रोशनी से नहाया इंदौर का रामबाग मुक्तिधाम:3 दिन गूजेंगी सुंदरकांड की चौपाईयां, भैरव जयंती पर जलती चिता के बीच होगा भंडारा
रोशनी से नहाया इंदौर का रामबाग मुक्तिधाम:3 दिन गूजेंगी सुंदरकांड की चौपाईयां, भैरव जयंती पर जलती चिता के बीच होगा भंडारा
इंदौर का एक श्मशान इन दिनों लाइटिंग से रोशन है। अगले तीन दिनों तक यहां महोत्सव मनेगा। दूर-दूर से भक्त श्मशान में आऐंगे। यहां सुंदर कांड की चौपाई गूजेंगी और भगवान भैरव की शोभायात्रा निकलेगी। भजनों और जलती चिता (संभवत) के बीच भंडारा होगा। 20 हजार भक्त भोजन प्रसादी लेंगे। हम बात कर रहे है इंदौर के रामबाग मुक्तिधाम की। यहां 21 नवंबर से 23 नवंबर तक भैरव जयंती के मौके पर तीन दिनी भैरव जन्मोत्सव मनेगा। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर श्मशान के अंदर बना है। यहां एक तरफ जलती चिता, राख नजर आती है, तो दूसरी तरफ आयोजन होते है। इन दिनों पूरे श्मशान को लाइटिंग से सजाया है। मंदिर के बाहर भी लाइटिंग लगी है। सजावट का ऐसा नजारा है कि लगता ही नहीं है कि यह श्मशान है। यहां बुधवार-रविवार के साथ ही अमावस और पूर्णिमा पर बाबा को चोला चढ़ाया जाता है। भोग अर्पित किया जाता है। अब जान लेते है जन्मोत्सव में होने वाले आयोजनों के बारे में 21 नवंबर को मुक्तिधाम में सुंदरकांड की चौपाई गूजेंगी। शाम 7.30 बजे यहां सुंदरकांड का पाठ होगा। इसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होंगे। रात करीब 12 बजे तक सुंदरकांड चलेगा। 22 नवंबर को चल समारोह और शोभायात्रा का आयोजन होगा। इसमें भगवान भैरव भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। शोभायात्रा शाम करीब 6 बजे मुक्तिधाम परिसर से ही निकलेगी, जो मल्हार आश्रम, चिकमंगलूर चौराहा सहित अन्य रास्तों से होते हुए वापस मुक्तिधाम मंदिर परिसर पर समाप्त होगी। इसमें भी भक्तों की भारी भीड़ रहेगी। 23 नवंबर को मुक्तिधाम स्थित मंदिर में महाआरती, छप्पन भोग और भजन संध्या का आयोजन होगा। इसकी शुरुआत शाम 7 बजे से होगी। इसके साथ ही भंडारा भी होगा। जहां महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। खाने के स्टॉल लगाए जाऐंगे। जहां भक्त स्वयं अपने हाथों से परोसकर बफेट में प्रसादी लेंगे। भंडारे में रामबाजी, पुड़ी, नुक्ति, भजिए आदि व्यंजन बनेंगे। 14 सालों से निरंतर जारी है भंडारा मंदिर के मुख्य पुजारी दिलीप माने ने कहा कि तीन दिवसीय भैरव जन्मोत्सव के आयोजन होंगे। भंडारे में एक तरफ चिता जलती रहती है, दूसरे तरफ भक्त बाबा की प्रसादी ग्रहण करते है। 20 हजार भक्तों के लिए भोजन प्रसादी तैयार होगी। मंदिर करीब 60 से 70 साल पुराना है। भंडारे की शुरुआत 14 साल पहले हुई थी उस समय 200 से 400 लोग आते थे, इसके बाद भक्तों की संख्या बढ़ती गई। 4-5 हजार से यह संख्या आज 20 हजार तक पहुंच गई है। भक्तों ने बोले- श्मशान में डर नहीं लगता, मन्नतें पूरी होती हैं भक्त राखी गौड़ ने कहा कि उन्हें मंदिर में आते हुए 8 से 10 साल हो गए है। यहां की मान्यता है कि यहां जो भी मांगों वह पूरा होता है। यहां महिलाएं भी आती है। हम रात में भी भगवान के दर्शन करने आते है। भक्त रजत नामदेव ने कहा कि 10-12 सालों से वह मुक्तिधाम में बने भैरव बाबा के मंदिर में आ रहे है। यहां कई लोगों की मन्नतें पूरी हुई है। यह सिद्ध भैरव बाबा के नाम से जाने जाते है। कई सालों से यहां भंडारा चला आ रहा है। हर साल वे भंडारे में शामिल होते है। भक्त रोहित ने बताया कि 14 साल हो गए बाबा के यहां आते है। यहां बाबा सिद्ध है। दिल से आप कोई मन्नत मांगें तो वह पूरी होती है। यहां चिताएं भी जलती है, लेकिन हमें डर नहीं लगता है। यहां एक तरफ चिताएं जलती है, दूसरी तरफ भंडारा होता है।
