5 दिवसीय ग्यारह दीप पर्व शुरू:कल दीप पर्व पर 11 हजार दीयों से रोशन होगा कुबेरेश्वरधाम
5 दिवसीय ग्यारह दीप पर्व शुरू:कल दीप पर्व पर 11 हजार दीयों से रोशन होगा कुबेरेश्वरधाम
सीहोर में हर साल की तरह इस साल भी जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर व कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। 11 हजार से अधिक दीपक से मंदिर परिसर को रोशन किया जाएगा। मंदिर परिसर में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में विठलेश सेवा समिति और श्रद्धालुओं के द्वारा तैयारियां की जा रही है। मंदिर परिसर में पांच दिवसीय दीप पर्व को लेकर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे है। मंगलवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। जिनकों समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला सहित अन्य ने भोजन प्रसादी का वितरण किया। कार्तिक माह में मंदिर परिसर में तांता लगा रहता है। विठलेश सेवा समिति ने बताया कि मिट्टी की कला और उससे बनाए जाने वाले दिये को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल गुरुदेव के निर्देश पर हजारों की संख्या में दीप पर्व पर श्रद्धालु आते हैं और दीप प्रज्वलित करते हैं। इस साल भी पांच दिवसीय पर्व रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजन और भाई-दूज का आयोजन मंदिर में विशेष पूजा-पाठ से किया जाएगा। इसके अलावा भी यहां पर आगामी दिनों में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी भोजनशाला मंदिर परिसर में चलाई जा रही है। जिसमें यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क रूप से भोजन का वितरण किया जाता है। आगामी दिनों में अन्नकूट महोत्सव होगा
पंडित मिश्रा ने अपने संदेश में कहा कि अन्नकुट महोत्सव सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। भगवान श्रीकृष्ण को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि अन्नकूट भी गोवर्धन पूजा का समारोह है। 56 प्रकार के मिष्ठान पकवान का भोग अर्पित किया जाता है, इससे ही विभिन्न आकृतियां उकेरकर झांकी सजाई जाती है, इसलिए इसे अन्नकूट महोत्सव कहते हैं। अन्नकूट प्रसादी का बड़ा महत्व होता है, क्योंकि इसमें कई प्रकार की सब्जियां अन्य प्रकार के भोग बनाए जाते हैं। उस प्रसाद का स्वाद ही अलग होता है।
11 लगने आ रहे श्रद्धालु प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि कुबेर भंडारी की पवित्र भूमि कुबरेश्वर धाम सीहोर में दीपावली महापर्व प्रारंभ हुआ है। दीपावली के पावन अवसर पर शिव भक्तों का ग्यारह दीप पर्व धनतेरस से प्रारम्भ हो गया। यह पर्व एक नवम्बर खजाना वितरण के बाद विराम होता है। हजारों शिव भक्त कुबेर भंडारी के 11 दीप लगाने कुबेरश्वर धाम आते हैं।
सीहोर में हर साल की तरह इस साल भी जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर व कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। 11 हजार से अधिक दीपक से मंदिर परिसर को रोशन किया जाएगा। मंदिर परिसर में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में विठलेश सेवा समिति और श्रद्धालुओं के द्वारा तैयारियां की जा रही है। मंदिर परिसर में पांच दिवसीय दीप पर्व को लेकर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे है। मंगलवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। जिनकों समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला सहित अन्य ने भोजन प्रसादी का वितरण किया। कार्तिक माह में मंदिर परिसर में तांता लगा रहता है। विठलेश सेवा समिति ने बताया कि मिट्टी की कला और उससे बनाए जाने वाले दिये को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल गुरुदेव के निर्देश पर हजारों की संख्या में दीप पर्व पर श्रद्धालु आते हैं और दीप प्रज्वलित करते हैं। इस साल भी पांच दिवसीय पर्व रूप चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजन और भाई-दूज का आयोजन मंदिर में विशेष पूजा-पाठ से किया जाएगा। इसके अलावा भी यहां पर आगामी दिनों में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। दुनिया की सबसे बड़ी भोजनशाला मंदिर परिसर में चलाई जा रही है। जिसमें यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क रूप से भोजन का वितरण किया जाता है। आगामी दिनों में अन्नकूट महोत्सव होगा
पंडित मिश्रा ने अपने संदेश में कहा कि अन्नकुट महोत्सव सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। भगवान श्रीकृष्ण को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि अन्नकूट भी गोवर्धन पूजा का समारोह है। 56 प्रकार के मिष्ठान पकवान का भोग अर्पित किया जाता है, इससे ही विभिन्न आकृतियां उकेरकर झांकी सजाई जाती है, इसलिए इसे अन्नकूट महोत्सव कहते हैं। अन्नकूट प्रसादी का बड़ा महत्व होता है, क्योंकि इसमें कई प्रकार की सब्जियां अन्य प्रकार के भोग बनाए जाते हैं। उस प्रसाद का स्वाद ही अलग होता है।
11 लगने आ रहे श्रद्धालु प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि कुबेर भंडारी की पवित्र भूमि कुबरेश्वर धाम सीहोर में दीपावली महापर्व प्रारंभ हुआ है। दीपावली के पावन अवसर पर शिव भक्तों का ग्यारह दीप पर्व धनतेरस से प्रारम्भ हो गया। यह पर्व एक नवम्बर खजाना वितरण के बाद विराम होता है। हजारों शिव भक्त कुबेर भंडारी के 11 दीप लगाने कुबेरश्वर धाम आते हैं।