IPS मनोज शर्मा की स्कूल प्रिंसिपल ने जताई नाराजगी:मुरैना के जिस आदर्श स्कूल से 12वीं पास की, उसका फिल्म में जिक्र तक नहीं

IPS मनोज शर्मा हमारे स्कूल में पढ़े हैं। यहां से प्रथम श्रेणी में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन जब उनकी 12वीं फेल मूवी बनी तो उसमें हमारे स्कूल का कोई जिक्र नहीं था। अगर उसमें हमारे स्कूल का उल्लेख होता तो हम सबको बहुत खुशी होती और स्कूल का नाम होता। यह कहना है मुरैना शहर के आदर्श उच्चतर माध्यमिक स्कूल की प्राचार्य आशा शर्मा का। IPS मनोज शर्मा मुरैना के जौरा क्षेत्र के बिलगांव गांव के निवासी हैं। जौरा कस्बे से विज्ञान विषय में 12वीं की परीक्षा में फेल होने के बाद वह मुरैना शहर में आए थे। यहां आकर उन्होंने गणेशपुरा स्थित तुलसी कॉलोनी के आदर्श उच्चतर माध्यमिक स्कूल में प्रवेश लिया। उन्होंने कृषि विज्ञान विषय में 12वीं की परीक्षा पास की। शिक्षक विश्वनाथ तोमर ने भरा था एडमिशन फॉर्म स्कूल के रिटायर हो चुके शिक्षक विश्वनाथ तोमर इस बात को बड़े गर्व के साथ बताते हैं, कि मनोज शर्मा का प्रवेश फॉर्म उन्होंने ही भरा था। उन्होंने कहा कि उस समय स्कूल के प्राचार्य लक्ष्मी नारायण शर्मा थे। मनोज शर्मा स्कूल में प्रवेश लेने के लिए आए। प्राचार्य ने उनसे कहा कि इस बालक का एडमिशन होना है आप इसका एडमिशन फॉर्म भर दीजिए। उसके बाद उन्होंने मनोज शर्मा का फॉर्म भरा। अनुशासित और शांत स्वभाव के छात्र थे मनोज विश्वनाथ तोमर बताते हैं कि मनोज शर्मा उस समय बहुत साधारण कपड़े पहनते थे। उनका जवाब देने का तरीका भी बेहद सादगीपूर्ण था। वे बेहद लगनशील छात्र थे और कक्षा में चुपचाप बैठे रहते थे। उन्होंने कभी जोर-जोर से बातें करते उन्हें नहीं देखा। जैसे ही कक्षा में कोई शिक्षक पहुंचता वह सम्मान में तुरंत खड़े हो जाते। मनोज का स्वभाव अपने साथियों तथा शिक्षकों के प्रति हमेशा से मिलनसार तथा बेहद अनुशासित रहा। कृषि विज्ञान के शिक्षक से विशेष जुड़ाव विश्वनाथ तोमर बायोलॉजी पढ़ाया करते थे। उन्होंने कहा कि स्कूल के शिक्षक छत्रपति यादव से मनोज शर्मा का विशेष जुड़ाव था। वह कृषि विज्ञान के शिक्षक थे। कृषि विज्ञान विषय लेने के कारण वह छत्रपति यादव से अधिक जुड़े हुए थे। 15 किलोमीटर दूर से स्कूल आते थे शिक्षक पीसी दीक्षित जो कि उस समय अंग्रेजी के शिक्षक थे। उन्होंने बताया कि मनोज का गांव मुरैना शहर से 15 किलोमीटर दूर है। इतनी दूर होने के बावजूद मनोज प्रतिदिन विद्यालय में समय पर पहुंचते थे। जब उन्होंने एक बार उनसे पूछा कि इतनी दूर से कैसे आते हो। इस पर उन्होंने कहा कि अभी आ रहे हैं लेकिन जल्द ही शहर में ही कोई व्यवस्था हो जाएगी। मार्कशीट लेने आए थे मनोज शर्मा स्कूल की वर्तमान प्राचार्य आशा शर्मा ने बताया कि मनोज शर्मा कुछ दिनों पहले उनके स्कूल में आए थे। वह स्कूल में अपनी 12वीं कक्षा की मार्कशीट की फोटोकॉपी लेने आए थे। उन्होंने बताया था कि उनकी 12वीं की मार्कशीट कहीं खो गई है जिसकी वजह से उन्हें उसकी फोटोकॉपी लेनी पड़ रही है। मूवी बनाने वालों ने नहीं दिया ध्यान स्कूल की प्राचार्य आशा शर्मा ने बताया कि मूवी बनाने वालों को उनके स्कूल का नाम जरूर उल्लेखित करना चाहिए था। उन्होंने यह गलती की है। अगर उनके स्कूल का मूवी में उल्लेख होता तो न केवल उन्हें बल्कि कि उनके स्कूल के सभी शिक्षकों को बेहद खुशी मिलती। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

