जनसुनवाई में पहुंचे शख्स ने खुद पर डाला पेट्रोल:मकान तोड़े जाने से नाराज था, एसडीएम ने जांच का दिया आश्वासन
जनसुनवाई में पहुंचे शख्स ने खुद पर डाला पेट्रोल:मकान तोड़े जाने से नाराज था, एसडीएम ने जांच का दिया आश्वासन
बालाघाट कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में मंगलवार को कुंवरलाल मसखरे ने खुद पर पेट्रोल डालकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने कुंवरलाल को एसडीएम कोर्ट गई है। कुंवरलाल मसखरे ने रनापुर एसडीएम और तहसीलदार पर बिना नोटिस दिए मकान तोड़ने का आरोप लगाया। पुलिस ने एक मई को किरनापुर क्षेत्र के वारा में राजस्व विभाग ने कुंवरलाल का मकान तोड़ा था। कुंवरलाल का कहना है कि अधिकारी उनके भाई बसंत मसखरे का मकान तोड़ने आए थे। लेकिन गलती से उनका मकान तोड़ दिया गया। किरनापुर एसडीएम कार्तिक जे. जायसवाल ने बताया कि कुंवरलाल का कच्चा मकान सड़क से लगी शासकीय भूमि पर था। स्थानीय लोग लंबे समय से इसकी शिकायत कर रहे थे। मकान के कारण ग्रामवासियों को परेशानी हो रही थी। एसडीएम गोपाल सोनी ने कहा कि आवेदक के पास पहले से एक पक्का मकान है। उनके एक भाई का अलग मकान है। दूसरे भाई को पीएम आवास योजना का लाभ मिला है। कुंवरलाल ने रिश्वत न देने पर मकान तोड़ने का आरोप लगाया है। बालाघाट एसडीएम गोपाल सोनी ने आवेदक से व्यक्तिगत चर्चा की। उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद आवेदक को पुलिस सुरक्षा में भेज दिया गया।
बालाघाट कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में मंगलवार को कुंवरलाल मसखरे ने खुद पर पेट्रोल डालकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने कुंवरलाल को एसडीएम कोर्ट गई है। कुंवरलाल मसखरे ने रनापुर एसडीएम और तहसीलदार पर बिना नोटिस दिए मकान तोड़ने का आरोप लगाया। पुलिस ने एक मई को किरनापुर क्षेत्र के वारा में राजस्व विभाग ने कुंवरलाल का मकान तोड़ा था। कुंवरलाल का कहना है कि अधिकारी उनके भाई बसंत मसखरे का मकान तोड़ने आए थे। लेकिन गलती से उनका मकान तोड़ दिया गया। किरनापुर एसडीएम कार्तिक जे. जायसवाल ने बताया कि कुंवरलाल का कच्चा मकान सड़क से लगी शासकीय भूमि पर था। स्थानीय लोग लंबे समय से इसकी शिकायत कर रहे थे। मकान के कारण ग्रामवासियों को परेशानी हो रही थी। एसडीएम गोपाल सोनी ने कहा कि आवेदक के पास पहले से एक पक्का मकान है। उनके एक भाई का अलग मकान है। दूसरे भाई को पीएम आवास योजना का लाभ मिला है। कुंवरलाल ने रिश्वत न देने पर मकान तोड़ने का आरोप लगाया है। बालाघाट एसडीएम गोपाल सोनी ने आवेदक से व्यक्तिगत चर्चा की। उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद आवेदक को पुलिस सुरक्षा में भेज दिया गया।