बालाघाट जिला अस्पताल में डॉक्टर्स के लिए एप्रन-आईडी अनिवार्य:मरीज रेफर के लिए सिविल सर्जन की मंजूरी जरूरी, कलेक्टर ने जारी किया आदेश

बालाघाट जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए कलेक्टर मृणाल मीणा ने बुधवार शाम नए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने सभी डॉक्टरों को ओपीडी और राउंड के दौरान एप्रन पहनना और आईडी कार्ड लगाना अनिवार्य कर दिया है। मनोरोग विशेषज्ञों को इससे छूट दी गई है। मरीजों की बेहतर देखभाल करने के लिए प्रिस्क्रिप्शन में डॉक्टर का नाम और सील अनिवार्य की गई है। विशेष रूप से मरीजों को रेफर करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। अप्रैल से अब तक 63 मरीजों को रेफर किया गया था, जिसे देखते हुए अब बिना सिविल सर्जन की मंजूरी के किसी भी मरीज को रेफर नहीं किया जा सकेगा। कलेक्टर ने अस्पताल की समग्र व्यवस्था में सुधार पर जोर दिया है। राज्य स्तरीय टीम के सर्वे से पहले 18 विभागों के नोडल अधिकारियों को एसओपी और चेक लिस्ट के अनुसार इंटरनल सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। मर्च्युरी में वॉश बेसिन, वॉटर सप्लाई और अन्य आवश्यक सुविधाओं को प्रोटोकॉल के अनुरूप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सराफ, सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे, सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन सहित अन्य डॉक्टर और नोडल अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने शिशु रोग वार्ड, ओपीडी, स्त्री रोग, एनआरसी, ओटी और मेटरनिटी विभागों की विस्तृत समीक्षा की और एनएचएम के मानकों के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बालाघाट जिला अस्पताल में डॉक्टर्स के लिए एप्रन-आईडी अनिवार्य:मरीज रेफर के लिए सिविल सर्जन की मंजूरी जरूरी, कलेक्टर ने जारी किया आदेश
बालाघाट जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए कलेक्टर मृणाल मीणा ने बुधवार शाम नए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने सभी डॉक्टरों को ओपीडी और राउंड के दौरान एप्रन पहनना और आईडी कार्ड लगाना अनिवार्य कर दिया है। मनोरोग विशेषज्ञों को इससे छूट दी गई है। मरीजों की बेहतर देखभाल करने के लिए प्रिस्क्रिप्शन में डॉक्टर का नाम और सील अनिवार्य की गई है। विशेष रूप से मरीजों को रेफर करने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। अप्रैल से अब तक 63 मरीजों को रेफर किया गया था, जिसे देखते हुए अब बिना सिविल सर्जन की मंजूरी के किसी भी मरीज को रेफर नहीं किया जा सकेगा। कलेक्टर ने अस्पताल की समग्र व्यवस्था में सुधार पर जोर दिया है। राज्य स्तरीय टीम के सर्वे से पहले 18 विभागों के नोडल अधिकारियों को एसओपी और चेक लिस्ट के अनुसार इंटरनल सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। मर्च्युरी में वॉश बेसिन, वॉटर सप्लाई और अन्य आवश्यक सुविधाओं को प्रोटोकॉल के अनुरूप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सराफ, सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे, सिविल सर्जन डॉ. निलय जैन सहित अन्य डॉक्टर और नोडल अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने शिशु रोग वार्ड, ओपीडी, स्त्री रोग, एनआरसी, ओटी और मेटरनिटी विभागों की विस्तृत समीक्षा की और एनएचएम के मानकों के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।