक्ति से ₹3 लाख लेने हैं, जिसमें से आधा हिस्सा काजल को मिलेगा। निशा ने काजल को अपनी अर्टिगा कार में बैठाया। पीछे-पीछे सुपारी किलर मोटरसाइकिल से घटनास्थल तक पहुंचे। ग्राम अमेरा के पास निशा ने काजल को नकली पैसे देकर भरोसा दिलाया। इसके बाद सभी लोग ढाबाडीह खदान पहुंचे। रात होने पर निशा और ड्राइवर हिमांशु मौके से चले गए। इसके बाद अंकुश और कुलदीप ने धारदार हथियार से काजल की हत्या कर दी और शव को खदान में फेंक दिया। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। शव के आधार पर काजल की पहचान हुई। साइबर सेल और फील्ड टीम की मदद से हत्या में शामिल सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

सुपारी किलिंग:मुंबई से आकर मठ प्रमुख बनना चाहती थी तपस्या, इसलिए काजल की करा दी हत्या
3 दिन पहले ग्राम ढाबाडीह में एक किन्नर की हत्या की गुत्थी सुलझ गई। पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी तपस्या किन्नर समेत कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का कारण मठ प्रमुख बनने की चाहत बताई जा रही है। 18 नवंबर को सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम ढाबाडीह में एक बंद पड़े पत्थर खदान में एक महिला का शव मिला। शव की जांच में यह पाया गया कि हत्या धारदार हथियार से की गई है। मौके से पुलिस ने डेढ़ लाख रुपए नकद बरामद किए। शव की पहचान रायपुर के जोरा निवासी काजल किन्नर के रूप में हुई, जो कि एक सप्ताह से लापता थी। मुख्य आरोपी तपस्या किन्नर, जो मुंबई से रायपुर आई थी, मठ प्रमुख बनने की इच्छा रखती थी। काजल उसकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी थी। इस कारण तपस्या ने काजल को रास्ते से हटाने के लिए हत्या की योजना बनाई। पुलिस ने आरोपियों के पास से ₹10.50 लाख नगद, एक कार, बाइक और हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद किया है। रायपुर में दो मठ, प्रमुख की आज्ञा से ही काम करते हैं किन्नर जोरा भवानी नगर मठ और गुरु नानक मठ हैं। आरोपियों में जोरा भवानी नगर मठ के प्रमुख या नायक बनने की लड़ाई थी। असल में किन्नर लोग मांग या जिस भी तरीके से पैसे कमाते हैं, कमाने वाले मठ प्रमुख के अधीन रहते हैं। उनकी आज्ञा के बिना वे अपना काम नहीं कर सकते। काजल को खदान लेकर पहुंची थी निशा, यहां हत्या कर फेंक दिया था शव सितंबर 2024 में गणेश उत्सव के दौरान तपस्या ने अपनी साथी निशा श्रीवास के साथ मिलकर काजल की हत्या की योजना बनाई। इसके लिए उसने ₹12 लाख रुपए इकट्ठा किए और सुपारी किलर को सुपुर्द किए। शुरुआत में हिमांशु बंजारे नामक व्यक्ति के माध्यम से एक सुपारी किलर तय हुई, लेकिन वह जेल चला गया। इसके बाद अन्य सुपारी किलर अंकुश चौधरी और कुलदीप कुरील से संपर्क किया गया। घटना का दिन 17 नवंबर 2024 को निशा श्रीवास ने काजल को बलौदाबाजार ले जाने के लिए बहाना बनाया कि उसे एक व्यक्ति से ₹3 लाख लेने हैं, जिसमें से आधा हिस्सा काजल को मिलेगा। निशा ने काजल को अपनी अर्टिगा कार में बैठाया। पीछे-पीछे सुपारी किलर मोटरसाइकिल से घटनास्थल तक पहुंचे। ग्राम अमेरा के पास निशा ने काजल को नकली पैसे देकर भरोसा दिलाया। इसके बाद सभी लोग ढाबाडीह खदान पहुंचे। रात होने पर निशा और ड्राइवर हिमांशु मौके से चले गए। इसके बाद अंकुश और कुलदीप ने धारदार हथियार से काजल की हत्या कर दी और शव को खदान में फेंक दिया। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। शव के आधार पर काजल की पहचान हुई। साइबर सेल और फील्ड टीम की मदद से हत्या में शामिल सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।