इंदौर का एक श्मशान इन दिनों लाइटिंग से रोशन है। अगले तीन दिनों तक यहां महोत्सव मनेगा। दूर-दूर से भक्त श्मशान में आऐंगे। यहां सुंदर कांड की चौपाई गूजेंगी और भगवान भैरव की शोभायात्रा निकलेगी। भजनों और जलती चिता (संभवत) के बीच भंडारा होगा। 20 हजार भक्त भोजन प्रसादी लेंगे। हम बात कर रहे है इंदौर के रामबाग मुक्तिधाम की। यहां 21 नवंबर से 23 नवंबर तक भैरव जयंती के मौके पर तीन दिनी भैरव जन्मोत्सव मनेगा। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर श्मशान के अंदर बना है। यहां एक तरफ जलती चिता, राख नजर आती है, तो दूसरी तरफ आयोजन होते है। इन दिनों पूरे श्मशान को लाइटिंग से सजाया है। मंदिर के बाहर भी लाइटिंग लगी है। सजावट का ऐसा नजारा है कि लगता ही नहीं है कि यह श्मशान है। यहां बुधवार-रविवार के साथ ही अमावस और पूर्णिमा पर बाबा को चोला चढ़ाया जाता है। भोग अर्पित किया जाता है। अब जान लेते है जन्मोत्सव में होने वाले आयोजनों के बारे में 21 नवंबर को मुक्तिधाम में सुंदरकांड की चौपाई गूजेंगी। शाम 7.30 बजे यहां सुंदरकांड का पाठ होगा। इसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होंगे। रात करीब 12 बजे तक सुंदरकांड चलेगा। 22 नवंबर को चल समारोह और शोभायात्रा का आयोजन होगा। इसमें भगवान भैरव भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। शोभायात्रा शाम करीब 6 बजे मुक्तिधाम परिसर से ही निकलेगी, जो मल्हार आश्रम, चिकमंगलूर चौराहा सहित अन्य रास्तों से होते हुए वापस मुक्तिधाम मंदिर परिसर पर समाप्त होगी। इसमें भी भक्तों की भारी भीड़ रहेगी। 23 नवंबर को मुक्तिधाम स्थित मंदिर में महाआरती, छप्पन भोग और भजन संध्या का आयोजन होगा। इसकी शुरुआत शाम 7 बजे से होगी। इसके साथ ही भंडारा भी होगा। जहां महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। खाने के स्टॉल लगाए जाऐंगे। जहां भक्त स्वयं अपने हाथों से परोसकर बफेट में प्रसादी लेंगे। भंडारे में रामबाजी, पुड़ी, नुक्ति, भजिए आदि व्यंजन बनेंगे। 14 सालों से निरंतर जारी है भंडारा मंदिर के मुख्य पुजारी दिलीप माने ने कहा कि तीन दिवसीय भैरव जन्मोत्सव के आयोजन होंगे। भंडारे में एक तरफ चिता जलती रहती है, दूसरे तरफ भक्त बाबा की प्रसादी ग्रहण करते है। 20 हजार भक्तों के लिए भोजन प्रसादी तैयार होगी। मंदिर करीब 60 से 70 साल पुराना है। भंडारे की शुरुआत 14 साल पहले हुई थी उस समय 200 से 400 लोग आते थे, इसके बाद भक्तों की संख्या बढ़ती गई। 4-5 हजार से यह संख्या आज 20 हजार तक पहुंच गई है। भक्तों ने बोले- श्मशान में डर नहीं लगता, मन्नतें पूरी होती हैं भक्त राखी गौड़ ने कहा कि उन्हें मंदिर में आते हुए 8 से 10 साल हो गए है। यहां की मान्यता है कि यहां जो भी मांगों वह पूरा होता है। यहां महिलाएं भी आती है। हम रात में भी भगवान के दर्शन करने आते है। भक्त रजत नामदेव ने कहा कि 10-12 सालों से वह मुक्तिधाम में बने भैरव बाबा के मंदिर में आ रहे है। यहां कई लोगों की मन्नतें पूरी हुई है। यह सिद्ध भैरव बाबा के नाम से जाने जाते है। कई सालों से यहां भंडारा चला आ रहा है। हर साल वे भंडारे में शामिल होते है। भक्त रोहित ने बताया कि 14 साल हो गए बाबा के यहां आते है। यहां बाबा सिद्ध है। दिल से आप कोई मन्नत मांगें तो वह पूरी होती है। यहां चिताएं भी जलती है, लेकिन हमें डर नहीं लगता है। यहां एक तरफ चिताएं जलती है, दूसरी तरफ भंडारा होता है।