उमरिया जिले के कोडार गांव की किसान पुत्री साक्षी ने भी गंगा की तरह अपने पानी (जज्बा) को बनाए रखा। एक बार असफलता मिलने पर भी वो निरंतर गंगा की तरह प्रवाहित होती रही। असफलताओं के प्रश्नों का उसने कोई उत्तर नहीं दिया बस गंगा की तरह सागर पहुंचना ही है, ये उसे ज्ञात था। आज उसने अपने द्वितीय प्रयास से मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा को उत्तीर्ण कर सागर (मंजिल) को प्राप्त कर ही लिया।
सज्जन उत्कृष्ट विद्यालय उमरिया 2012-13 बैच के गणित संकाय की छात्रा साक्षी सिंह ने विद्यालय के साथ ही उमरिया नगर को गौरवान्वित किया है। फेसबुक में उनके पिता राजेश सिंह ने लिखा "बेटे भाग्य से, बेटियां सौभाग्य से मिलती हैं।" ज्ञात हो पूर्व में भी उत्कृष्ट विद्यालय की बेटी दीपाली खंडेलवाल (सहायक आयुक्त सहकारिता देवास) डॉ पूजा द्विवेदी ( सहायक आयुक्त जनजातीय विभाग कटनी) दीपिका सोनी ( सहायक कोषालय अधिकारी कटनी) एवं कृतिका गोस्वामी ( सहायक कोष एवं लेखा अधिकारी रीवा) ने यह गौरव शहर को दिया है।
आज सफलता के बाद साक्षी ओंकारेश्वर में अपनी मित्र मंडली के साथ है। मां नर्मदा के किनारे-किनारे चलते हुए लंबी बातचीत में अपनी यादों को शेयर किया। बच्चे अपने स्कूल लाइफ के शिक्षकों को कभी नहीं भूलते। आज वो उमरिया पोस्ट ऑफिस के पीछे सरस्वती स्कूल के अपने प्रधानाचार्य नंदकुमार तिवारी जी, आचार्य रामभुवन द्विवेदी जी जो घर आकर भी पढ़ाते थे सब को याद कर रही है। सरस्वती स्कूल के बुनियादी नैतिक मूल्यों ने भविष्य की बुनियाद रख दी थी, दूसरी तरफ एक्सीलेंस स्कूल की प्राचार्य प्रतिभा परिहार मेडम के स्कूल एसेंबली संबोधन ने भी सकारात्मक ऊर्जा से सिंचित किया।
अपने हिंदी के टीचर शैलेन्द्र कनौजिया, अंग्रेजी के विनायक तिवारी, गणित के बृजेंद्र गुप्ता, फिजिक्स के रामपद तिवारी के साथ केमिस्ट्री के जे.डी. तिवारी सर को बहुत याद किया, और हां स्कूल के मंजू भईया के करेले चाट के स्वाद को भी याद किया। बहुत सी बातें, मेरे बायो लेब, मेरे बायो टीचिंग की ढेर सारी बातें एंकरिंग की स्टाइल आदि .... सुनकर मुझे भी स्वयं से मिलने का अवसर उसने दिया।
साक्षी दो बहन एक भाई में सबसे बड़ी बहन है। उसे अपना कैंप वाला घर जो शमी सर एवं विनायक सर के बगल में था। सब कुछ याद आया।
सेकंड अटेम्प्ट में उसने PSC क्लियर कर ली है। अभी 2023 बैच का इंटरव्यू भी होना शेष है, जिसकी तैयारी में वो लगी हुई है। इंटरव्यू में वन नेशन वन इलेक्शन, संविधान की प्रस्तावना, 1990 के बाद मध्यप्रदेश के राज्यपालों का नाम, उमरिया जिले का उल्लेख भारतीय सेना के लिए आदि प्रश्नों का उसने बखूबी उत्तर दिया।
लंबी चर्चा में अपने मित्रों को लेकर यादें शेयर करती रही.... रिकी सचदेव, प्रतीक्षा सिंह, अदिति शर्मा, शिखा मिश्रा, रूपाली मिश्रा, आशुतोष गौतम, रूपेश हरवानी को बहुत याद किया।
वो कहते है न करोगे याद तो हर बात याद आएगी...।
आगे बताया....MPPSC परीक्षा में सफलता के लिए बहुत ज्यादा धैर्य की जरूरत है। परिणाम तक पहुंचने में समय बहुत ज्यादा लगता है, असफलता को तुरंत भूलकर फिर से रणनीति के साथ तैयार होना पड़ता है। सोशल मीडिया से दूर रहते हुए समय प्रबंधन, सीनियर्स का साथ आदि पढ़ाई को निरंतरता देता है।
उमरिया जिले में अच्छी संभावनाएं है, एक्सीलेंस स्कूल के दो-तीन छात्र बेस्ट कंपटीटर है, उन्हें भी सफलता अवश्य मिलेगी।
अंत में सभी के प्रति धन्यवाद भाव एवं आभार के साथ उमरिया में मिलने की इच्छा व्यक्त करते हुए ओंकारेश्वर दर्शन के बाद ममलेश्वर दर्शन के लिए प्रस्थान किया।