नोएडा में निवेश के नाम पर 16 लाख ठगे:वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ा; क्लोन ऐप कराया डाउनलोड, इसके बाद की ठगी
नोएडा में निवेश के नाम पर 16 लाख ठगे:वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ा; क्लोन ऐप कराया डाउनलोड, इसके बाद की ठगी
निवेश पर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर जालसाजों ने एक व्यक्ति के साथ करीब 16 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की। पुलिस ने तथाकथित ग्रुप एडमिन समेत तीन नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मार्च से शुरू हुई ठगी में पीड़ित ने कई बार ठगों के खाते में रुपए भेजे। वॉट्सऐप ग्रुप पर जोड़ा
ठगों द्वारा डाउनलोड कराए गए लिंक और ऐप पर पीड़ित को निवेश पर मुनाफा भी दिखा। हालांकि जब उसने रकम निकालने का प्रयास किया तो ठग उसपर और पैसे निवेश करने का दबाव बनाने लगे। रकम ट्रांसफर न करने पर ठगों ने पीड़ित को ब्लॉक कर दिया। डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है। जिन खाते में रुपए डाले गए हैं, उन्हें फ्रीज कराने का कार्य किया जा रहा है। पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-78 निवासी पवन बंसल ने बताया कि उन्हें पहले एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया था। क्लोन ऐप कराया डाउनलोड
इसके बाद एक युवती ने खुद को एक निवेश से जुड़ी ऐप का कर्मचारी बताया। संबंधित ऐप का विज्ञापन शिकायतकर्ता कई बार सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर देख चुका था। ऐप स्टोर पर भी उसकी अच्छी रेटिंग थी। बातचीत के दौरान युवती ने पवन को मोबाइल पर ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा। इसके लिए युवती ने उसके मोबाइल पर एक लिंक भेजा। उसने पांच हजार रुपए से पवन को आईपीओ दिलवाने की बात कही गई। उन्हें कई आईपीओ बताए गए। मुनाफा के निकाले 10 हजार रुपए
निवेश करने के बाद हुए मुनाफे में से दस हजार रुपए निकालने की अनुमति ठगों ने शिकायतकर्ता को दी। इससे उन्हें ऐप पर कुछ विश्वास हो गया। निवेश के बाद मुनाफे समेत रकम जब फिर से शिकायतकर्ता ने निकालने का प्रयास किया तो एक नया आईपीओ उनके नाम के सामने फ्लैश हो। ऐसा कई बार हुआ। जिस ग्रुप में शिकायतकर्ता को जोड़ा गया था उसमें कई अन्य लोग पहले से जुड़े थे। ग्रुप के सदस्य निवेश पर होने वाले मुनाफे का स्क्रीनशॉट भी साझा कर रहे थे। पैसे मांगने पर ठगी की जानकारी
शिकायतकर्ता ने जब अपनी परेशानी ग्रुप के सदस्यों और एडमिन को बताई तो उसे और पैसे निवेश करने के बाद निकासी का विकल्प मिलने का आश्वासन दिया गया। शिकायतकर्ता ठगों के झांसे में आए और उन्होंने कई बार 12 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। करीब 24 लाख रुपए ऐप पर दिखने के बाद ठगों ने उनसे करीब 4 लाख रुपए और लिए। बाद में आईपीओ की पेमेंट के नाम पर 24 लाख रुपए और मांगे गए। इसके बाद शिकायतकर्ता को ठगी का एहसास हुआ। पवन ने तुरंत मामले की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर की।
निवेश पर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर जालसाजों ने एक व्यक्ति के साथ करीब 16 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की। पुलिस ने तथाकथित ग्रुप एडमिन समेत तीन नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मार्च से शुरू हुई ठगी में पीड़ित ने कई बार ठगों के खाते में रुपए भेजे। वॉट्सऐप ग्रुप पर जोड़ा
ठगों द्वारा डाउनलोड कराए गए लिंक और ऐप पर पीड़ित को निवेश पर मुनाफा भी दिखा। हालांकि जब उसने रकम निकालने का प्रयास किया तो ठग उसपर और पैसे निवेश करने का दबाव बनाने लगे। रकम ट्रांसफर न करने पर ठगों ने पीड़ित को ब्लॉक कर दिया। डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर जांच की जा रही है। जिन खाते में रुपए डाले गए हैं, उन्हें फ्रीज कराने का कार्य किया जा रहा है। पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-78 निवासी पवन बंसल ने बताया कि उन्हें पहले एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया था। क्लोन ऐप कराया डाउनलोड
इसके बाद एक युवती ने खुद को एक निवेश से जुड़ी ऐप का कर्मचारी बताया। संबंधित ऐप का विज्ञापन शिकायतकर्ता कई बार सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर देख चुका था। ऐप स्टोर पर भी उसकी अच्छी रेटिंग थी। बातचीत के दौरान युवती ने पवन को मोबाइल पर ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा। इसके लिए युवती ने उसके मोबाइल पर एक लिंक भेजा। उसने पांच हजार रुपए से पवन को आईपीओ दिलवाने की बात कही गई। उन्हें कई आईपीओ बताए गए। मुनाफा के निकाले 10 हजार रुपए
निवेश करने के बाद हुए मुनाफे में से दस हजार रुपए निकालने की अनुमति ठगों ने शिकायतकर्ता को दी। इससे उन्हें ऐप पर कुछ विश्वास हो गया। निवेश के बाद मुनाफे समेत रकम जब फिर से शिकायतकर्ता ने निकालने का प्रयास किया तो एक नया आईपीओ उनके नाम के सामने फ्लैश हो। ऐसा कई बार हुआ। जिस ग्रुप में शिकायतकर्ता को जोड़ा गया था उसमें कई अन्य लोग पहले से जुड़े थे। ग्रुप के सदस्य निवेश पर होने वाले मुनाफे का स्क्रीनशॉट भी साझा कर रहे थे। पैसे मांगने पर ठगी की जानकारी
शिकायतकर्ता ने जब अपनी परेशानी ग्रुप के सदस्यों और एडमिन को बताई तो उसे और पैसे निवेश करने के बाद निकासी का विकल्प मिलने का आश्वासन दिया गया। शिकायतकर्ता ठगों के झांसे में आए और उन्होंने कई बार 12 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। करीब 24 लाख रुपए ऐप पर दिखने के बाद ठगों ने उनसे करीब 4 लाख रुपए और लिए। बाद में आईपीओ की पेमेंट के नाम पर 24 लाख रुपए और मांगे गए। इसके बाद शिकायतकर्ता को ठगी का एहसास हुआ। पवन ने तुरंत मामले की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर की।