महिला ने बीच रास्ते में दिया बच्ची को जन्म:खाट पर लिटाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया, टॉर्च जलाकर दो किमी चले परिजन और डॉक्टर

दमोह के डोडा गांव में एक महिला ने पगडंडी पर बच्ची को जन्म दिया। मंगलवार रात में महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन ने एम्बुलेंस को कॉल किया। एम्बुलेंस समय पर पहुंची लेकिन गांव से दो किलोमीटर दूर ही रुक गई। सड़क नहीं होने के कारण एम्बुलेंस आगे नहीं जा पाई। मामला कुम्हारी थाना क्षेत्र के डोडा गांव का है। प्रमोद अहिरवार ने गर्भवती पत्नी शारदा को पैदल ही एम्बुलेंस तक ले जाने की कोशिश की। इसी दौरान पगडंडी पर ही उसकी डिलीवरी हो गई। एम्बुलेंस पायलट पप्पू अहिरवार और एमएलटी डॉक्टर हनुमत यादव पैदल ही महिला तक पहुंचे। यहां से खाट पर महिला और बच्ची को लेकर झाड़ियों के बीच से टॉर्च की रोशनी में एम्बुलेंस तक पहुंचे। सुबह अस्पताल से लाए, रात को डिलीवरी हो गई परमबाई लोधी ने बताया, मंगलवार सुबह मैं गांव गई थी, महिला ने दर्द होने की शिकायत की। मैं उसे कुम्हारी अस्पताल चेकअप के लिए ले गई। वहां नर्स स्टाफ ने उसे चेक किया। तब बच्चेदानी का मुंह नहीं खुला था इसलिए प्रसव की संभावना नहीं थी। शाम को मुझे फिर से खबर आई कि प्रसव पीड़ा बढ़ गई है। मैंने एम्बुलेंस को कॉल किया। परिवार के लोग महिला को लेकर घर से निकले और रास्ते में डिलीवरी हो गई। मां और बच्ची पूरी तरह स्वस्थ डॉ. हनुमत यादव ने बताया, रास्ते में डिलीवरी की खबर मिलते ही जल्दबाजी में पैदल गांव पहुंचे। एम्बुलेंस से स्ट्रेचर नहीं ले जा पाए। कुम्हारी अस्पताल पहुंचने पर महिला और नवजात का चेकअप किया गया। उसे बेटी हुई है। दोनों पूरी तरह स्वस्थ है। शारदा को पहले से एक बेटी है। फिलहाल मां और बच्ची अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी देखभाल की जा रही है। आशा बोली- पहले भी एक गर्भवती को चारपाई पर ले गए गांव की आशा कार्यकर्ता परमबाई लोधी ने बताया, बीते 6 नवंबर को गांव की ममता पति पुष्पेंद्र आदिवासी को भी प्रसव पीड़ा हुई थी। शिशु की नाल गले में फंस गई थी। तब महिला को चारपाई पर लिटाकर एम्बुलेंस तक ले जाया गया था। परमबाई ने बताया, डोडा गांव में पक्की सड़क नहीं है। यहां करीब 30 परिवार रहते हैं। सभी को सरकारी पट्टे पर जमीन मिली है। खेती किसानी करने के लिए यह लोग खेतों में ही रहते हैं, जहां रास्ता नहीं है। बारिश के समय और अधिक परेशानियां बढ़ जाती है। ये भी पढ़ें... सिंगरौली में मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस:4 किमी तक खाट पर ले जाना पड़ा; अधिकारी बोले- जांच करेंगे सिंगरौली जिले में देवसर के चंदनिया गांव में एक मरीज को एंबुलेंस नहीं मिलने से परिजनों को खाट पर लिटाकर 4 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा। सोमवार को राजलाखन कोल की अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिवार ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया। 1 घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करने के बाद भी जब कोई सहायता नहीं मिली, तो मजबूरी में दो लोगों ने बांस की बल्ली के सहारे खाट पर रस्सी बांधकर मरीज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया। पूरी खबर पढ़ें...

