नागचून पार्क के सोलर प्लांट से बनने लगी बिजली:4 घंटे में 10 यूनिट का उत्पादन; 117 यूनिट क्षमता के प्लांट पर उग आया था जंगल

कई सालों से बंद पड़े अटल सरोवर नागचून तालाब पार्क में स्थित सोलर पावर प्लांट को दोबारा चालू किया गया है। पूर्व में इस सोलर प्लांट को एनएचडीसी ने स्थापित किया था। जिसकी प्रारंभिक क्षमता 117 यूनिट ऊर्जा उत्पादन की थी। लेकिन तकनीकी कारणों और देखरेख की कमी के चलते यह प्लांट बंद हो गया। प्लांट की खराब पावर सप्लाई केबल लाइन को निगम द्वारा बदलते हुए 50 स्क्वायर एमएम की नई केबल ट्रांसफार्मर से कंट्रोल रूम तक डाली गई है। इसके बाद गुरुवार को इस प्लांट को चालू किया गया, जिससे चार घंटे में 10 यूनिट सोलर ऊर्जा का उत्पादन हुआ। आगे से रोजाना 40 यूनिट तक सोलर ऊर्जा बनेगी। गर्मी के समय उत्पादन और अधिक हो सकता है। बंद पड़े प्लांट पर उग आया था जंगल प्लांट को फिर से कार्यशील बनाने के लिए नगर निगम ने कई जरूरी कदम उठाए हैं। सोलर पैनल के आसपास लगी झाड़ियां और पौधों को हटा दिया गया है। पैनल सहित पूरे सिस्टम की सर्विसिंग भी पूरी कर ली गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्लांट बिना किसी बाधा के सुचारु रूप से काम करें। हर महीने 1200 यूनिट बिजली से 12 हजार की बचत वर्तमान में इस प्लांट से बनने वाली सोलर ऊर्जा को मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी को नेट मीटरिंग सिस्टम के माध्यम से ऑन-ग्रिड सप्लाई किया जाएगा। हर महीने करीब 1200 यूनिट ऊर्जा की आपूर्ति होने की संभावना है। जिससे कि नगर निगम को करीब 12 हजार रूपए की विद्युत लागत में बचत होगी। स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा नगर निगम कमिश्नर प्रियंका राजावत ने कहा कि सोलर पावर प्लांट को पुनः कार्यशील बनाने से ना केवल निगम की ऊर्जा बचत होगी, बल्कि स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। नगर निगम ने पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

नागचून पार्क के सोलर प्लांट से बनने लगी बिजली:4 घंटे में 10 यूनिट का उत्पादन; 117 यूनिट क्षमता के प्लांट पर उग आया था जंगल
कई सालों से बंद पड़े अटल सरोवर नागचून तालाब पार्क में स्थित सोलर पावर प्लांट को दोबारा चालू किया गया है। पूर्व में इस सोलर प्लांट को एनएचडीसी ने स्थापित किया था। जिसकी प्रारंभिक क्षमता 117 यूनिट ऊर्जा उत्पादन की थी। लेकिन तकनीकी कारणों और देखरेख की कमी के चलते यह प्लांट बंद हो गया। प्लांट की खराब पावर सप्लाई केबल लाइन को निगम द्वारा बदलते हुए 50 स्क्वायर एमएम की नई केबल ट्रांसफार्मर से कंट्रोल रूम तक डाली गई है। इसके बाद गुरुवार को इस प्लांट को चालू किया गया, जिससे चार घंटे में 10 यूनिट सोलर ऊर्जा का उत्पादन हुआ। आगे से रोजाना 40 यूनिट तक सोलर ऊर्जा बनेगी। गर्मी के समय उत्पादन और अधिक हो सकता है। बंद पड़े प्लांट पर उग आया था जंगल प्लांट को फिर से कार्यशील बनाने के लिए नगर निगम ने कई जरूरी कदम उठाए हैं। सोलर पैनल के आसपास लगी झाड़ियां और पौधों को हटा दिया गया है। पैनल सहित पूरे सिस्टम की सर्विसिंग भी पूरी कर ली गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्लांट बिना किसी बाधा के सुचारु रूप से काम करें। हर महीने 1200 यूनिट बिजली से 12 हजार की बचत वर्तमान में इस प्लांट से बनने वाली सोलर ऊर्जा को मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी को नेट मीटरिंग सिस्टम के माध्यम से ऑन-ग्रिड सप्लाई किया जाएगा। हर महीने करीब 1200 यूनिट ऊर्जा की आपूर्ति होने की संभावना है। जिससे कि नगर निगम को करीब 12 हजार रूपए की विद्युत लागत में बचत होगी। स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा नगर निगम कमिश्नर प्रियंका राजावत ने कहा कि सोलर पावर प्लांट को पुनः कार्यशील बनाने से ना केवल निगम की ऊर्जा बचत होगी, बल्कि स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। नगर निगम ने पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।