बैंक मैनेजर की पत्नी-बेटी और सास की हत्या:15 दिन पहले किराए पर आई फैमिली, बेटी की परीक्षा खत्म होने के दूसरे दिन खूनी खेल

मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में आज बात 14 साल पुराने ट्रिपल मर्डर की। इंदौर की पॉश कॉलोनियों में से एक श्रीनगर मेन के एक मकान में 23 साल की युवती, उसकी मां और नानी की खून से सनी लाशें मिली थीं। पुलिस की जांच में सामने आया कि तीनों की बेरहमी से हत्या की गई थी। तलाशी में पुलिस को पता चला था कि घर से सोने के गहने और कीमती सामान चोरी हुआ था। पुलिस के सामने कई सवाल थे। क्या तीनों महिलाओं की हत्या केवल चोरी के लिए की गई थी? क्या हत्यारा पहले से महिलाओं को जानता था? बदमाश चोरी की नीयत से घर में दाखिल हुए थे तो हत्या की नौबत कैसे आ गई? इन सवालों का जवाब तलाशने में पुलिस जुटी थी। हत्या के तीन दिन बाद एक कॉन्स्टेबल की तेज निगाहों ने पुलिस को सुराग दिया और जब पूरे मामले का खुलासा हुआ तो सभी हैरान रह गए। दरवाजे पर खून के धब्बे, कुंडी बाहर से लगी 19 जून 2011। इंदौर की पॉश कॉलोनी श्रीनगर मेन में रहने वाले विशाल पाण्डेय अपने घर में थे और टीवी देख रहे थे। ये रविवार का दिन था। दोपहर को करीब 3 बजे के बाद वह सोने चले गए। शाम करीब 6 बजे दरवाजे की घंटी बजी। विशाल ने गेट खोला तो सामने किराएदार दीप्ति कपिल खड़ी थी। उसने बताया कि कुछ अजीब सा लग रहा है। ऊपर के फ्लोर पर रहने वाली किराएदार अश्लेषा के कमरे के दरवाजे की कुंडी बाहर से लगी है। दरवाजे पर खून के धब्बे दिखाई दे रहे हैं। विशाल ने ऊपर जाकर देखा तो अश्लेषा के कमरे की कुंडी बाहर से लगी थी। आवाज लगाई, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। पास की खिड़की से झांक कर देखा तो कुछ भी नहीं दिखा। किसी अनहोनी के डर से विशाल ने डरते-डरते दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही अंदर का नजारा देखकर विशाल के होश उड़ गए। 15 दिन पहले ही किराए पर मकान लिया था विशाल पाण्डेय ने पुलिस को बताया कि वो मकान मालिक है। एक निजी बैंक में लीगल एडवाइजर है। श्रीनगर मेन में उसका दो मंजिला मकान है। जिसके ग्राउंड फ्लोर पर वो, पत्नी और बेटी साथ रहते हैं। पहली मंजिल पर दो किराएदार हैं। एक हिस्से में निरंजय देशपांडे का परिवार रहता है। दूसरे हिस्से में दीप्ति कपिल और उसका भाई शानू कपिल रहता है। निरंजय देशपांडे के परिवार में उसकी पत्नी मेघा (47) और बेटी अश्लेषा (23) हैं। विशाल ने घटना से लगभग 15 दिन पहले ही देशपांडे परिवार को किराए पर मकान दिया था। पुलिस ने निरंजय देशपांडे के बारे में पूछा तो विशाल ने बताया कि वह उज्जैन में बैंक मैनेजर है। उसकी पत्नी मेघा एक कंपनी में काम करती थी जबकि बेटी अश्लेषा इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रही थी। विशाल ने ये भी बताया कि 18 जून को अश्लेषा की परीक्षा खत्म हुई थी। निरंजय का परिवार 19 जून को ही इंदौर से उज्जैन जाने वाला था। 