भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ:6 देशों के 700 से अधिक बाल वैज्ञानिक होंगे शामिल; मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन
भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ:6 देशों के 700 से अधिक बाल वैज्ञानिक होंगे शामिल; मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज सुबह 11:30 बजे भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ करेंगे। यह 4 दिवसीय आयोजन 3 से 6 जनवरी तक चलेगा, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से 700 से अधिक बाल वैज्ञानिक, शिक्षक और मेंटर्स भाग लेंगे। इसके अलावा, ग़ल्फ़ देशों जैसे बहरीन, UAE, कुवैत, ओमान और सऊदी अरब से भी बाल वैज्ञानिक अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इस वर्ष का मुख्य विषय "स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना" है। यह कार्यक्रम बच्चों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और उन्हें समाज की समस्याओं के समाधान में नवाचार का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा। कार्यक्रम के दौरान चंद्रयान मिशन, रोबोटिक्स, हाईड्रोपोनिक्स, वॉटर रॉकेटरी, पर्यावरण पर आधारित प्रदर्शनी और लोक गीत जैसे कई आकर्षक आयोजन होंगे। प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. चेतन सोलंकी, डॉ. नंद कुमार और डॉ. चैतन्य पूरी बच्चों के साथ संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का भी उद्घाटन करेंगे, जिससे लोग घर बैठे खगोलीय अध्ययन कर सकेंगे। यह पहल मध्यप्रदेश को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगी। बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा और खोज की भावना को बढ़ावा देती है और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित करती है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (NCSC) की शुरुआत 1993 में हुई थी और यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत संचालित एक मंच है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज सुबह 11:30 बजे भोपाल में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ करेंगे। यह 4 दिवसीय आयोजन 3 से 6 जनवरी तक चलेगा, जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों से 700 से अधिक बाल वैज्ञानिक, शिक्षक और मेंटर्स भाग लेंगे। इसके अलावा, ग़ल्फ़ देशों जैसे बहरीन, UAE, कुवैत, ओमान और सऊदी अरब से भी बाल वैज्ञानिक अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इस वर्ष का मुख्य विषय "स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना" है। यह कार्यक्रम बच्चों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और उन्हें समाज की समस्याओं के समाधान में नवाचार का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा। कार्यक्रम के दौरान चंद्रयान मिशन, रोबोटिक्स, हाईड्रोपोनिक्स, वॉटर रॉकेटरी, पर्यावरण पर आधारित प्रदर्शनी और लोक गीत जैसे कई आकर्षक आयोजन होंगे। प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. चेतन सोलंकी, डॉ. नंद कुमार और डॉ. चैतन्य पूरी बच्चों के साथ संवाद करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला के ऑटोमेशन का भी उद्घाटन करेंगे, जिससे लोग घर बैठे खगोलीय अध्ययन कर सकेंगे। यह पहल मध्यप्रदेश को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगी। बाल विज्ञान कांग्रेस बच्चों में जिज्ञासा और खोज की भावना को बढ़ावा देती है और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित करती है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (NCSC) की शुरुआत 1993 में हुई थी और यह भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत संचालित एक मंच है।