IPS मनोज शर्मा की स्कूल प्रिंसिपल ने जताई नाराजगी:मुरैना के जिस आदर्श स्कूल से 12वीं पास की, उसका फिल्म में जिक्र तक नहीं
IPS मनोज शर्मा हमारे स्कूल में पढ़े हैं। यहां से प्रथम श्रेणी में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन जब उनकी 12वीं फेल मूवी बनी तो उसमें हमारे स्कूल का कोई जिक्र नहीं था। अगर उसमें हमारे स्कूल का उल्लेख होता तो हम सबको बहुत खुशी होती और स्कूल का नाम होता। यह कहना है मुरैना शहर के आदर्श उच्चतर माध्यमिक स्कूल की प्राचार्य आशा शर्मा का। IPS मनोज शर्मा मुरैना के जौरा क्षेत्र के बिलगांव गांव के निवासी हैं। जौरा कस्बे से विज्ञान विषय में 12वीं की परीक्षा में फेल होने के बाद वह मुरैना शहर में आए थे। यहां आकर उन्होंने गणेशपुरा स्थित तुलसी कॉलोनी के आदर्श उच्चतर माध्यमिक स्कूल में प्रवेश लिया। उन्होंने कृषि विज्ञान विषय में 12वीं की परीक्षा पास की। शिक्षक विश्वनाथ तोमर ने भरा था एडमिशन फॉर्म स्कूल के रिटायर हो चुके शिक्षक विश्वनाथ तोमर इस बात को बड़े गर्व के साथ बताते हैं, कि मनोज शर्मा का प्रवेश फॉर्म उन्होंने ही भरा था। उन्होंने कहा कि उस समय स्कूल के प्राचार्य लक्ष्मी नारायण शर्मा थे। मनोज शर्मा स्कूल में प्रवेश लेने के लिए आए। प्राचार्य ने उनसे कहा कि इस बालक का एडमिशन होना है आप इसका एडमिशन फॉर्म भर दीजिए। उसके बाद उन्होंने मनोज शर्मा का फॉर्म भरा। अनुशासित और शांत स्वभाव के छात्र थे मनोज विश्वनाथ तोमर बताते हैं कि मनोज शर्मा उस समय बहुत साधारण कपड़े पहनते थे। उनका जवाब देने का तरीका भी बेहद सादगीपूर्ण था। वे बेहद लगनशील छात्र थे और कक्षा में चुपचाप बैठे रहते थे। उन्होंने कभी जोर-जोर से बातें करते उन्हें नहीं देखा। जैसे ही कक्षा में कोई शिक्षक पहुंचता वह सम्मान में तुरंत खड़े हो जाते। मनोज का स्वभाव अपने साथियों तथा शिक्षकों के प्रति हमेशा से मिलनसार तथा बेहद अनुशासित रहा। कृषि विज्ञान के शिक्षक से विशेष जुड़ाव विश्वनाथ तोमर बायोलॉजी पढ़ाया करते थे। उन्होंने कहा कि स्कूल के शिक्षक छत्रपति यादव से मनोज शर्मा का विशेष जुड़ाव था। वह कृषि विज्ञान के शिक्षक थे। कृषि विज्ञान विषय लेने के कारण वह छत्रपति यादव से अधिक जुड़े हुए थे। 15 किलोमीटर दूर से स्कूल आते थे शिक्षक पीसी दीक्षित जो कि उस समय अंग्रेजी के शिक्षक थे। उन्होंने बताया कि मनोज का गांव मुरैना शहर से 15 किलोमीटर दूर है। इतनी दूर होने के बावजूद मनोज प्रतिदिन विद्यालय में समय पर पहुंचते थे। जब उन्होंने एक बार उनसे पूछा कि इतनी दूर से कैसे आते हो। इस पर उन्होंने कहा कि अभी आ रहे हैं लेकिन जल्द ही शहर में ही कोई व्यवस्था हो जाएगी। मार्कशीट लेने आए थे मनोज शर्मा स्कूल की वर्तमान प्राचार्य आशा शर्मा ने बताया कि मनोज शर्मा कुछ दिनों पहले उनके स्कूल में आए थे। वह स्कूल में अपनी 12वीं कक्षा की मार्कशीट की फोटोकॉपी लेने आए थे। उन्होंने बताया था कि उनकी 12वीं की मार्कशीट कहीं खो गई है जिसकी वजह से उन्हें उसकी फोटोकॉपी लेनी पड़ रही है। मूवी बनाने वालों ने नहीं दिया ध्यान स्कूल की प्राचार्य आशा शर्मा ने बताया कि मूवी बनाने वालों को उनके स्कूल का नाम जरूर उल्लेखित करना चाहिए था। उन्होंने यह गलती की है। अगर उनके स्कूल का मूवी में उल्लेख होता तो न केवल उन्हें बल्कि कि उनके स्कूल के सभी शिक्षकों को बेहद खुशी मिलती। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।