आदिवासी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव:बुरहानपुर के मांडवा में स्कूल-आंगनवाड़ी नहीं, बच्चों को 6 किमी दूर जाना पड़ता है
आदिवासी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव:बुरहानपुर के मांडवा में स्कूल-आंगनवाड़ी नहीं, बच्चों को 6 किमी दूर जाना पड़ता है
नेपानगर ब्लॉक के मांडवा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी के चलते ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। गुरुवार को जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के नेतृत्व में 40 से अधिक ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया और संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने क्षेत्र की लगभग 2000 की आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप लगाया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जगदीश कनासे ने बताया कि जामुननाला और रामा पटेल फालिया में आंगनवाड़ी और स्कूल जैसी प्राथमिक शिक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि बोमल्या पाट में आंगनवाड़ी भवन का निर्माण पिछले चार सालों से अधूरा पड़ा है, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। बच्चों को शिक्षा के लिए नदी-नाले और कच्चे रास्तों से होकर मांडवा जाना पड़ता है। रास्ते में रेलवे लाइन से गुजरना पड़ता है। यह बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है। बारिश के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है। मांडवा के स्कूलों में चार अतिरिक्त भवनों का निर्माण अधूरा है। सागफाटा स्थित माध्यमिक स्कूल की छत और दीवारें क्षतिग्रस्त हैं। बोमल्यापाट के उप स्वास्थ्य केंद्र में बिजली और पानी की सुविधा नहीं है। वन क्षेत्र में होने के कारण अधिकारी जन्म प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते। स्थानीय लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। संगठन ने इन सभी समस्याओं के समाधान की मांग की है।
नेपानगर ब्लॉक के मांडवा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी के चलते ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। गुरुवार को जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के नेतृत्व में 40 से अधिक ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया और संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने क्षेत्र की लगभग 2000 की आबादी को शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और आवास जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप लगाया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जगदीश कनासे ने बताया कि जामुननाला और रामा पटेल फालिया में आंगनवाड़ी और स्कूल जैसी प्राथमिक शिक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि बोमल्या पाट में आंगनवाड़ी भवन का निर्माण पिछले चार सालों से अधूरा पड़ा है, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। बच्चों को शिक्षा के लिए नदी-नाले और कच्चे रास्तों से होकर मांडवा जाना पड़ता है। रास्ते में रेलवे लाइन से गुजरना पड़ता है। यह बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है। बारिश के मौसम में यह समस्या और बढ़ जाती है। मांडवा के स्कूलों में चार अतिरिक्त भवनों का निर्माण अधूरा है। सागफाटा स्थित माध्यमिक स्कूल की छत और दीवारें क्षतिग्रस्त हैं। बोमल्यापाट के उप स्वास्थ्य केंद्र में बिजली और पानी की सुविधा नहीं है। वन क्षेत्र में होने के कारण अधिकारी जन्म प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते। स्थानीय लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा है। संगठन ने इन सभी समस्याओं के समाधान की मांग की है।