बोल सुन नहीं सकती, लेकिन रेपिस्ट को पहुंचाया जेल:इंदौर में मूक-बधिर ने इशारों में पुलिस को बताई आपबीती, घटनास्थल पर भी ले गई

इंदौर में शुक्रवार को 19 वर्षीय युवती से रेप का मामला सामने आया है। एक युवक ने उसे अगवा किया और शहर से बाहर स्थित मकान में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपी सोनू राठौर (35) के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म सहित अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। घटनाक्रम के बाद थाने पहुंची युवती मूक बधिर होने की वजह से पुलिस को कुछ भी समझा नहीं पा रही थी। ऐसे में पुलिस ने साइन लैंग्वेज दंपती ज्ञानेंद्र और मोनिका पुरोहित की मदद ली। दंपती ने करीब 4 घंटे तक हावभाव और इशारों को समझकर उसके साथ हुई गलत हरकत और पीड़ा को जाना। फिर पूरी घटना की कड़ी मिलाई। पीड़िता के बताए संकेतों से पुलिस टीम उसे 15 किमी दूर स्थित घटना स्थल लेकर पहुंची। वहां उसने घूम-घूमकर वह स्थान बताया जहां उसके साथ गलत काम किया गया था। इस दौरान आरोपी वहीं मिल गया। उसे देखते ही पीड़िता ने पहचान लिया और रोते हुए उसकी तरफ इशारा किया। दरअसल, 4 अप्रैल की सुबह युवती गायब हो गई थी। काफी तलाशने के बाद उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। रात को बदहवासी की हालत में वह घर लौटी और फूट-फूटकर रोने लगी। इसके बाद परिजन उसे लेकर रिपोर्ट लिखाने एमआईजी थाना पहुंचे। वह इशारों में जो कुछ बता रही थी उसे पुलिस के लिए समझना काफी मुश्किल था। ऐसे में पुलिस ने साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट पुरोहित दंपती की मदद से पूरा घटनाक्रम जाना और आरोपी को पकड़ने की तैयारी की। पढ़िए यह रिपोर्ट… पॉइंट्स में समझिए कितना चुनौतीपूर्ण था पीड़िता के इशारों को समझना? तत्काल वर्क आउट करने से साक्ष्य मजबूत केस में खास यह रहा कि तत्काल वर्क आउट किया गया। एक्सपर्ट पुरोहित दंपती के मुताबिक पीड़िता से घटनाक्रम जानने के बाद जो वर्क आउट किया गया, उससे जल्दी सफलता मिली। ऐसे में एविडेंस जल्द मिल जाते हैं। इस केस में घटनास्थल का पता भी जल्द चल गया और आरोपी भी पकड़ा गया। तत्काल वर्क आउट इस केस का ट्रिगर पॉइंट रहा। दरअसल, मूक बधिरों के साथ हुई घटनाओं के दौरान तुरंत उनकी याददाश्त अच्छी रहती है। देर से वर्क आउट करने में काफी मुश्किल होती है। अब BERA टेस्ट और नई धाराओं का शिकंजा दिव्यांग अधिकार अधिनियम की धाराओं में नए संशोधन के बाद नई धाराएं भी लगने का प्रावधान है। इसके लिए मूक बधिरों का BERA (Brainstem Evoked Response Audiometry) टेस्ट किया जाता है। यह एक अहम उपकरण है, जो मस्तिष्क की ध्वनि की प्रतिक्रिया को मापता है। इसका प्रमाणपत्र मिलने के बाद ये नई धाराएं लगाई जाती हैं। इस मामले में अब पीड़िता का BERA टेस्ट होगा। इसके पहले रविवार को उसका मेडिकल किया गया। सोमवार को कोर्ट में उसके धारा 164 में बयान भी दर्ज किए जाएंगे, जो काफी अहम रहेंगे। दिव्यांग अधिकार अधिनियम की ये धाराएं भी यह खबर भी पढ़ें... इंदौर में मूक-बधिर से रेप, बंधक बनाकर रखा इंदौर में मूक-बधिर युवती (उम्र 19 वर्ष) के साथ रेप करने का मामला सामने आया है। आरोपी ने पहले रेकी की। फिर मौका पाकर युवती को शहर से दूर गोम्मटगिरी स्थित एक निर्माणाधीन मकान में ले गया। यहां उसके साथ रेप किया, फिर पूरे दिन बिना खाना दिए बंधक बनाकर रखा। पूरी खबर पढ़ें...

