चित्रकूट के घाट पर श्री रामलीला उत्सव का आयोजन:तीसरे दिन राम बारात का हुआ मंचन, कैकेयी ने मांगा वचन, राम चले वनवास
चित्रकूट के घाट पर श्री रामलीला उत्सव का आयोजन:तीसरे दिन राम बारात का हुआ मंचन, कैकेयी ने मांगा वचन, राम चले वनवास
चित्रकूट के राघव प्रयाग घाट में मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की ओर से सात दिवसीय श्री रामलीला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को श्री राम बारात, श्री राम राज्य की घोषणा, कैकेयी-मंथरा संवाद, दशरथ- कैकेयी संवाद और श्री राम वन गमन का मंचन किया गया। श्री रामलीला उत्सव के तीसरे दिन की शुरुआत राम बारात से हुई। इसके बाद अंत में श्री राम वन गमन का मंचन किया गया। इस दौरान ग्रुप के संयोजक शिरिष राजपुरोहित ने बताया कि इसकी शुरुआत 1986 में हुई थी। फंड के अभाव में 1992 में श्री रामलीला का मंचन बंद करना पड़ा। 2012 में कुछ सदस्यों को गरबा का ऑफर मिला। उन्होंने रामलीला का सुझाव दिया तो उज्जैन के रहवासियों ने चंदा कर रामलीला शुरू कराई। तब से अभी तक इसके 125 से ज्यादा शो हो चुके हैं। पहले रामलीला 9 दिनों तक चलती थी। श्रीराम के 36 गुणों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन
इसके साथ ही बिजावर मंदिर परिसर में श्रीराम के छत्तीस गुणों का चित्र कथन प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 38 कलाकारों की ओर से बनाए गए चित्र लगाए गए हैं। इसमें विशेष रूप से लालटू चित्रकार ने पश्चिम बंगाल की पटुआ शैली में बनाए गए चित्र में प्रभु श्रीराम का न्याय रूप दिखाया है। 26 अक्टूबर को श्री राम राज्याभिषेक
23 अक्टूबर, को श्री राम-निषादराज मिलन, केवट प्रसंग, दशरथ देवलोक गमन, भरत-कैकेयी संवाद की लीला होगी। इसी तरह 24 अक्टूबर को मिलाप, सीता हरण, जटायु मरण, शबरी प्रसंग, 25 अक्टूबर को श्री राम-हनुमान मिलन, श्री राम सुग्रीव मैत्री, बाली वध, हनुमान-रावण संवाद, लंका दहन। उत्सव के समापन दिवस 26 अक्टूबर को सेतुबंध, रामेश्वरम स्थापना, रावण-अंगद संवाद, कुंभकरण, मेघनाथ और रावण मरण, श्री राम राज्याभिषेक प्रसंग का मंचन किया जाएगा।
चित्रकूट के राघव प्रयाग घाट में मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की ओर से सात दिवसीय श्री रामलीला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को श्री राम बारात, श्री राम राज्य की घोषणा, कैकेयी-मंथरा संवाद, दशरथ- कैकेयी संवाद और श्री राम वन गमन का मंचन किया गया। श्री रामलीला उत्सव के तीसरे दिन की शुरुआत राम बारात से हुई। इसके बाद अंत में श्री राम वन गमन का मंचन किया गया। इस दौरान ग्रुप के संयोजक शिरिष राजपुरोहित ने बताया कि इसकी शुरुआत 1986 में हुई थी। फंड के अभाव में 1992 में श्री रामलीला का मंचन बंद करना पड़ा। 2012 में कुछ सदस्यों को गरबा का ऑफर मिला। उन्होंने रामलीला का सुझाव दिया तो उज्जैन के रहवासियों ने चंदा कर रामलीला शुरू कराई। तब से अभी तक इसके 125 से ज्यादा शो हो चुके हैं। पहले रामलीला 9 दिनों तक चलती थी। श्रीराम के 36 गुणों पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन
इसके साथ ही बिजावर मंदिर परिसर में श्रीराम के छत्तीस गुणों का चित्र कथन प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 38 कलाकारों की ओर से बनाए गए चित्र लगाए गए हैं। इसमें विशेष रूप से लालटू चित्रकार ने पश्चिम बंगाल की पटुआ शैली में बनाए गए चित्र में प्रभु श्रीराम का न्याय रूप दिखाया है। 26 अक्टूबर को श्री राम राज्याभिषेक
23 अक्टूबर, को श्री राम-निषादराज मिलन, केवट प्रसंग, दशरथ देवलोक गमन, भरत-कैकेयी संवाद की लीला होगी। इसी तरह 24 अक्टूबर को मिलाप, सीता हरण, जटायु मरण, शबरी प्रसंग, 25 अक्टूबर को श्री राम-हनुमान मिलन, श्री राम सुग्रीव मैत्री, बाली वध, हनुमान-रावण संवाद, लंका दहन। उत्सव के समापन दिवस 26 अक्टूबर को सेतुबंध, रामेश्वरम स्थापना, रावण-अंगद संवाद, कुंभकरण, मेघनाथ और रावण मरण, श्री राम राज्याभिषेक प्रसंग का मंचन किया जाएगा।