महिला ने बीच रास्ते में दिया बच्ची को जन्म:खाट पर लिटाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया, टॉर्च जलाकर दो किमी चले परिजन और डॉक्टर
दमोह के डोडा गांव में एक महिला ने पगडंडी पर बच्ची को जन्म दिया। मंगलवार रात में महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन ने एम्बुलेंस को कॉल किया। एम्बुलेंस समय पर पहुंची लेकिन गांव से दो किलोमीटर दूर ही रुक गई। सड़क नहीं होने के कारण एम्बुलेंस आगे नहीं जा पाई। मामला कुम्हारी थाना क्षेत्र के डोडा गांव का है। प्रमोद अहिरवार ने गर्भवती पत्नी शारदा को पैदल ही एम्बुलेंस तक ले जाने की कोशिश की। इसी दौरान पगडंडी पर ही उसकी डिलीवरी हो गई। एम्बुलेंस पायलट पप्पू अहिरवार और एमएलटी डॉक्टर हनुमत यादव पैदल ही महिला तक पहुंचे। यहां से खाट पर महिला और बच्ची को लेकर झाड़ियों के बीच से टॉर्च की रोशनी में एम्बुलेंस तक पहुंचे। सुबह अस्पताल से लाए, रात को डिलीवरी हो गई परमबाई लोधी ने बताया, मंगलवार सुबह मैं गांव गई थी, महिला ने दर्द होने की शिकायत की। मैं उसे कुम्हारी अस्पताल चेकअप के लिए ले गई। वहां नर्स स्टाफ ने उसे चेक किया। तब बच्चेदानी का मुंह नहीं खुला था इसलिए प्रसव की संभावना नहीं थी। शाम को मुझे फिर से खबर आई कि प्रसव पीड़ा बढ़ गई है। मैंने एम्बुलेंस को कॉल किया। परिवार के लोग महिला को लेकर घर से निकले और रास्ते में डिलीवरी हो गई। मां और बच्ची पूरी तरह स्वस्थ डॉ. हनुमत यादव ने बताया, रास्ते में डिलीवरी की खबर मिलते ही जल्दबाजी में पैदल गांव पहुंचे। एम्बुलेंस से स्ट्रेचर नहीं ले जा पाए। कुम्हारी अस्पताल पहुंचने पर महिला और नवजात का चेकअप किया गया। उसे बेटी हुई है। दोनों पूरी तरह स्वस्थ है। शारदा को पहले से एक बेटी है। फिलहाल मां और बच्ची अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी देखभाल की जा रही है। आशा बोली- पहले भी एक गर्भवती को चारपाई पर ले गए गांव की आशा कार्यकर्ता परमबाई लोधी ने बताया, बीते 6 नवंबर को गांव की ममता पति पुष्पेंद्र आदिवासी को भी प्रसव पीड़ा हुई थी। शिशु की नाल गले में फंस गई थी। तब महिला को चारपाई पर लिटाकर एम्बुलेंस तक ले जाया गया था। परमबाई ने बताया, डोडा गांव में पक्की सड़क नहीं है। यहां करीब 30 परिवार रहते हैं। सभी को सरकारी पट्टे पर जमीन मिली है। खेती किसानी करने के लिए यह लोग खेतों में ही रहते हैं, जहां रास्ता नहीं है। बारिश के समय और अधिक परेशानियां बढ़ जाती है। ये भी पढ़ें... सिंगरौली में मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस:4 किमी तक खाट पर ले जाना पड़ा; अधिकारी बोले- जांच करेंगे सिंगरौली जिले में देवसर के चंदनिया गांव में एक मरीज को एंबुलेंस नहीं मिलने से परिजनों को खाट पर लिटाकर 4 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा। सोमवार को राजलाखन कोल की अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिवार ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया। 1 घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करने के बाद भी जब कोई सहायता नहीं मिली, तो मजबूरी में दो लोगों ने बांस की बल्ली के सहारे खाट पर रस्सी बांधकर मरीज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया। पूरी खबर पढ़ें...