बड़वानी में 24 घंटे में 1.33 इंच बारिश दर्ज:नार्थ एवेन्यू के सामने से अंजड़ नाका तक का कच्चा वैकल्पिक मार्ग कीचड़ में तब्दील

बड़वानी में तीन-चार दिन के अंतराल के बाद शनिवार को फिर बारिश शुरू हो गई। सुबह से शाम तक रुक-रुककर हल्की बारिश होती रही। कृषि विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस दौरान अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश से सड़कें गीली हो गईं और गड्ढों में कीचड़ जमा हो गया। इससे वाहन चालकों को फिसलन की समस्या का सामना करना पड़ा। सुबह उमस थी, लेकिन दोपहर में बारिश शुरू होते ही राहत मिली। सेंधवा में 0.56 इंच बारिश दर्ज पिछले 24 घंटों में जिले में औसतन 33.7 मिमी (1.33 इंच) बारिश दर्ज की गई। सेंधवा में सबसे अधिक 14.3 मिमी (0.56 इंच) बारिश हुई। बारिश के कारण नार्थ एवेन्यू के सामने से अंजड़ नाका तक का कच्चा वैकल्पिक मार्ग कीचड़ से भर गया। अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या मौसम बदलने से बुखार, सिरदर्द और उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ गई है। वातावरण में नमी आने से लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली है। इससे घरों और दुकानों में कूलर-पंखों का इस्तेमाल कम हो गया है। लोग बारिश से बचाव के लिए छाते और रेनकोट खरीदने लगे हैं।

बड़वानी में 24 घंटे में 1.33 इंच बारिश दर्ज:नार्थ एवेन्यू के सामने से अंजड़ नाका तक का कच्चा वैकल्पिक मार्ग कीचड़ में तब्दील
बड़वानी में तीन-चार दिन के अंतराल के बाद शनिवार को फिर बारिश शुरू हो गई। सुबह से शाम तक रुक-रुककर हल्की बारिश होती रही। कृषि विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस दौरान अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश से सड़कें गीली हो गईं और गड्ढों में कीचड़ जमा हो गया। इससे वाहन चालकों को फिसलन की समस्या का सामना करना पड़ा। सुबह उमस थी, लेकिन दोपहर में बारिश शुरू होते ही राहत मिली। सेंधवा में 0.56 इंच बारिश दर्ज पिछले 24 घंटों में जिले में औसतन 33.7 मिमी (1.33 इंच) बारिश दर्ज की गई। सेंधवा में सबसे अधिक 14.3 मिमी (0.56 इंच) बारिश हुई। बारिश के कारण नार्थ एवेन्यू के सामने से अंजड़ नाका तक का कच्चा वैकल्पिक मार्ग कीचड़ से भर गया। अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या मौसम बदलने से बुखार, सिरदर्द और उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ गई है। वातावरण में नमी आने से लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली है। इससे घरों और दुकानों में कूलर-पंखों का इस्तेमाल कम हो गया है। लोग बारिश से बचाव के लिए छाते और रेनकोट खरीदने लगे हैं।