एमपी यंग साइंटिस्ट कॉन्फ्रेंस में SGSITS इंदौर का उत्कृष्ट प्रदर्शन:सिविल इंजीनियरिंग के तीन एमटेक छात्रों को मिली प्रतिष्ठित फेलोशिप

विक्रम विश्वविद्यालय में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित 40वें एमपी यंग साइंटिस्ट कॉन्फ्रेंस में एसजीएसआईटीएस के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के आशीष राठौर, प्राची तिवारी और प्रियम चौहान को यंग साइंटिस्ट प्रशिक्षण के लिए प्रतिष्ठित फेलोशिप से नवाजा गया। सहायक प्रोफेसर इंजी. विवेक तिवारी के मार्गदर्शन में इन छात्रों ने अपने शोध कार्य से सभी का ध्यान आकर्षित किया। आशीष राठौर 2024 बैच से हैं, जबकि प्राची तिवारी 2025 बैच की छात्रा हैं। प्रियम चौहान एमटेक शोधार्थी हैं। संस्थान के निदेशक प्रो. नीतेश पुरोहित ने छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के शोधकर्ताओं को प्रेरित करेगी। सीईएएमडी प्रमुख प्रो. एस. एम. नरुलकर ने कहा कि सिविल विभाग के सभी लोग इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। यह सफलता एसजीएसआईटीएस की शैक्षणिक उत्कृष्टता और अनुसंधान में नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। छात्रों की यह उपलब्धि उनके कठोर परिश्रम और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का परिणाम है।

एमपी यंग साइंटिस्ट कॉन्फ्रेंस में SGSITS इंदौर का उत्कृष्ट प्रदर्शन:सिविल इंजीनियरिंग के तीन एमटेक छात्रों को मिली प्रतिष्ठित फेलोशिप
विक्रम विश्वविद्यालय में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित 40वें एमपी यंग साइंटिस्ट कॉन्फ्रेंस में एसजीएसआईटीएस के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के आशीष राठौर, प्राची तिवारी और प्रियम चौहान को यंग साइंटिस्ट प्रशिक्षण के लिए प्रतिष्ठित फेलोशिप से नवाजा गया। सहायक प्रोफेसर इंजी. विवेक तिवारी के मार्गदर्शन में इन छात्रों ने अपने शोध कार्य से सभी का ध्यान आकर्षित किया। आशीष राठौर 2024 बैच से हैं, जबकि प्राची तिवारी 2025 बैच की छात्रा हैं। प्रियम चौहान एमटेक शोधार्थी हैं। संस्थान के निदेशक प्रो. नीतेश पुरोहित ने छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के शोधकर्ताओं को प्रेरित करेगी। सीईएएमडी प्रमुख प्रो. एस. एम. नरुलकर ने कहा कि सिविल विभाग के सभी लोग इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। यह सफलता एसजीएसआईटीएस की शैक्षणिक उत्कृष्टता और अनुसंधान में नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। छात्रों की यह उपलब्धि उनके कठोर परिश्रम और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का परिणाम है।