भोपाल डीईओ ऑफिस के कर्मचारी पर आरोप:शासन को लाखों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई; लोक शिक्षण संचालक ने जांच के दिए निर्देश
भोपाल डीईओ ऑफिस के कर्मचारी पर आरोप:शासन को लाखों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई; लोक शिक्षण संचालक ने जांच के दिए निर्देश
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी सीजे जॉयसन एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के जरिए शासन को लाखों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने और नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे हैं। मामले की शिकायत फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, भोपाल चैप्टर ने सीधे स्कूल शिक्षा मंत्री के कार्यालय में की है। शिकायतों को गंभीर मानते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने जांच के निर्देश दिए हैं। लोक शिक्षण संचालक केके द्विवेदी ने संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संभाग भोपाल को आदेश दिया है कि शिकायतों का परीक्षण कर एक तथ्यात्मक और स्पष्ट अभिमत रिपोर्ट जल्द भेजी जाए। हालांकि, मामले में सीजे जॉयसन ने कहा कि फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, भोपाल चैप्टर रजिस्टर नहीं है। सभी आरोप गलत हैं। जब कोई शिकायत का लेटर आता है तो संचालक द्वारा उसकी जांच के आदेश दिए जाते हैं। विभाग द्वारा जांच की जा रही है। शिकायतों में लगाए गए गंभीर आरोप फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए शिकायत पत्र में कई गंभीर बातें सामने आई हैं। आरोप लगाया गया है कि जॉयसन को टाइपिंग परीक्षा पास करने के बाद वेतन वृद्धि दी गई, जबकि उन्हें टाइपिंग का कोई वास्तविक ज्ञान नहीं है। इसके अलावा उन पर कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने, पुलिस थाने में दर्ज प्रकरणों, नियमों के खिलाफ दो-दो शासकीय भवन लेने, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। पहले भी विवादों में फंसे
शिकायतकर्ता के अनुसार, सीजे जॉयसन इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं। लगभग 6 साल पहले डीईओ कार्यालय में शराब पार्टी का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें जॉयसन का नाम सामने आया था। वीडियो के सामने आने के बाद तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री ने जांच के आदेश भी दिए थे। लेकिन उस समय भी किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं हुई और मामला फाइलों में दबकर रह गया।
जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी सीजे जॉयसन एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के जरिए शासन को लाखों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने और नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे हैं। मामले की शिकायत फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, भोपाल चैप्टर ने सीधे स्कूल शिक्षा मंत्री के कार्यालय में की है। शिकायतों को गंभीर मानते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने जांच के निर्देश दिए हैं। लोक शिक्षण संचालक केके द्विवेदी ने संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संभाग भोपाल को आदेश दिया है कि शिकायतों का परीक्षण कर एक तथ्यात्मक और स्पष्ट अभिमत रिपोर्ट जल्द भेजी जाए। हालांकि, मामले में सीजे जॉयसन ने कहा कि फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, भोपाल चैप्टर रजिस्टर नहीं है। सभी आरोप गलत हैं। जब कोई शिकायत का लेटर आता है तो संचालक द्वारा उसकी जांच के आदेश दिए जाते हैं। विभाग द्वारा जांच की जा रही है। शिकायतों में लगाए गए गंभीर आरोप फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा दिए गए शिकायत पत्र में कई गंभीर बातें सामने आई हैं। आरोप लगाया गया है कि जॉयसन को टाइपिंग परीक्षा पास करने के बाद वेतन वृद्धि दी गई, जबकि उन्हें टाइपिंग का कोई वास्तविक ज्ञान नहीं है। इसके अलावा उन पर कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने, पुलिस थाने में दर्ज प्रकरणों, नियमों के खिलाफ दो-दो शासकीय भवन लेने, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। पहले भी विवादों में फंसे
शिकायतकर्ता के अनुसार, सीजे जॉयसन इससे पहले भी विवादों में रह चुके हैं। लगभग 6 साल पहले डीईओ कार्यालय में शराब पार्टी का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें जॉयसन का नाम सामने आया था। वीडियो के सामने आने के बाद तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री ने जांच के आदेश भी दिए थे। लेकिन उस समय भी किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं हुई और मामला फाइलों में दबकर रह गया।