16 जून को मेघा का बर्थडे था। उसे सेलिब्रेट करने निरंजय की सास और मेघा की मां भी आई हुई थी। पुलिस ने विशाल को निरंजय देशपांडे को कॉल करने के लिए कहा। विशाल ने कॉल किया और बताया कि जल्द घर आओ। निरंजय कुछ देर बार उज्जैन से इंदौर पहुंचा। मां को गोली मारी, बेटी और नानी को चाकू से गोदा हत्याकांड की सूचना पर फॉरेंसिक साइंस लैब के अफसर डॉ. सुधीर शर्मा अपने साथ फोटोग्राफर सत्यनारायण पटेल, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट केके द्विवेदी को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे। टीम ने बारीकी से मौके का निरीक्षण किया। फर्श पर पाए गए जूतों के निशान के फोटो लिए गए। फिंगर प्रिंट लिए गए। मौके पर एक कारतूस और खोखे मिले। दो गोलियां चलाई गई थीं। मेघा की गोली मारकर हत्या की गई थी। इससे साफ हो गया था कि एक गोली कहां चली है लेकिन दूसरी गोली के बारे में पुलिस को सुराग नहीं मिला। अश्लेषा और रोहिणी को चाकुओं से गोदा गया था। नानी के शरीर पर 16, अश्लेषा के शरीर पर 23 घाव अगले दिन 20 जून को डॉ. पीएस ठाकुर ने डॉ. प्रशांत राजपूत और डॉ. एन फणसे के साथ मिलकर मेघा देशपांडे का पोस्टमॉर्टम शुरू किया। पीएम में पाया कि सिर की हड्‌डी टूट चुकी थी। गोली सिर से बाहर निकलकर खोपड़ी के आधार तल में पिछले भाग से रिकवर की गई थी। नाभी के पास नुकीले हथियार के 4 अंदरूनी घाव थे। ज्यादा खून बह जाने के कारण मेघा की मौत हुई थी। इसी तरह रोहिणी के पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उसके शरीर पर 16 चोटें थीं। हाथ, पैर और पेट पर 10 जगह अंदरूनी घाव थे। ज्यादा खून बहने के कारण मौत हुई थी। चोट तेज धारदार और नुकीले हथियार से पहुंचाई गई थी। पोस्टमॉर्टम के दौरान अश्लेषा के हाथ, गर्दन, कमर के नीचे, पेट, पैर आदि जगह 23 कटे घाव पाए गए। इस तरह खुलासा हुआ कि मेघा को सिर में गोली मारी गई थी जबकि अश्लेषा और रोहिणी की धारदार हथियार से हत्या की गई थी। संदिग्ध लड़के-लड़कियों का पता चला अखबारों में तिहरे हत्याकांड की खबर पढ़ने के बाद दिलीप सेन नाम का व्यक्ति पुलिस के पास पहुंचा। उसने बताया कि वो 19 जून को श्रीनगर मेन स्थित मकान को किराए पर दिलाने के लिए किसी से मिलने गया था। शाम के लगभग 5 या सवा 5 बजे थे, उसने देखा कि बीच सड़क पर एक व्यक्ति बाइक स्टार्ट कर रहा है। उसके बाएं हाथ की कोहनी से खून बह रहा था। उसी समय एक लड़का आया और उसकी गाड़ी पर बैठ गया। उस लड़के की एड़ी से खून निकल रहा था। तभी एक 22-23 साल की लड़की आई, उसने जींस पहन रखी थी। जिस लड़के की एड़ी से खून निकल रहा था, उसकी उम्र 25-26 साल की होगी। उस लड़की ने दोनों लड़कों से कहा- युवक को गोली मारने की सूचना मिली इस बीच, इंदौर के अन्नपूर्णा थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) आरएस मकवाना को 19 जून को रात करीब 10 या सवा 10 बजे के आसपास ऑटो रिक्शा में बैठे एक व्यक्ति ने बताया कि उसे अज्ञात व्यक्ति ने जान से मारने की कोशिश की है। उसके पैर में गोली मार दी है और वो जिला अस्पताल जा रहा है। इस पर मकवाना जिला अस्पताल पहुंचे। वहां राहुल उर्फ गोविंद पिता चुन्नीलाल चौधरी (29) मिला। उसके पैर से गोली निकाली गई। उसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया। एटीएम के बाहर संदिग्ध स्थिति में मिली युवती पुलिस को ये दो सुराग मिले थ

बैंक मैनेजर की पत्नी-बेटी और सास की हत्या:15 दिन पहले किराए पर आई फैमिली, बेटी की परीक्षा खत्म होने के दूसरे दिन खूनी खेल
मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में आज बात 14 साल पुराने ट्रिपल मर्डर की। इंदौर की पॉश कॉलोनियों में से एक श्रीनगर मेन के एक मकान में 23 साल की युवती, उसकी मां और नानी की खून से सनी लाशें मिली थीं। पुलिस की जांच में सामने आया कि तीनों की बेरहमी से हत्या की गई थी। तलाशी में पुलिस को पता चला था कि घर से सोने के गहने और कीमती सामान चोरी हुआ था। पुलिस के सामने कई सवाल थे। क्या तीनों महिलाओं की हत्या केवल चोरी के लिए की गई थी? क्या हत्यारा पहले से महिलाओं को जानता था? बदमाश चोरी की नीयत से घर में दाखिल हुए थे तो हत्या की नौबत कैसे आ गई? इन सवालों का जवाब तलाशने में पुलिस जुटी थी। हत्या के तीन दिन बाद एक कॉन्स्टेबल की तेज निगाहों ने पुलिस को सुराग दिया और जब पूरे मामले का खुलासा हुआ तो सभी हैरान रह गए। दरवाजे पर खून के धब्बे, कुंडी बाहर से लगी 19 जून 2011। इंदौर की पॉश कॉलोनी श्रीनगर मेन में रहने वाले विशाल पाण्डेय अपने घर में थे और टीवी देख रहे थे। ये रविवार का दिन था। दोपहर को करीब 3 बजे के बाद वह सोने चले गए। शाम करीब 6 बजे दरवाजे की घंटी बजी। विशाल ने गेट खोला तो सामने किराएदार दीप्ति कपिल खड़ी थी। उसने बताया कि कुछ अजीब सा लग रहा है। ऊपर के फ्लोर पर रहने वाली किराएदार अश्लेषा के कमरे के दरवाजे की कुंडी बाहर से लगी है। दरवाजे पर खून के धब्बे दिखाई दे रहे हैं। विशाल ने ऊपर जाकर देखा तो अश्लेषा के कमरे की कुंडी बाहर से लगी थी। आवाज लगाई, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। पास की खिड़की से झांक कर देखा तो कुछ भी नहीं दिखा। किसी अनहोनी के डर से विशाल ने डरते-डरते दरवाजा खोला। दरवाजा खोलते ही अंदर का नजारा देखकर विशाल के होश उड़ गए। 15 दिन पहले ही किराए पर मकान लिया था विशाल पाण्डेय ने पुलिस को बताया कि वो मकान मालिक है। एक निजी बैंक में लीगल एडवाइजर है। श्रीनगर मेन में उसका दो मंजिला मकान है। जिसके ग्राउंड फ्लोर पर वो, पत्नी और बेटी साथ रहते हैं। पहली मंजिल पर दो किराएदार हैं। एक हिस्से में निरंजय देशपांडे का परिवार रहता है। दूसरे हिस्से में दीप्ति कपिल और उसका भाई शानू कपिल रहता है। निरंजय देशपांडे के परिवार में उसकी पत्नी मेघा (47) और बेटी अश्लेषा (23) हैं। विशाल ने घटना से लगभग 15 दिन पहले ही देशपांडे परिवार को किराए पर मकान दिया था। पुलिस ने निरंजय देशपांडे के बारे में पूछा तो विशाल ने बताया कि वह उज्जैन में बैंक मैनेजर है। उसकी पत्नी मेघा एक कंपनी में काम करती थी जबकि बेटी अश्लेषा इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रही थी। विशाल ने ये भी बताया कि 18 जून को अश्लेषा की परीक्षा खत्म हुई थी। निरंजय का परिवार 19 जून को ही इंदौर से उज्जैन जाने वाला था। 16 जून को मेघा का बर्थडे था। उसे सेलिब्रेट करने निरंजय की सास और मेघा की मां भी आई हुई थी। पुलिस ने विशाल को निरंजय देशपांडे को कॉल करने के लिए कहा। विशाल ने कॉल किया और बताया कि जल्द घर आओ। निरंजय कुछ देर बार उज्जैन से इंदौर पहुंचा। मां को गोली मारी, बेटी और नानी को चाकू से गोदा हत्याकांड की सूचना पर फॉरेंसिक साइंस लैब के अफसर डॉ. सुधीर शर्मा अपने साथ फोटोग्राफर सत्यनारायण पटेल, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट केके द्विवेदी को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे। टीम ने बारीकी से मौके का निरीक्षण किया। फर्श पर पाए गए जूतों के निशान के फोटो लिए गए। फिंगर प्रिंट लिए गए। मौके पर एक कारतूस और खोखे मिले। दो गोलियां चलाई गई थीं। मेघा की गोली मारकर हत्या की गई थी। इससे साफ हो गया था कि एक गोली कहां चली है लेकिन दूसरी गोली के बारे में पुलिस को सुराग नहीं मिला। अश्लेषा और रोहिणी को चाकुओं से गोदा गया था। नानी के शरीर पर 16, अश्लेषा के शरीर पर 23 घाव अगले दिन 20 जून को डॉ. पीएस ठाकुर ने डॉ. प्रशांत राजपूत और डॉ. एन फणसे के साथ मिलकर मेघा देशपांडे का पोस्टमॉर्टम शुरू किया। पीएम में पाया कि सिर की हड्‌डी टूट चुकी थी। गोली सिर से बाहर निकलकर खोपड़ी के आधार तल में पिछले भाग से रिकवर की गई थी। नाभी के पास नुकीले हथियार के 4 अंदरूनी घाव थे। ज्यादा खून बह जाने के कारण मेघा की मौत हुई थी। इसी तरह रोहिणी के पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उसके शरीर पर 16 चोटें थीं। हाथ, पैर और पेट पर 10 जगह अंदरूनी घाव थे। ज्यादा खून बहने के कारण मौत हुई थी। चोट तेज धारदार और नुकीले हथियार से पहुंचाई गई थी। पोस्टमॉर्टम के दौरान अश्लेषा के हाथ, गर्दन, कमर के नीचे, पेट, पैर आदि जगह 23 कटे घाव पाए गए। इस तरह खुलासा हुआ कि मेघा को सिर में गोली मारी गई थी जबकि अश्लेषा और रोहिणी की धारदार हथियार से हत्या की गई थी। संदिग्ध लड़के-लड़कियों का पता चला अखबारों में तिहरे हत्याकांड की खबर पढ़ने के बाद दिलीप सेन नाम का व्यक्ति पुलिस के पास पहुंचा। उसने बताया कि वो 19 जून को श्रीनगर मेन स्थित मकान को किराए पर दिलाने के लिए किसी से मिलने गया था। शाम के लगभग 5 या सवा 5 बजे थे, उसने देखा कि बीच सड़क पर एक व्यक्ति बाइक स्टार्ट कर रहा है। उसके बाएं हाथ की कोहनी से खून बह रहा था। उसी समय एक लड़का आया और उसकी गाड़ी पर बैठ गया। उस लड़के की एड़ी से खून निकल रहा था। तभी एक 22-23 साल की लड़की आई, उसने जींस पहन रखी थी। जिस लड़के की एड़ी से खून निकल रहा था, उसकी उम्र 25-26 साल की होगी। उस लड़की ने दोनों लड़कों से कहा- युवक को गोली मारने की सूचना मिली इस बीच, इंदौर के अन्नपूर्णा थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) आरएस मकवाना को 19 जून को रात करीब 10 या सवा 10 बजे के आसपास ऑटो रिक्शा में बैठे एक व्यक्ति ने बताया कि उसे अज्ञात व्यक्ति ने जान से मारने की कोशिश की है। उसके पैर में गोली मार दी है और वो जिला अस्पताल जा रहा है। इस पर मकवाना जिला अस्पताल पहुंचे। वहां राहुल उर्फ गोविंद पिता चुन्नीलाल चौधरी (29) मिला। उसके पैर से गोली निकाली गई। उसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया। एटीएम के बाहर संदिग्ध स्थिति में मिली युवती पुलिस को ये दो सुराग मिले थे। मगर, ये कोई ठोस सुराग नहीं थे। इस बीच, 22 जून 2011 को सुबह 6 बजे क्राइम ब्रांच के आरक्षक विजय सिंह ने थाना एमआईजी जाकर वाईआर गायकवाड़ को सूचना दी थी कि एक लड़की एलआईजी तिराहे पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एटीएम मशीन के पास संदिग्ध हालत में है। लगता है कि कोई क्राइम करने के मकसद से काफी समय से खड़ी है। इस पर वाईआर गायकवाड़, प्रधान आरक्षक मुलायम सिंह, आरक्षक विजय सिंह, आरक्षक देवेंद्र और महिला आरक्षक बन्नो सोलंकी को लेकर एलआईजी चौराहे के पास पहुंचे। वहां एटीएम के बाहर संदिग्ध हालत में एक लड़की दिखी। महिला आरक्षक बन्नो सोलंकी ने उसकी तलाशी ली। उसकी जींस के दाहिने जेब से बैंक ऑफ इंडिया का एक एटीएम कार्ड मिला। एटीएम पर इंग्लिश में लिखा हुआ था- अश्लेषा देशपांडे। अब पुलिस इन्वेस्टिगेशन के ये पॉइंट अहम थे... पार्ट-2 में जानिए, इन सभी सवालों के जवाब क्राइम फाइल्स सीरीज की ये खबरें भी पढे़ं... चर्चित संत भय्यूजी महाराज पहली पत्नी की मौत के बाद अकेलापन महसूस करने लगे थे। इस बीच एक शिष्या उनके नजदीक आई लेकिन उन्होंने एक अन्य युवती से दूसरी शादी कर ली। महाराज की बेटी को उनकी ये शादी 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