बोल सुन नहीं सकती, लेकिन रेपिस्ट को पहुंचाया जेल:इंदौर में मूक-बधिर ने इशारों में पुलिस को बताई आपबीती, घटनास्थल पर भी ले गई
इंदौर में शुक्रवार को 19 वर्षीय युवती से रेप का मामला सामने आया है। एक युवक ने उसे अगवा किया और शहर से बाहर स्थित मकान में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपी सोनू राठौर (35) के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म सहित अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। घटनाक्रम के बाद थाने पहुंची युवती मूक बधिर होने की वजह से पुलिस को कुछ भी समझा नहीं पा रही थी। ऐसे में पुलिस ने साइन लैंग्वेज दंपती ज्ञानेंद्र और मोनिका पुरोहित की मदद ली। दंपती ने करीब 4 घंटे तक हावभाव और इशारों को समझकर उसके साथ हुई गलत हरकत और पीड़ा को जाना। फिर पूरी घटना की कड़ी मिलाई। पीड़िता के बताए संकेतों से पुलिस टीम उसे 15 किमी दूर स्थित घटना स्थल लेकर पहुंची। वहां उसने घूम-घूमकर वह स्थान बताया जहां उसके साथ गलत काम किया गया था। इस दौरान आरोपी वहीं मिल गया। उसे देखते ही पीड़िता ने पहचान लिया और रोते हुए उसकी तरफ इशारा किया। दरअसल, 4 अप्रैल की सुबह युवती गायब हो गई थी। काफी तलाशने के बाद उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। रात को बदहवासी की हालत में वह घर लौटी और फूट-फूटकर रोने लगी। इसके बाद परिजन उसे लेकर रिपोर्ट लिखाने एमआईजी थाना पहुंचे। वह इशारों में जो कुछ बता रही थी उसे पुलिस के लिए समझना काफी मुश्किल था। ऐसे में पुलिस ने साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट पुरोहित दंपती की मदद से पूरा घटनाक्रम जाना और आरोपी को पकड़ने की तैयारी की। पढ़िए यह रिपोर्ट… पॉइंट्स में समझिए कितना चुनौतीपूर्ण था पीड़िता के इशारों को समझना? तत्काल वर्क आउट करने से साक्ष्य मजबूत केस में खास यह रहा कि तत्काल वर्क आउट किया गया। एक्सपर्ट पुरोहित दंपती के मुताबिक पीड़िता से घटनाक्रम जानने के बाद जो वर्क आउट किया गया, उससे जल्दी सफलता मिली। ऐसे में एविडेंस जल्द मिल जाते हैं। इस केस में घटनास्थल का पता भी जल्द चल गया और आरोपी भी पकड़ा गया। तत्काल वर्क आउट इस केस का ट्रिगर पॉइंट रहा। दरअसल, मूक बधिरों के साथ हुई घटनाओं के दौरान तुरंत उनकी याददाश्त अच्छी रहती है। देर से वर्क आउट करने में काफी मुश्किल होती है। अब BERA टेस्ट और नई धाराओं का शिकंजा दिव्यांग अधिकार अधिनियम की धाराओं में नए संशोधन के बाद नई धाराएं भी लगने का प्रावधान है। इसके लिए मूक बधिरों का BERA (Brainstem Evoked Response Audiometry) टेस्ट किया जाता है। यह एक अहम उपकरण है, जो मस्तिष्क की ध्वनि की प्रतिक्रिया को मापता है। इसका प्रमाणपत्र मिलने के बाद ये नई धाराएं लगाई जाती हैं। इस मामले में अब पीड़िता का BERA टेस्ट होगा। इसके पहले रविवार को उसका मेडिकल किया गया। सोमवार को कोर्ट में उसके धारा 164 में बयान भी दर्ज किए जाएंगे, जो काफी अहम रहेंगे। दिव्यांग अधिकार अधिनियम की ये धाराएं भी यह खबर भी पढ़ें... इंदौर में मूक-बधिर से रेप, बंधक बनाकर रखा इंदौर में मूक-बधिर युवती (उम्र 19 वर्ष) के साथ रेप करने का मामला सामने आया है। आरोपी ने पहले रेकी की। फिर मौका पाकर युवती को शहर से दूर गोम्मटगिरी स्थित एक निर्माणाधीन मकान में ले गया। यहां उसके साथ रेप किया, फिर पूरे दिन बिना खाना दिए बंधक बनाकर रखा। पूरी खबर पढ़ें...