रायसेन के दो गांवों में पानी की गंभीर किल्लत:बम्होरी में आंदोलन के 11वें दिन भी पीएचई विभाग नहीं कर पाया व्यवस्था
रायसेन के दो गांवों में पानी की गंभीर किल्लत:बम्होरी में आंदोलन के 11वें दिन भी पीएचई विभाग नहीं कर पाया व्यवस्था
रायसेन जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर बम्होरी गांव में पानी की किल्लत हो गई है। ग्रामीणों के 11 दिन के चक्का जाम के बावजूद पीएचई विभाग समस्या का समाधान नहीं कर पाया है। मंगलवार को ग्रामीण कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा के जनता दरबार में पहुंचे। उन्होंने बताया कि पीएचई विभाग निजी जमीन पर बोर करने की कोशिश कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बोर सरकारी जमीन पर होना चाहिए। उनका मानना है कि निजी जमीन पर बोर करने से भविष्य में जमीन मालिक कब्जा कर सकते हैं। 'जहां पानी मिलने की संभावना, वहां बोर नहीं करने दे रहे'
कलेक्टर ने पीएचई अधिकारी एसके मालवीय और सहायक यंत्री गिरीश कांबले को तत्काल बुलाकर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। अधिकारियों का कहना है कि सर्वे के अनुसार जहां पानी मिलने की संभावना है, वहां ग्रामीण बोर नहीं करने दे रहे हैं। इसी बीच ग्राम पंचायत ईटखेड़ी के कोड़डी गांव की महिलाएं भी जनसुनवाई में पहुंचीं। उन्होंने बताया कि पिछले 4 महीने से गांव में नल-जल योजना बंद है। केवल बारिश के मौसम में हैंडपंप से पानी आता है। वर्तमान में सभी हैंडपंप सूख चुके हैं। ग्रामीणों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है।
रायसेन जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर बम्होरी गांव में पानी की किल्लत हो गई है। ग्रामीणों के 11 दिन के चक्का जाम के बावजूद पीएचई विभाग समस्या का समाधान नहीं कर पाया है। मंगलवार को ग्रामीण कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा के जनता दरबार में पहुंचे। उन्होंने बताया कि पीएचई विभाग निजी जमीन पर बोर करने की कोशिश कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बोर सरकारी जमीन पर होना चाहिए। उनका मानना है कि निजी जमीन पर बोर करने से भविष्य में जमीन मालिक कब्जा कर सकते हैं। 'जहां पानी मिलने की संभावना, वहां बोर नहीं करने दे रहे'
कलेक्टर ने पीएचई अधिकारी एसके मालवीय और सहायक यंत्री गिरीश कांबले को तत्काल बुलाकर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। अधिकारियों का कहना है कि सर्वे के अनुसार जहां पानी मिलने की संभावना है, वहां ग्रामीण बोर नहीं करने दे रहे हैं। इसी बीच ग्राम पंचायत ईटखेड़ी के कोड़डी गांव की महिलाएं भी जनसुनवाई में पहुंचीं। उन्होंने बताया कि पिछले 4 महीने से गांव में नल-जल योजना बंद है। केवल बारिश के मौसम में हैंडपंप से पानी आता है। वर्तमान में सभी हैंडपंप सूख चुके हैं। ग्रामीणों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ रहा है।